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Updated: 29 नवम्बर, 2017 10:14 PM
अभिनव राजवंश
अभिनव राजवंश
  @abhinaw.rajwansh
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से गुजरात में चुनावी रैलियों की शुरुआत कर दी. मोदी ने पहले ही दिन 4 रैलियां कर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. हालांकि अपने रैलियों में मोदी ने यह भी साफ़ कर दिया की अब भारतीय जनता पार्टी गुजराती अस्मिता और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देगी. पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि- 'गुजरात ने मुझे बड़ा किया है. गुजरात मेरी मां है.' उन्होंने कहा कि- 'कांग्रेस को समझना चाहिए कि गुजराती कभी अपमान सहन नहीं करेगा. मेरे ऊपर कभी कोई दाग नहीं था. लेकिन कांग्रेस गुजरात में आकर मेरे ऊपर आरोप लगा रही है. मुझे भला-बुरा कह रही है. गुजरात की जनता कभी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी. गुजरात के बेटे पर हमला, यहां के लोग माफ नहीं करेंगे.'

मोदी ने साथ ही सरदार बल्लभ भाई पटेल और मोरारजी देसाई को सम्मान न देने का आरोप भी कांग्रेस पर लगाया. नरेंद्र मोदी ने हाफिज सईद के मुद्दे पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान में जब मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद को छोड़ा गया, तब कांग्रेस वाले ताली बजा रहे थे. हालांकि नरेंद्र मोदी पहले भी गुजराती अस्मिता की बात करते रहे हैं. मगर चुनावी रैलियों में जिस जोर-शोर से मोदी ने इस मुद्दे को उठाया है, उससे एक बात तो स्पष्ट है कि भाजपा अब अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहती है.

अभी तक गुजरात में जो हालात हैं, उसमें भारतीय जनता पार्टी को लेकर लोगों में मिली जुली राय रही हैं. जहां व्यसायियों के मन में GST को लेकर गुस्सा है, तो वहीं अभी तक ज्यादातर चुनाव पूर्व सर्वे भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार बनाती दिख रही है. हालांकि भाजपा के लिए चिंता यह भी है कि गुजरात में इस बार राहुल गांधी के भी चुनावी सभाओं में भी अच्छी खासी भीड़ दिखाई दे रही है. और राहुल, सरकार को हर मुद्दे पर घेरते भी नजर आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा फिर से चुनाव उन्ही मुद्दों पर लड़ना चाहती जिस पर भाजपा को अब तक फायदा हुआ है.

BJP, Congress, Gujaratगुजराती अस्मिता का कार्ड खेल अब गुजरात चुनाव में उतरी भाजपा

उत्तर प्रदेश में यह राष्ट्रवाद का ही मुद्दा था जिसने भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाया था. अब भाजपा फिर से अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए उसी मुद्दे को गुजरात चुनाव में भी ले आयी है. भाजपा जहां इन मुद्दों से पाटीदार आंदोलन और GST से उपजे असंतोष को भुलाकर चुनाव से पहले माहौल बनाने की जुगत में है. तो वहीं यह मुद्दे कांग्रेस की दुखती रग की तरह भी है.

हालांकि कांग्रेस को भी इस बात का पूर्वाभास था कि चुनाव नजदीक आते आते नरेंद्र मोदी और भाजपा, अस्मिता का मुद्दा जरूर उठाएंगे. शायद इसीलिए राहुल गांधी ने कांग्रेस के लोगों को मोदी पर निजी हमले करने से बचने कि सलाह दी थी. मगर इस सलाह के कुछ ही दिन बाद युवा कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट पर मोदी को मीम की मदद से चाय बेचने की सलाह दी गई थी. इस मुद्दे पर कांग्रेस की काफी किरकिरी भी हुई थी और अब मोदी इस मुद्दे को जमकर भुनाते भी नजर आ रहे हैं.

साल 2015 के बिहार चुनाव में नितीश कुमार ने मोदी के उस बयान को भी जमकर भुनाया था, जिसमें उन्होंने नितीश कुमार के डीएनए पर कमेंट किया. नितीश कुमार ने इस बयान को बिहारी अस्मिता से जोड़ते हुए भाजपा के खिलाफ इस्तेमाल किया था. नितीश को इसका फायदा भी चुनावों में मिला. अब गुजरात में नरेंद्र मोदी गुजराती अस्मिता को लेकर राहुल गांधी को घेर रहे हैं. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की राहुल गांधी कैसे इस मुद्दे पर जवाब देते हैं.

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अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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