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Updated: 31 मई, 2016 02:01 PM
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हर वो चीज जिससे देश को खतरा महसूस हो चीन उसे रोकने में देर नहीं लगाता, फिर चाहे उस पर दुनिया में कितना ही बवाल मचे या उसका विरोध हो. हाल ही में चीन ने अपने देशवासियों को इस्लाम का अनुसरण न करने और मार्क्सवादी विचारधारा को ही मानने की नसीहत दी है, जिससे खासकर पाकिस्तान में तीखा विरोध हुआ है.

चीन ने खासकर मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत के लोगों को ऐसा करने की नसीहत दी है. चीन की यह नसीहत शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोगों के लिए है जो हाल के वर्षों में काफी चीनी सरकार के प्रति काफी उग्र हुए हैं. आइए जानें कि आखिर चीन ने क्यों दी है अपने नागरिकों को इस्लाम से दूर रहने की नसीहत.

चीन ने अपने नागरिकों से कहा, इस्लाम से दूर रहो!

हाल ही में हुए धर्म सम्मलेन में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देशवासियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे चीन की स्टेट पॉलिसी 'मार्क्सवादी नास्तिकता' का अनुसरण करें और इस्लामी विचारधारा का अनुसरण न करें.

राष्ट्रपति का ये बयान शिनजियांग प्रांत के उइगर समुदाय के लोगों के लिए है, जो हाल के वर्षों में चीनी सरकार के खिलाफ काफी उग्र विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. शिनजिंयाग प्रांत में रहने वाला उइगर समुदाय का एक बड़ा तबका कट्टरपंथी बन गया है और चीनी सरकार को अब स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हो रहा है.

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शिनजियांग की सीमा पाकिस्तान से लगती है, जहां से कट्टरपंथी इस्लामी शिक्षाओं का प्रसार होता है. चीन पहले ही पाकिस्तान को शिनजियांग में इस्लामी शिक्षाओं प्रचार-प्रसार को रोकने की चेतावनी देता रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि धार्मिक सम्मेलन में राष्ट्रपति जिनपिंग का भाषण में पाकिस्तान के लिए भी एक संदेश छिपा था.

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कुरान पढ़ते चीनी मुस्लिम: चीन ने अपने नागरिकों को इस्लाम से दूर रहने की चेतावनी दी है

इस्लामी प्रवृत्तियों को बर्दाश्त न करने की चीन की स्टेट पॉलिसी को स्पष्ट करते हुए शी जिनपिंग ने अपने चीन के नागरिकों को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया से बिना मान्यता प्रवृत्तियों से खुद को दूर रहने का संदेश दिया. जिनपिंग ने कहा कि न तो वे इस धर्म और न ही किसी और धर्म में अपनी आस्था तलाशने की कोशिश करें.

इस मौके पर कम्युनिस्ट पार्टी के जिन अन्य लोगों ने अपने विचार रखते हुए चीन के कुछ हिस्सों में इस्लाम के कारण पैदा होने वाले संकट पर प्रकाश डाला और यह स्पष्ट किया कि इससे देश में कट्टरपंथी घुसपैठ की भूमिका तैयार हो रही है. कम्युनिस्ट पार्टी ने राषट्रपति शी जिनपिंग के बयान का समर्थन करते गुए नागरिकों को हलाल प्रॉडक्ट्स जैसी इस्लामी प्रवृत्तियों के प्रति सावधान करने को कहा. पार्टी ने कहा कि धार्मिक अलगाव को बढ़ावा देने वाले हलाल प्रोडक्ट्स पर देश में बैन जारी रहेगा.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने ये स्पष्ट किया है कि कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा का बढ़ता हुआ प्रभाव देश की सुरक्षा का मुद्दा है और चीन इस्लाम का प्रचार करने में सहायता करने वालों को निशाना बनाएगा.

इस्लामी विचारधार पर क्यों भड़का है चीन?

चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय के लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान उइगरों द्वारा चीनी सरकार का विरोध काफी बढ़ा है. चीनी सरकार का मानना है कि इसकी वजह पड़ोसी देश पाकिस्तान से चीन में पहुंच रही कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा है, जिससे उइगर लोग चीनी सरकार के खिलाफ खड़े हो रहे हैं. इसी को देखते हुए चीन ने अब कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता दिया है.

शिनजियांग में चीनी सरकार द्वारा इस्लामिक मान्यताओं के अनुसरण पर सरकार द्वारा लगाए गए नियंत्रण के प्रति पहले से ही काफी नाराजगी है. इनमें शिनजियांग में दाढ़ी बढ़ाने, रमजान के दौरान रोजा रखने, हिजाब पहनने, हलाल फूड खाने और दिन में पांच बार नमाज पढ़ने जैसी इस्लामिक मान्यताएं शामिल हैं. ये सभी चीजें 'एंटी-स्टेट' हैं और इसलिए सरकार के पास इन सभी पर रोक लगाने का अधिकार है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अब ये स्पष्ट कर दिया है कि इन नीतियों को कड़ाई के साथ लागू किया जाएगा.

इसकी वजह ये है कि चीन पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामी कट्टरपंथ को अपने समाज के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में देखता है.

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