Coronavirus पर छिड़ी जंग बीमारी के दायरे से बाहर निकल गई है!
कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद जैसी स्थिति चीन (China) की हुई है और जैसे पूरा मुल्क प्रभावित हुआ है. कहा जा सकता है कि बीमारी तो कहीं पीछे छूट गई है और अमेरिका (America) से लेकर रूस (Russia) और पाकिस्तान (Pakistan) तक एक नई जंग की शुरुआत हो गई है.
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कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चीन (China) की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. विदेशी मीडिया (Foreign Media) की माने तो खबरें दबाने और छुपाने की फितरत के चलते भले ही चीन (China) ने इस पूरे विषय पर चुप्पी साधी हो, मगर बीमारी, महामारी में तब्दील हो गई है. हालात कुछ यूं है कि चीन के अस्पताल मरीजों से भरे हैं. डॉक्टर्स के सामने एक बड़ी चुनौती उन मरीजों की जान बचाना है जो इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. बता दें कि चीन में कोरोना वायरस के चलते 300 से ऊपर मौतें हो चुकी हैं और 17,000 के आस पास लोग गंभीर रूप से इस बीमारी की चपेट में हैं. बीमारी का सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था (China Economy) पर देखने को मिल रहा है और बताया यही जा रहा है कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से चीन करीब 30 साल के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है. वहीं विश्व के अन्य देशों का रुख भी चीन के प्रति बदल गया है. जैसी स्थिति है चीन को इस बात का बखूबी अंदाजा हो गया है और उसने प्रतिक्रियाएं (Reactions) देनी शुरू कर दी हैं.
कोरोना वायरस को लेकर चीन की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है और प्रभाव अब उसकी अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है
ध्यान रहे कि मामला प्रकाश में आने के बाद भारत भी गंभीर हुआ और फ़ौरन ही हरकत में आया. भारत ने चीन के ई वीजा पर रोक लगाई और मदद के लिए चीन के पास मास्क भिजवाए. साथ ही उन भारतीय छात्रों को वापस भारत लाने के प्रयत्न शुरू किये जो चीन में फंसे थे. ज्ञात हो कि भारतीय छात्र एयर लिफ्ट करके वापस भारत आ गए हैं और उन्हें मानेसर स्थित कैंप में रखा गया है जहां वो खूब एन्जॉय कर रहे हैं और उनका एक वीडियो भी इंटरनेट पर खूब तेजी से वायरल हुआ है जिसमें वो हरियाणवी गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं.भारत के छात्र अपने देश लौट चुके हैं. ऐसे में हमारे लिए पाकिस्तान के छात्रों का जिक्र कर लेना भी जरूरी है. पाकिस्तान ने अपने छात्रों को वापस लाने से माना कर दिया है और अजीब वो गरीब तर्क दिए हैं. मामले के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी का एक ट्वीट भी वायरल हुआ है. वायरल हुए इस ट्वीट में अल्वी कुछ ज्यादा ही धार्मिक होते नजर आ रहे हैं.अल्वी ने पैगंबर मोहम्मद का हवाला दिया है और कहा है कि रोगों और उनके प्रकोप के संबंध में आज भी पैगंबर के निर्देश अच्छे मार्गदर्शक हैं. मुस्लिम धर्म की दो प्रमुख किताबों बुखारी और मुस्लिम का हवाला देते हुए अल्वी ने कहा है कि यदि आप किसी भूमि में प्लेग के प्रकोप का सुनते हैं तो उसमें प्रवेश न करें. लेकिन आप यदि उस स्थान पर रहते हैं जहां प्लेग हुई है तो उस जगह को छोड़ें नहीं बल्कि प्लेग मे फंसे अन्य लोगों की मदद करें.
Prophet's ﷺ directions regarding disease outbreaks are a good guide even 2day “If you hear of an outbreak of plague in a land, do not enter it, but if the plague breaks out in a place while you are in it, do not leave that place” (Bukhari & Muslim) Let us help those stuck there.
— Dr. Arif Alvi (@ArifAlvi) January 31, 2020
पाकिस्तान ने ये बयान क्यों जारी किया ? क्यों नहीं वो अपने छात्रों को बाहर निकाल रहा है ? दोनों ही सवालों के जवाब पाकिस्तान के चीन से दोस्ताना संबंध तो हैं ही पाकिस्तान के ऐसा न करने की एक बड़ी वजह उसका आर्थिक रूप से मजबूत न होना भी माना जा रहा है. भले ही इस मामले को लेकर पाकिस्तान कुछ भी तर्क दे मगर उसकी खुद की तंगहाली इसके पीछे की एक बड़ी वजह मानी जा सकती है.
we all Pakistanis pray an early control on this deadly virus and once again China gets back to normal situation. we wish for return of happy and virus free china .@zlj517 @zingtv @ReutersChina https://t.co/T4arxnYPZe
— Senator Rehman Malik (@SenRehmanMalik) February 2, 2020
भले ही राष्ट्रपति द्वारा कही इस बात को लेकर पाकिस्तान की आलोचना हो रही हो मगर चीन ने पाकिस्तान के इस 'बड़प्पन' का पूरा संज्ञान लिया है और इसका नजारा हमें कहीं और नहीं बल्कि ट्विटर पर देखने को मिल रहा है. जहां चीनी अधिकारियों द्वारा उन ट्वीट्स को लगातार रीट्वीट दिए जा रहे हैं जो 'कोरोना वायरस' के मामले में चीन और पाकिस्तान की दोस्ती दर्शा रहे हैं.
we all Pakistanis pray an early control on this deadly virus and once again China gets back to normal situation. we wish for return of happy and virus free china .@zlj517 @zingtv @ReutersChina https://t.co/T4arxnYPZe
— Senator Rehman Malik (@SenRehmanMalik) February 2, 2020
पाकिस्तान और चीन भले ही एक दूसरे से दोस्ती के लाख दावे कर लें लेकिन हमें उन छात्रों को भी नहीं भूलना चाहिए जो इन मुश्किल हालात में अब भी चीन में फंसे हुए हैं और वीडियो के जरिये ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि नागरिक सुरक्षा के मोर्चे पर पाकिस्तान बुरी तरह से विफल हुआ है.
Pleae raise your voice for the Pakistani students studying in China. Here’s the proof ???? 1/2 pic.twitter.com/ktqRQvlxuT
— Ihtisham Ul Haq (@iihtishamm) January 29, 2020
कोरोना वायरस को लेकर इंडिया पाकिस्तान और छात्रों की बातें अपनी जगह है मगर जब हम इस मामले पर अन्य मुल्कों का रुख करें तो मिलता है कि कोरोना वायरस पर एक नई तरह की जंग छिड़ी है जो इस बीमारी के दायरे से बाहर है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस से ग्रस्त चीन ने पूरे विश्व से अनुरोध किया है कि इस पूरे मामले को लेकर संयम बरते. चीन न कहना है कि कोरोना वायरस को लेकर जो बातें हो रही हैं वो भय का माहौल पैदा कर रही हैं जो किसी भी समस्या के निजात का सही रास्ता नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय से जुड़ी. हुआ चुनयिंग ने एक बयान जारी किया है और कहा है कि चीन को उम्मीद थी कि अलग अलग देश विज्ञानं के आधार पर ऐसे निर्णय लेंगे जिनमें संयम और शांति को प्राथमिकता दी जाएगी.
Reuters: "All it has done could only create and spread fear, which is a bad example," Chinese foreign ministry spokeswoman Hua Chunying told an online news briefing, adding that China hoped countries will make decisions that were reasonable, calm and based on science
— Vincent Lee (@Rover829) February 3, 2020
सवाल होगा कि चीन के विदेश मंत्रालय को ये बयान क्यों जारी करना पड़ा ? वजह है अमेरिका. ज्ञात हो कि अमेरिका अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर हमेशा से ही गंभीर रहा है और यदि इस मामले का ही अवलोकन करें तो मिलता है कि अमेरिका ने जबरदस्त प्रोपोगेंडा फैलाना हुआ है जिससे कोरोना वायरस को लेकर डर का माहौल बना है. चीन का आरोप है कि कोरोना को लेकर अमेरिका का रवैया सही नहीं है और वो मदद करने के बजाए डर पैदा करने वाली बातें कर रहा है.
BEIJING, Feb 3 (Reuters) - The United States has acted to create and spread fear following a coronavirus outbreak in China instead of offering any signficant assistance, the Chinese foreign ministry said on Monday.
— Vincent Lee (@Rover829) February 3, 2020
चीन में इस बीमारी के बाद रूस ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. बताया जा रहा है कि रूसी प्रधानमंत्री ने दक्षिणी रूस के सोची में आयोजित हो रहे इकॉनोमिक फोरम को स्थगित करने का प्रस्ताव पारित किया है
Reuters: RUSSIAN PM PROPOSES TO POSTPONE ECONOMIC FORUM IN SOCHI IN SOUTHERN RUSSIA - IFAX
— Vincent Lee (@Rover829) February 3, 2020
साथ ही रूसी प्रधानमंत्री ने ये भी कहा है कि विदेश से आने वाले लोगों में यदि कोरोना वायरस पाया गया तो उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाएगा.
Reuters: RUSSIAN PM SAYS FOREIGN CITIZENS MAY BE DEPORTED IF THEY ARE FOUND TO BE INFECTED WITH CORONAVIRUS - IFAX
— Vincent Lee (@Rover829) February 3, 2020
चीन में कोरोनो वायरस को लेकर जहां पूरा विश्व दो धड़ों में बंट गया हो ऐसे भी देश हैं जो चीन के समर्थन में हैं और जिस्नका मानना है कि इस मुश्किल वक़्त में सभी मुल्कों को चीन की मदद के लिए आगे आना चाहिए. मालदीव ने इस मुश्किल वक़्त में चीन का साथ देने की बात कही है. तो वहीं हांगकांग जैसा देश चीन से कन्नी काटता नजर आ रहा है.
The virus is ruthless, however, there is true love in the world. Many thanks to the friends from the Maldives. pic.twitter.com/ivfMnVqHrC
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) February 3, 2020
एक ऐसे समय में जब बीमारी के कारण चीन में लगातार लोगों की जान जा रही हो और राहत और बचाव कार्य चल रहा हो. चीन के आला अधिकारियों का इसे एक मामूली बीमारी बताना और हलके में लेना कई गंभीर सवाल खड़े करता है.
NO NEED FOR OVER REACTION AND PANIC. Wuhan novel CoronaVirus is lowest in the list of deadly list of virus history, yet it appears most deadly & scary. Reason is digital Information Age. Our prudence & sense of responsibility is most important in digital age. @AhmadJawadBTH pic.twitter.com/M3U9jNQINR
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) February 2, 2020
बहरहाल, बीमारी को लेकर अभी और कितनी मौतें होती हैं? चीन क्या इस परेशानी से निकलकर अपने को संभल लेगा? जैसे तमाम सवालों के जवाब वक़्त की गर्त में छुपे हैं. लेकिन जिस तरह से पूरा विश्व इस बीमारी को लेकर अपनी सुचिता और सुविधा से तर्क दे रहा है. कहा जा सकता है बीमारी तो कहीं एक ओर हो गई है और एक नई जंग की शुरुआत हो गई है जिसमें कुछ लोग चीन के साथ हैं कुछ उसके खिलाफ.
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