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Updated: 10 जनवरी, 2020 01:06 PM
नवेद शिकोह
नवेद शिकोह
  @naved.shikoh
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Chhapaak movie review आने लगे हैं. 2005 में एसिड अटैक की शिकार हुई लक्ष्‍मी अग्रवाल के जीवन पर आधारित यह फिल्‍म तारीफें बटोर रही है. Deepika Padukone performance तो लाजवाब ही है. दीपिका पादुकोण ने बतौर प्रोड्यूसर यह पहली फिल्‍म बनाई है. बेटियों की रक्षा-सुरक्षा, मान-सम्मान और एसिड अटैक (acid attack) की फिक्र से जुड़े बेहद गंभीर विषय पर बनी फिल्म छपाक दर्शकों से तारीफ बटोर रही है, लेकिन सियासत की दुनिया में खुद नफरती एसिड अटैक का शिकार हो रही है. फिल्म की मेन लीड दीपिका पादुकोण से नाराजगी जताते हुए मोदी सरकार समर्थकों (Modi supporters) ने उनकी फिल्म छपाक का बहिष्कार (Boycott Chhapaak) करने का ऐलान कर दिया था. वजह ये थी कि दीपिका सरकार विरोध का हब कहे जाने वाले जेएनयू छात्रों के समर्थन में पंहुच (Deepkia Padukone JNU visit) गयीं थी. वहीं मामले पर सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. तर्क आया है कि एक लोकतान्त्रिक देश होने के नाते भारत में कोई भी कहीं भी जा सकता है.

दीपिका पादुकोण, छपाक, जेएनयू, मोदी सरकार, Deepika Padukone   छपाक (Chhapaak)) हिट होगी या फ्लॉप इसका फैसला बॉक्स ऑफिस की रिपोर्ट में हो जाएगा

उधर मोदी विरोधियों के सेंसेक्स बाजार में एकाएकी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का नाम सातवें आसमान पर पंहुच गया. एसिड हमलों के विरोध में एक वास्तविक घटना पर बनी अपनी फिल्म छपाक के प्रमोशन के दौरान सरकार विरोधियों का हब कहे जाने वाले जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन में पंहुची दीपिका की इस फिल्म का बॉक्स आफिस में क्या अंजाम होता है ये देखना ज़रूरी है. दीपिका पादुकोण की इस विशाल, चर्चित और गंभीर फिल्म छपाक का बॉक्स आफिस नतीजा (Chhapaak box office collection) NRC और CAA पर देश का रुख जानने वाले मिस कॉल अभियान से कहीं बड़ा साबित होगा.

मौजूदा हालात में देश के लोग दो हिस्सों में बटें हैं. बीच के संतुलित लोग कम ही हैं. सरकार विरोधी लोगों को टुकड़े-टुकड़े गैंग, अवार्ड वापसी गैंग, कॉमरेड-वामी गैंग, धर्मनिरपेक्ष गैंग. इत्यादि शब्दों से मुखातिब किया जा रहा है. जबकि सरकार समर्थकों को सरकार विरोधी भक्त,अंध भक्त, भगवा ब्रिगेड, या चाटूकार-चापलूस नफरती चिंटू जैसे शब्दों से संबोधित करते हैं.

ऐसे में कोई सेलेब्रिटी, सरकार विरोधी खेम़े का समर्थन कर दे तो सरकार समर्थक मधुमक्खियों के फूटे छत्ते की तरह उसके पीछे पड़ जाते हैं. सोशल मीडिया में उसे ट्रोल करने लगते हैं. और जब कोई सेलिब्रिटी सरकार के समर्थन  खेमे मे चला जाता है तो सरकार विरोधी तबका उसे ट्रोल करने लगता है. चमचा या मौकापरस्त जैसे जुमलों से उसपर हमले शुरु हो जाते हैं.

फिलहाल इस वक्त देश की जानी पहचानी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण निशाने पर हैं. ख़ास बात ये है कि उन्होने उस वक्त जेएनयू का समर्थन किया जब उनकी फिल्म रिलीज होनी थी. जब वो अपनी फिल्म के प्रचार अभियान में दौरे कर रही थी. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या दीपिका का जेएनयू पंहुचना फिल्म छपाक के प्रमोशन का हिस्सा था, या नहीं ? यदि ये फिल्म प्रमोशन का हिस्सा था तो पीआर वाले या प्रमोशन एक्सपर्ट ने वक्त और मौके की नजाकत जानकर ही दीपिका की जेएनयू विजिट तय की होगी.

इन कयासों को लेकर सोशल मीडिया में तमाम तरह की बातें तैर रही हैं. ये भी कहा जा रहा है कि. दीपिका ने जेएनयू के सरकार विरोधियों का समर्थन करके बड़ा इशारा किया है. नंबर गेम की समझ में माहिर किसी स्टार को जनता के रुख़ को बख़ूबी समझ होती है. छपाक को बायकॉट करने के अभियान के खिलाफ कुछ दिलचस्प बातें भी सोशल मीडिया पर नजर आ रही हैं. बायकॉट करने की अपील के जवाब में किसी ने लिखा कि राष्ट्रवादी राष्ट्रविरोधी कैसे हो गये? छपाक फिल्म मनोरंजन या पैसा कमाने के लिए नहीं है. मोदी के बेटी बचाओ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए है. बेटियों पर हो रहे तेजाब के हमलों के खिलाफ है.

ये फिल्म तेजाब का हमला झेलने वाली देश की एक बेटी की वास्तविक कहानी पर आधारित है. इस फिल्म का बायकॉट क्या देशद्रोह नहीं है. देश के पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के जरिये सरकार इस मामले पर अपनी सफाई दे चुकी है. सरकार का कहना है कि यह लोकतांत्रिक देश है. कोई कलाकार ही क्यों, कोई भी सामान्य व्यक्ति कहीं जा सकता है, अपनी राय रख सकता है. इसमें कोई आपत्ति नहीं, कभी किसी ने आपत्ति की भी नहीं.' वहीं सरकार की इस बात के बावजूद जिन्हें दीपिका और उनकी फिल्म का विरोध करना है वो अपने काम में लगे हुए हैं.

खैर जो भी हो, इस पूरी कहानी के बाद एसिड अटैक की वास्तविक कहानी पर बेटियों पर तेजाब हमलों के खिलाफ बनी फिल्म छपाक की बॉक्स आफिस रिपोर्ट बहुत कुछ बता देगी.

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नवेद शिकोह नवेद शिकोह @naved.shikoh

लेखक पत्रकार हैं

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