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Updated: 26 मार्च, 2020 10:07 AM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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कोरोना वायरस (Coronavirus) पर लगाम कसने के लिए देश भर में 21 दिनों के लॉक डाउन (Lockdown) की घोषणा हो चुकी है. खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम दिए अपने भाषण में इस बात पर प्रमुखता से बल दिया था कि इस लॉकडाउन को हल्के में लेगा उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. देश में आपातकाल (Coronavirus emergency) की स्थिति है.ऐसे में क्या पक्ष क्या विपक्ष. हर कोई देश की सरकार के साथ खड़ा है और सरकार के इस फैसले को अमली जामा पहना रहा है. इन बातों के बीच देश में ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो बेवजह सड़कों पर निकल रहे हैं और लगातार नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (K Chandrashekhar Rao) ऐसे लोगों से बहुत नाराज हैं और इसके लिए जो फैसला उन्होंने लिया है वो मानवता को ठेंगा दिखाता नजर आ रहा है.

Coronavirus, K Chandrashekhar Rao, Maneka Gandhi, Lockdownके चंद्रशेखर राव और मेनका गांधी कोरोना वायरस के इस दौर में दो अलग नेता दो अलग बातों को करते नजर आ रहे हैं

कोरोना वायरस के खतरे के तहत तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने लोगों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका में लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए सेना बुलानी पड़ी है इसलिए लोग यहां इसका गंभीरता से पालन करें.

केसीआर ने कहा कि ऐसा न करने पर सरकार को और सख्ती करनी पड़ सकती है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि, ‘यदि लोग कोरोना वायरस को लेकर घोषित लॉकडाउन का पालन नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति खड़ी हो सकती है कि हमें 24 घंटे कर्फ्यू और गोली मारने के आदेश देने पड़ें. मैं लोगों से अपील करता हूं कि इस तरह की स्थिति न आने दें.’

केसीआर के इस बयान का जहां उनके समर्थकों ने स्वागत किया है तो वहीं एक बड़ा तबका ऐसा है जिसका मानना है कि उनकी बातें मानवता को शर्मसार करने वाली हैं. लोग कह रहे हैं कि केसीआर को भाजपा नेता मेनका गांधी से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्हें इंसानों की परवाह तो है ही साथ ही वो जानवरों तक की ज़िंदगी के लिए खासी फिक्रमंद हैं.

बता दें कि एक ऐसे वक्त जब कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरा देश अपने घरों में बंद है मेनका गांधी उन जानवरों को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं जो सड़कों पर घूमते हैं. मेनका गांधी ने घोषणा की है कि दिल्ली प्रशासन उन लोगों के लिए फीडर पास की व्यवस्था करेगा जो इन बेजुबान जानवरों को खाना खिलाने के लिए अपने अपने घरों से निकल रहे हैं.

ध्यान रहे कि तमाम लोग ऐसे हैं जो सड़क पर घूमने वाले जानवरों को खाना खिलाते थे मगर इस लॉक डाउन के बाद अपने अपने घरों से निकलने में असमर्थ हैं.

मेनका गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि दिल्ली में कोई भी डॉग फीडर जिले के डीसीपी के दफ्तर जा सकता है और वहां से अपने पास ले सकता है. मेनका ने बताया कि फिलहाल 50 पास दिल्ली पुलिस को मुहैया कराए गए हैं.

गौरतलब है कि इस मुद्दे को मेनका ने बड़ी ही गम्भीरता से लिया है. उन्होंने मांग की है कि लोग कबूतरों और कुत्तों को खिलाते रहें. यदि ऐसा नहीं होता है तो इस लॉक डाउन के दौरान ये जानवर मर जाएंगे.

लॉक डाउन के तहत एक तरफ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्र शेखर राव हैं जो बाहर आए लोगों को गोली मारने की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मेनका गांधी हैं जो जानवरों तक के लिए फिक्रमंद हैं. अंतर साफ है.एक चेहरा मानवता का हनन कर रहा है जबकि दूसरा चेहरा मानवता और करुणा दर्शा रहा है. फैसला हम देश की जनता पर छोड़ते हैं. जनता ही बताए कि किस चेहरे ने उसे प्रभावित किया और एक मुश्किल वक़्त होने के बावजूद उसे राहत दी.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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