संगीत की यात्रा में बीजेपी का विवादी सुर...
बात संगीत सोम की निर्भय यात्रा की कीजिए या सपा की सद्भावना यात्रा की. दरअसल, ऐसी राजनीतिक यात्राओ का मकसद कहीं पहुंचना पहुंचाना नहीं होता. पहुंचाए जाते हैं तो सिर्फ संकेत और सन्देश. और सरधना में भी यही हुआ.
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यूपी के चुनावी चौसर पर संगीत सोम ने पहली चाल खेली तो उनकी ही पार्टी बीजेपी को ये अखर गया. पहली ही तान में पार्टी ने विवादी सुर लगा कर बेसुरा कर दिया. हालांकि चुनावी शतरंज की बिसात पर सोम की चाल बढ़ते ही सपा ने भी अपना प्यादा एक घर आगे बढ़ाया. इधर निर्भय यात्रा के तुर्की ब तुर्की जवाब में साईकिल वाली पार्टी ने सद्भावना यात्रा का ऐलान कर डाला. वही दिन, वही समय और वही शहर ...सरधना.
इस कस्बे में कभी बेगम समरू ने बेहद खूबसूरत चर्च बनवाया था. गुम्बद वाला. ताजमहल जैसा. तब बेगम ने भी दुनिया को अपनी हैसियत बताने के लिए ये सब किया था. अब फिर से यात्राओं की बात करते हैं. सरधना में 17 जून का दिन चढ़ते चढ़तेदोनों राजनीतिक यात्राएं चली ज़रूर पर कुछ कदम ही. मन्ज़िल पर दोनों ही नहीं पहुंची. क्योंकि उन्हें पहुंचना ही नहीं था. उन्हें तो पहुंचाना था ...अपना सन्देश.
वैसे भी ऐसी राजनीतिक यात्राओ का मकसद कहीं पहुंचना पहुंचाना होता भी नहीं है. पहुंचाए जाते हैं तो सिर्फ संकेत और सन्देश. और सरधना में भी यही हुआ. संगीत की यात्रा 4 किलोमीटर चली तो सपा की सभास्थल से कोई 40 कदम भर. संगीत को पुलिस ने रोक लिया तो सपा को जुमे की नमाज़ के वक़्त ने. अज़ान के साथ ही सभा भी खत्म और यात्रा भी. मकसद दोनों के हल हो चुके थे.
सपा के अतुल प्रधान (बाएं) |
अब देखें यात्रा की तैयारियों और पल पल बदलते बयानों पर. प्रशासन ने कहा 144 लगी है यात्रा नही होने देंगे. संगीत सोम ये कह ज़रूर रहे थे कि उनसे प्रशासन ने इस बाबत कुछ भी नहीं कहा. पर चिंता तो थी ही. हालत कुछ वैसी ही थी गोया घरवालों की मर्ज़ी के खिलाफ कोई प्रेम विवाह करने जाय. शादी की गुदगुदी और घरवालों का ख़ौफ़ एकसाथ.
सरधना में हालांकि विधायक संगीत की निर्भय यात्रा की चर्चा ज़ोरों पर थी. सुबह से गुलाबी लहरिये की पगड़ी बांधे ठाकुर संगीत सिंह सोम तीन बार ड्योढ़ी तक आकर लौट चुके थे. भीड़ जमी नही थी. और दोपहर चढ़ते यात्रा शुरू हुई और घण्टे भर में मामला फुस्स हो गया. साढ़े तीन बजे संगीत सोम की दूसरी यात्रा शुरू हुई- दिल्ली रवानगी की यात्रा. क्योकि निर्भय यात्रा तो बिना किसी मन्ज़िल के थम गई.
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इधर पार्टी ने किनारा किया तो उधर कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने नसीहत दे डाली कि संगीत अपने इलाके को ही देखें. इधर आने की कोई ज़रूरत नही. रही सही कसर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य के बयान ने निकाल दी कि कार्यक्रम और इसका विचार पार्टी का नही सिर्फ संगीत का है.
संगीत के विवादी सुर पर लगाम लगाएगी बीजेपी? |
प्रशासन ने शहर में धारा 144 भी लगाई और पुलिस अधिकारी संगीत के साथ संगत भी करते दिखे. जबकि संगीत सोम के साथ सैकड़ों लोग नारे लगाते हुए चल रहे थे. सुबह से सरधना से बीजेपी विधायक ठाकुर संगीत सिंह सोम तीन बार घर की ड्योढ़ी तक आकर लौट चुके थे. तब भीड़ नहीं थी. 11 बजे से 20-25 के जत्थो में लोग आने लगे और हज़ार के करीब लोग जुट गए.
नारों के शोर में यात्रा शुरू हुई और करीब 4 किलोमीटर गई. फिर पुलिस ने रोका. यात्रा का रथ मुड़ गया. संगीत के इस यात्रा राग का आरोह यहीं तक था. अवरोह शुरू हो चुका. पार्टी ने विवादी सुर लगा कर संगीत के राग का मज़ा भी तो किरकिरा कर दिया.
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