कोरोना के बहाने राहुल गांधी दुनिया से कह रहे हैं 'चौकीदार चोर है'!
भारत में Covid के मद्देनजर भले ही सरकार तमाम तरह के प्रयास कर रही हो लेकिन राहुल गांधी का सरकार की छोटी बड़ी नाकामी को मुद्दा बनाना और दुनिया को ये बताना कि 'चौकीदार चोर है' न केवल विचलित करता है बल्कि तमाम तरह के सवालों को जन्म देता है.
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'Democracy feeds on argument, on the discussion as to the right way forward. This is the reason why respecting the opinion of others belong to democracy.' डेमोक्रेसी के मद्देनजर दिया गया ये कोट जर्मनी के राष्ट्रपति Richard Von Weizsaecker का है. इस कोट को यदि ध्यान से पढ़े और इसका अवलोकन करें तो मिलता है कि बेहतरीन लोकतंत्र वहीं है जहां बहस, वाद-विवाद और संवाद की गुंजाइश तो हो ही साथ ही दूसरे के ओपिनियन को इज्ज़त भी दी जाए. इन बातों पर चर्चा होगी लेकिन उससे पहले ज़िक्र एक लोकतंत्र के रूप में भारत का. भारत कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है. देश में मौतों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. लोगों को मूलभूत चिकित्सीय सुविधाएं जैसे बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार तक में तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति जब इस हद तक जटिल हो तो देश और विपक्ष दोनों का सरकार से सवाल पूछना स्वाभाविक है. कोविड 19 पर जैसा रुख सरकार का है साफ है कि वो हाथ पर हाथ धरे हुए नहीं बैठी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि खराब होते हालात को नियंत्रित किया जाए. सरकार अपना काम कर रही है ऐसे में विपक्ष के रूप में राहुल गांधी का सामने आना और चाहे नाकामी छोटी हो या बड़ी उसे मुद्दा बनाना और दुनिया को ये बताना कि 'चौकीदार चोर है' न केवल विचलित करता है बल्कि तमाम तरह के सवालों को जन्म देता है.
आलोचना के नाम पर मोदी विरोध कर रहे राहुल गांधी पीएम मोदी को नहीं देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं
विचलित होने की जरूरत नहीं है. विपक्ष का काम ही है सरकार की आलोचना करना लेकिन तब क्या जब आलोचना का स्तर भौंडेपन पर पहुंच जाए ? 2020 में डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने से लेकर अब तक कोरोना के मद्देनजर जिस तरह के ट्वीट राहुल गांधी ने किए हैं साफ़ है कि उन्हें देश या नागरिकों से कोई मतलब नहीं है. उनका एजेंडा पीएम मोदी को विश्व पटल पर नीचा दिखाना है और वो ये काम पूरी शिद्दत से कर रहे हैं.
वैक्सीन कम होती जा रही हैं और कोविड मृत्यु बढ़ती जा रही हैं।केंद्र सरकार की नीति- ध्यान भटकाओ, झूठ फैलाओ, शोर मचाकर तथ्य छुपाओ। pic.twitter.com/aIJwvMYBTW
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 19, 2021
हम बिल्कुल भी इस बात के पक्षधर नहीं हैं कि कोरोना के मद्देनजर जो प्रयास या नीतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हैं वो सही हैं. न ही हम सरकार का समर्थन कर रहे हैं. बात बस इतनी है कि यदि सरकार कुछ कह रही है हमें विश्वास दिला रही है तो अपने एजेंडे को दरकिनार कर हमें उसपर भरोसा करना ही होगा. और यही नियम राहुल गांधी पर भी लागू होता है.
मोदी ‘सिस्टम’ में जितनी आसानी से सवाल उठाने वालों की गिरफ़्तारी होती है, उतनी आसानी से वैक्सीन मिलती तो देश आज इस दर्दनाक स्थिति में ना होता।कोरोना रोको, जनता के सवाल नहीं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 18, 2021
चाहे वो पीएम केयर फंड्स को सवालों के घेरे में डालना हो या फिर वेंटिलेटर और विदेश से आई राहत सामग्री पर प्रश्न उठाना हो राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री और उनके सरकार के खिलाफ हमलावर हैं और आलोचना के नाम पर ऐसी तमाम बातें कर चुके हैं जिसकी गुंजाइश स्वस्थ लोकतंत्र में शायद ही हो.सवाल ये है कि कोविड रूपी इस आपदा में अवसर तलाशने वाले राहुल गांधी आखिर साबित क्या करना चाहते हैं? जैसे एक के बाद एक राहुल तमाम प्रयासों को सवालों के घेरे में डाल रहे हैं देश के सामने प्रश्न ये भी है कहीं राहुल गांधी देश विरोधी ताकतों से साथ तो नहीं हैं?
There’s a lot common between PMCares ventilator and the PM himself:- too much false PR- don’t do their respective jobs- nowhere in sight when needed!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 17, 2021
हो सकता है राहुल गांधी या कांग्रेस के समर्थक इस बात को कहें कि सरकार में कमियां हैं. सरकार इस आपदा को हैंडल करने में नाकाम हैं और पीएम मोदी एक असफल प्रधानमंत्री हैं और राहुल गांधी द्वारा इन कमियों को गिनाना देशद्रोह नहीं है. हम पूरी तरह से सहमत से इस बात से . जैसा कि हम Richard Von Weizsaecker के डेमोक्रेसी पर कथन के जरिये इस बात को पहले ही बता चुके हैं कि संवाद और सवाल किसी भी लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है लेकिन इस आपदा के दौरान जो कुछ भी राहुल गांधी कर रहे हैं उसे सवाल पूछना नहीं अपितु किसी को नीचा दिखाना कहते हैं.
GOI’s disastrous vaccine strategy will ensure a devastating third wave. It can’t be repeated enough- India needs a proper vaccine strategy!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 15, 2021
पता नहीं इस कोरोना आपदा में चौकीदार को चोर बताने वाले राहुल गांधी इस बात को जानते हैं या नहीं कि जो वो कर रहे हैं उससे उन भारतीयों का बड़ा नुकसान हो रहा है जो विदेश में रह रहे हैं चूंकि राहुल गांधी कोविड के इस दूसरे स्ट्रेन को मोदी से जोड़ चुके हैं इसलिए विदेशी मीडिया भी इसी बात को दर्शा रहा है कि दूसरा स्ट्रेन भारतीय है.
वैक्सीन, ऑक्सीजन और दवाओं के साथ PM भी ग़ायब हैं।बचे हैं तो बस सेंट्रल विस्टा, दवाओं पर GST और यहाँ-वहाँ PM के फ़ोटो।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 13, 2021
साफ है कि भारत को बदनाम करने के लिए विदेशी मीडिया को जो मसाला चाहिए था वो उसे राहुल ने दिया है. बात विदेश में रह रहे भारतीयों की हुई है तो ये बताना बहुत ज़रूरी है कि राहुल की बदौलत विदेशी दूसरी स्ट्रेन का जिम्मेदार भारत को ही मान रहे हैं. हाल फिलहाल में कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें विदेश में रह रहे भारतीयों को तिरस्कार झेलना पड़ा है.
The Movid pandemic. pic.twitter.com/oRSm7DJRpX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 8, 2021
बहरहाल राहुल गांधी भले ही कोविड का जिम्मेदार मोदी को मान रहे हों और देश को बताना चाह रहे हों कि, आज देश जो भी झेल रहा है उसके पीछे की एकमात्र वजह मोदी हैं लेकिन उन्हें इस बात को समझना चाहिए कि इन आरोप प्रत्यारोपों का सीधा असर विदेश में पड़ रहा है. वो विदेशी जो अभी कुछ समय पहले तक इस बात को मानने लगे थे कि जल्द ही भारत विश्व गुरु बन जाएगा आज शक की निगाह से भारत की तरफ देख रहे हैं.
अंत में हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि अब वो वक़्त आ गया है जब राहुल गांधी को समझ लेना चाहिए कि वो कोविड की आड़ लेकर प्रधानमंत्री पर हमले तो कर रहे हैं लेकिन इससे सीधे तौर पर बदनामी एक देश के रूप में भारत की हो रही है.
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