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Updated: 18 जनवरी, 2017 02:10 PM
राकेश चंद्र
राकेश चंद्र
  @rakesh.dandriyal.3
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चीन की ओर से लगातार मिल रही धमकियों के बीच एक और नई धमकी सामने आई है. चीनी मीडिया ने एक बार फिर भारत की सैन्य शक्ति को कम आंकते हुए धमकी दी है. पाकिस्तान से छपने वाले अखबार डेली पाकिस्तान की खबर के मुताबिक, चीन के एक मीडिया चैनल ने दावा किया है कि अगर जंग होगी तो चीनी मोटरयुक्त सैनिकों का दस्ता 48 घंटे में भारत की राजधानी दिल्ली पहुंच सकता है. चैनल की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर चीन के सैनिकों की टुकड़ी को पैराशूट की मदद से भेजा गया तो वे केवल दस घंटे में ही दिल्ली पहुंच जाएंगे.

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 48 घंटे में ही दिल्ली पहुंच सकती है चीन की सेना

यह पहला अवसर नहीं है, चीन में मीडिया का एक धड़ा (सरकारी-प्राइवेट) इस तरह की धमकियां लगातार देता आ रहा है. इससे पहले भी चीनी मीडिया किसी ना किसी मुद्दे पर भारत के खिलाफ आग उगलता रहा है. दरअसल जब से भारत ने चीन के तीन पत्रकारों को देश छोड़ने के आदेश दिए तब से चीनी मीडिया भारत के खिलाफ इस तरह की खबरें लगातार दिखाता आ रहा है.

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दरसल चीन भारत की बढ़ती अंतराष्ट्रीय छवि को लेकर परेशान है. इसका हालिया उदाहरण तब देखने को मिला जब एप्पल ने भारत में आकर निवेश करने और यहां पर एक प्लांट बनाने की बात की. चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स में चीन को सावधान करते हुए लिख में कहा गया कि चीन को जल्द से जल्द अपनी निर्माण क्षमता को बढ़ाना होगा जिससे आगे आने वाले वक्त में उनके वहां उत्पादन के लिए कंपनियों को आकर्षित किया जा सके. ये भी लिखा गया कि ‘हो सकता है कि एप्पल आने वाले वक्त में साउथ एशिया के देशों की तरफ मुड़ जाए. इससे चीन पर दबाव बनेगा कि वह अपने घरेलू निर्माण की तकनीकों में तेजी से बदलाव करे. जिससे वह कम लागत में निर्माण करने वाले देशों की टक्कर ले सके.’

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इससे पहली जब भारत ने अग्नि अग्नि-4 मिसाइल का सफल परिक्षण किया तो चीन तिलमिला गया था.उसने भारत को साफ-साफ शब्दों में चेतावनी दे दी थी कि अगर भारत अपनी लंबी दूरी की मिसाइल क्षमता में बढ़ोतरी करता रहा तो वह पाकिस्तान को लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बनाने में सहायता करेगा. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक संपादकीय में कहा गया कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लंबी दूरी अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइलों पर कोई आपत्ति नहीं है, तो ठीक है. पाकिस्तान की परमाणु मिसाइलों में भी इजाफा देखने को मिलेगा.लेख में कहा गया. ‘अगर पश्चिमी देश भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश के तौर पर स्वीकार करते हैं और भारत और पाकिस्तान के बीच की परमाणु होड़ से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, तो चीन भी इससे अलग नहीं रहेगा. भारत की ही तरह पाकिस्तान को भी अपनी परमाणु क्षमता विकसित करने का अधिकार मिलना चाहिए.’

वियतनाम को मिसाइलें बेचीं तो हम चुप नहीं बैठेंगे!

भारत-वियतनाम की नजदीकियां भी चीन को नहीं भा रहीं है हाल ही में चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि बीजिंग का मुकाबला करने के लिए यदि वियतनाम के साथ भारत अपने सैन्य संबंध मजबूत करने का कोई कदम उठाता है तो चीन हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठेगा. गौरतलब है कि यह बात तब सामने आई जब नई दिल्ली ने हनोई को सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइलें बेचने की योजना की बात कही थी. वियतनाम को सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति की खबरों पर ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया कि यदि भारत सरकार रणनीतिक समझौते या बीजिंग के खिलाफ प्रतिशोध की भावना से वियतनाम के साथ असल में अपने सैन्य संबंधों को मजबूत करती है तो इससे क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा होगी और चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठेगा.

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NSG मेंबरशिप पर भी चीन का अड़ियल रुख

चीन ने अमेरिका से कहा कि 'अगर किसी देश ने नॉन-प्रोलिफिरेशन ट्रीटी (एनपीटी या परमाणु अप्रसार संधि) पर साइन नहीं किए हैं तो उसे बतौर फेयरवेल गिफ्ट न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) की मेंबरशिप नहीं दी जा सकती.'

लेखक

राकेश चंद्र राकेश चंद्र @rakesh.dandriyal.3

लेखक आजतक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं

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