PM Cares Fund का पैसा कहां खर्च होगा, ये पीएम मोदी ने बता दिया...
बीते कई दिनों से हमलावर विपक्ष और आलोचकों को जवाब देते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) ने बता दिया है कि पीएम केयर फंड (PM Care Fund) का पैसा कहां खर्च होगा. पैसे के आवंटन में जिस तरह प्रवासी मजदूरों (Migrants Workers ) को प्रमुखता दी गयी है ये विपक्ष (Opposition) के गले में हड्डी फंसने जैसा है.
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बात बीते दिन की है. जैसे ही घोषणा हुई कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 5 वीं बार राष्ट्र से संबोधित होंगे और कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे पूरे देश में खलबली मच गई. भूख प्यास और बेरोजगारी से मजबूर होकर अपने गांव घर लौटते प्रवासी मज़दूरों (Migrant Workers) से लेकर गिरती हुई अर्थव्यवस्था (Economy) तक देश की जनता के सामने कई अहम सवाल थे. देश जानना चाह रहा था कि इस मुश्किल वक़्त में पीएम क्या नई घोषणाएं करते हैं और साथ ही क्या वो लॉकडाउन (Lockdown) में कोई विशेष छूट देंगे या नहीं. एक तरफ देश और देश की जनता के सामने तमाम तरह के सवाल थे दूसरी तरफ विपक्ष मुख्यतः कांग्रेस (Congress) थी. कांग्रेस ने पुनः सरकार से पीएम केयर फंड (PM Care Fund) के तहत मिलने वाले फंड को लेकर सवाल किए. पीएम केयर में मिला पैसा कहां जा रहा है इसका जवाब पीएम मोदी ने दे दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम केयर फंड में से 3100 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है.
जैसे ही घोषणा हुई कि पीएम मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे हर कोई यही जानना चाह रहा था कि प्रवासी मजदूरों के लिए क्या है
जानकारी पीएमओ की तरफ से आई है. बताया जा रहा है कि इन 3100 करोड़ रुपए में से 2000 करोड़ रुपए वेन्टीलेटर्स खरीदने में खर्च होंगे जबकि 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों के लिए होंगे. वहीं बात बचे हुए 100 करोड़ रुपए की हो तो इन पैसों को कोरोना वायरस की वैक्सीन के शोध में खर्च किया जाएगा. मामले में दिलचस्प बात ये कि सरकार ने जिन वेन्टीलेटर्स को खरीदने की बात की है वो भारत में निर्मित होंगे और इन्हें मेक इन इंडिया के तहत खरीदा जाएगा.
PM-CARES Fund Trust Allocates Rs. 3100 Crore for Fight against COVID-19. https://t.co/jMaY8ZTE7Fvia NaMo App pic.twitter.com/fwlgJYVeRO
— PMO India (@PMOIndia) May 13, 2020
ध्यान रहे कि जब से कोरोना वायरस से निपटने के लिए पीएम केयर फंड का गठन हुआ तब से ही कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी सरकार और पीएम मोदी पर हमलावर थे. पूर्व में ऐसे तमाम मौके आए जब इसे लेकर तरह तरह की बातें हुईं और आलोचकों का एक वर्ग वो भी था जिसने कहा कि ऐसे हालात में भी प्रधानमंत्री अपना फायदा और पब्लिसिटी देख रहे हैं.
फंड्स में से 3100 करोड़ रुपए आवंटित करते हुए प्रवासी मजदूरों को प्रमुखता दी गयी है तो बताते चलें कि इस मुश्किल दौर में जिस तरह भूख और बेरोजगारी के नाम पर लाखों मजदूर पैदल ही अपने अपने घरों की ओर गए हैं उससे सरकार की खूब किरकिरी हुई है.
मजदूरों के इस तरह पलायन को कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और आर एल डी जैसे दलों ने भी खूब गंभीरता से लिया और इसकी आड़ लेते हुए पीएम मोदी की तीखी आलोचना की थी और कहा था कि मजदूरों का इस तरह से जाना विकास और भारत के विश्व गुरु बनने जैसी बातों पर करारा तमाचा है. बीते दिनों ही राहुल गांधी ने पूछा था कि जब PSU के जरिये पीएम केयर फंड में इतने पैसे आए तो सरकार को भी उसका ऑडिट कराना चाहिए और साथ ही ये बताना चाहिए कि वो पैसे कहां खर्च हुए.
The #PmCares fund has received huge contributions from PSUs & major public utilities like the Railways. It’s important that PM ensures the fund is audited & that the record of money received and spent is available to the public.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 9, 2020
बहरहाल सरकार की तरफ से जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 20 लाख करोड़ का पैकेज आवंटित कर रही थी पूरा देश उन्हें टकटकी लगाए देख रहा था और जानना चाह रहा था कि सरकार इन प्रवासी मजदूरों को क्या सहूलियतें देती हैं.
1000 करोड़ रुपए के इस आवंटन के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन कितना रुकता है इसका फैसला आने वाला वक़्त करेगा. मगर जो वर्तमान है वो इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि इन पैसों को आवंटित करके पीएम मोदी ने बुलंद आवाजों के ऊपर नकेल कसने का काम किया है. देखना मजेदार रहेगा कि विपक्ष या ये कहें कि कांग्रेस इसका क्या तोड़ निकालती है.
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