बीजेपी-कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुखों ने एक दूसरे को ही ट्रोल कर दिया!
अब तक आप ट्रोल के बारे में सिर्फ सोशल मीडिया के खबरों के जरिये जानते होंगे. इंडिया टुडे के कर्नाटक पंचायत में मंच पर दिखा ट्रोल का नमूना - लाइव.
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ट्रोल कैसे होते होंगे? उनकी सोच क्या वाकई वैसी ही होती होगी जैसी सोशल मीडिया पर दिखती है? क्या निजी जीवन में भी वे बिलकुल वैसे ही होते होंगे जैसे सोशल मीडिया पर उनकी शख्सियत नजर आती है? आखिर सोशल और पर्सनल लाइफ में वे सामन्जस्य कैसे बिठा पाते होंगे? ट्रोल को लेकर तमाम लोगों के मन में स्वाभाविक तौर पर ऐसे सवाल जरूर उठते होंगे. मोटे तौर पर ट्रोल उन सोशल मीडिया यूजर को समझा जाता है जो किसी भी बात पर किसी के भी खिलाफ कहर बन कर टूट पड़ते हैं. ऐसा भी नहीं कि ट्रोल करने वाले सभी फेक आईडी के साथ मौजूद रहते हैं या अपनी पहचान छुपाये हुए होते हैं, बहुत सारे लोग किसी खास एजेंडा के तहत ऐसा करते हैं.
बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय और कांग्रेस की दिव्या स्पंदना जब एक कार्यक्रम में मिले तो देखते ही देखते एक दूसरे से भिड़ गये - और जब तक मंच पर मौजूद रहे उनकी तू-तू, मैं-मैं एक मिनट के लिए भी खत्म नहीं हो पायी.
बीजेपी बनाम कांग्रेस
इंडिया टुडे कर्नाटक पंचायत के 8वें सत्र 'द आईटी वे टु विन' में अमित मालवीय और दिव्या स्पंदना बैठे तो अगल बगल थे, लेकिन जब तक मंच पर रहे आमने सामने ही नजर आये. अमित मालवीय बीजेपी के आईटी सेल के प्रभारी हैं, जबकि दिव्या कांग्रेस की सोशल मीडिया चीफ हैं. दिलचस्प बात ये है कि दोनों ही अपनी अपनी हरकतों को लेकर अक्सर विवादों में रहते हैं - और ऐसा होता क्यों है ये उनके बातचीत का अंदाज और मिजाज खुद खुल कर गवाही दे रहे थे.
टारगेट पर मोदी
दोनों के लिए अपनी अपनी पार्टियों का बचाव करना उनकी ड्यूटी है, लेकिन एक दूसरे की बातों के खिलाफ वैसी ही दलीलें पेश कर रहे थे जैसे ट्रोल किया करते हैं. कुछ टीवी स्टूडियो में भी ऐसी बहस रूटीन है, लेकिन मंच पर लोगों के बीच अपनी अपनी पार्टियों के बचाव का तरीका बड़ा दिलचस्प लगा. कैम्ब्रिज एनलिटिका का जिक्र करते हुए अमित मालवीय ने जब उसके दफ्तर में कांग्रेस के चुनाव निशान की बात उठाई तो फौरन ही स्पंदना ने उसकी काट खोज निकाली. अमित मालवीय ने समझाने की कोशिश की कि कोई भी नये क्लाइंट को प्रभावित करने के लिए अपने पुराने क्लाइंट के नाम का मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल करता है, ये मामला वैसा ही था.
दिव्या स्पंदना ने काउंटर करते हुए पूछा कि फिर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ नीरव मोदी के फोटो होने को क्या समझा जाये?
कैरेक्टर सर्टिफिकेट?
पंचायत सेशन में स्पंदना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ऐसे लोगों को ट्विटर पर फॉलो करने का मुद्दा उठाया जो ट्रोल करते हैं और रेप तक की धमकी देते हैं. स्पंदना ने कहा कि ऐसे लोग ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल में लिखे हुए हैं कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं. जो मुद्दा स्पंदना ने उठाया वो पहले भी चर्चित रहा है और जो जवाब बीजेपी नेताओं की ओर से सुनने को मिले हैं अमित मालवीय ने वही दोहरा दिये. अमित मालवीय का भी कहना रहा कि प्रधानमंत्री का फॉलो करना किसी को कैरेक्टर सर्टिफिकेट नहीं है. अमित मालवीय का कहना रहा कि कोई किसी के खिलाफ गलत बयान दे, इससे ट्विटर पर उसे फॉलो करने वाले का कोई लेना देना नहीं है. मिसाल के तौर पर, अमित मालवीय ने अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के भी नाम लिये जिसे प्रधानमंत्री फॉलो करते हैं.
टारगेट पर कांग्रेस
ये दोनों नेता भी हमेशा मोदी को खरी खोटी सुनाते रहते हैं. राहुल गांधी प्रधानमंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं तो केजरीवाल उन्हें 'मनोरोगी' और 'कायर' तक बता चुके हैं. ये बात अलग है कि इन दिनों केजरीवाल माफीनामा लेकर निकल पड़े हैं और अपनी कही गयी बातों को खुद ही गलत बता रहे हैं.
.@divyaspandana and @malviyamit take on each other on the issue of fake news and freedom of expression. #KarnatakaPanchayat @rahulkanwal LIVE: https://t.co/GXLPkiOmy0 pic.twitter.com/90JVY7DpWS
— India Today (@IndiaToday) March 31, 2018
विवाद, विवाद और विवाद
अमित मालवीय अक्सर अपने ट्वीट को लेकर विवादों में रहते हैं. कई बार उनके ट्वीट को लेकर खूब बवाल मचा है कभी फेक न्यूज को लेकर तो कभी किसी और वजह से. वैसे फेक न्यूज पर एक्शन का लेटेस्ट नमूना है - पोस्टकार्ड न्यूज वेबसाइट. फेक न्यूज को लेकर इसके एडिटर और को-फाउंडर महेश विक्रम हेगड़े को गिरफ्तार किया गया है.
लोगों ने कहा - नतीजे भी बता देते!
हाल ही में अमित मालवीय के एक ट्वीट पर खूब बवाल मचा. अमित मालवीय ने इलेक्शन कमीशन के चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही उन्हें ट्विटर पर शेयर कर दिया. सवाल उठा कि आखिर चुनाव की तारीख लीक होकर अमित मालवीय तक पहुंची तो कैसे. अपने बचाव में में मालवीय का कहना रहा कि उन्हें तो एक न्यूज चैनल से मालूम हुआ और फिर शेयर कर दिया.
अमित मालवीय की तरह ही, कुछ दिन पहले दिव्या स्पंदना का एक वीडियो में वायरल हुआ था जिसको लेकर बहुत विवाद हुआ. वीडियो में फेक आईडी बनाने की बात करते सुना गया था. हालांकि, स्पंदना ने इस आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया था.
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