Coronavirus की चुनौती के दौरान सबसे समझदारी का काम योगी आदित्यनाथ ने किया है!
कोरोनावायरस (Coronavirus) पर जो कदम उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने गरीबों और मजदूरों के लिए उठाए हैं उसने आलोचकों तक को उनकी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया है.
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चीन (China), इटली (Italy), स्पेन (Spain), ईरान (Iran), यूके (UK) और अमेरिका (America) में अपनी दहशत से लोगों को आतंकित करने वाला कोरोना वायरस (Coronavirus) भारत (India) की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अपने पांव पसार चुका है. राजधानी लखनऊ (Lucknow) में कोरोनावायरस के दो ताजे मामले आने के बाद सूबे में इस बीमारी के शिकार लोगों की कुल संख्या 19 पहुंच गयी है. बीमारी किसी की जान की दुश्मन न बने इसलिए शासन प्रशासन भी मुस्तैद है. खुद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कोरोना वायरस के प्रति खासे गंभीर हैं और लगातार अधिकारीयों से इसका फॉलोअप ले रहे हैं. हालांकि भारत में विशेषकर उत्तर प्रदेश में बीमारी अपनी प्राथमिक स्टेज पर है बावजूद इसके जो सूबे के मुखिया कर रहे हैं उसने उनके आलोचकों तक को उनकी तारीफ के लिए विवश कर दिया है. मजदूरी करने वाले लोग इस दौरान अपने अपने घरों में रहे इसके लिए योगी सरकार (Yogi Government) एक तय धनराशि उनके अकाउंट में डालने वाली है. सूबे में वित्तमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी है जो तीन दिनों में रक रिपोर्ट तैयार करेगी और उसे मुख्यमंत्री (Chief Minister) के पास भेजेगी.
योगी आदित्यनाथ की एक समझदारी ने विपक्ष तक को उनकी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया है
अपनी इस योजना की जानकारी खुद सूबे के मुखिया ने अपने ट्विटर पेज पर डाली है और बताया है कि इस दौरान इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि सूबे के किसी गरीब को इस बीमारी के चलते दुश्वारियों का सामना न करना पड़े.
कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के चलते दिहाड़ी मजदूर भाई-बहनों को परिवार के भरण-पोषण में समस्या न हो, इस हेतु प्रदेश सरकार ने एक तय धनराशि मजदूर भाई-बहनों के बैंक खाते में प्रदान करने का निर्णय लिया है।इस संबंध में वित्तमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति 3 दिन में रिपोर्ट सौंपेगी।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 17, 2020
ध्यान रहे कि कोरोना वायरस को गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह देखा जा रहा है. खुद डॉक्टर्स का भी यही मानना है कि यदि बीमारी ऐसे लोगों के बीच अपने पैर पसारती है तो स्थिति कहीं ज्यादा घातक होगी। जैसे प्रयास यूपी में किये गए हैं उसके बाद कहा यही जा सकता है कि शायद योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस बात को समझा है और वक़्त रहते एक सही फैसला लिया है.
बाकी बात गरीबों/ मजदूरों के अकाउंट में सरकार की तरफ से पैसे ट्रांसफर करने की हुई है. तो बता दें कि भले ही ये भारत खासकर उत्तर प्रदेश के लिए नया हो. मगर जब हम इसे वैश्विक स्तर पर देखते हैं तो मिलता है कि विश्व के तमाम मुल्क ऐसे हैं जिन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से आर्थिक मदद देकर अपने अपने नागरिकों की मुश्किल समय में मदद की है.
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यूपी कैबिनेट की एक बैठक का आयोजन हुआ है. योगी कैबिनेट की इस बैठक में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पयर्टक स्थल व अन्य जगहों की बंदी से प्रभावित गरीब लोगों को मदद मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए प्रदेश के वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और श्रम मंत्री की एक समिति बनाई गई है. यह समिति रोज कमाने-खाने वालों लोगों को कोरोना से हुए नुकसान के संबंध में तीन दिन के अंदर रिपोर्ट देगी.
माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने को लिया बड़ा फैसला, दिहाड़ी मजदूरों के भरण-पोषण के लिए निश्चित धनराशि मुहैया करवाएगी सरकार। pic.twitter.com/FNCykQHLOp
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) March 17, 2020
जैसी ये घोषणा है कहा जा सकता है कि अपनी इस मुहीम में योगी आदित्यनाथ ने डिजिटल इंडिया के तहत मिलने वाली सुविधाओं का भी खूब फायदा उठाया है. बताया जा रहा है कि सूबे की सरकार गरीब/ मजदूरों के अकाउंट में आरटीजीएस के जरिये पैसे ट्रांसफर करेगी. इसे वाक़ई यूपी सरकार की एक अच्छी पहल कहा जा सकता है. एक ऐसे वक़्त में जब भारत में कोरोना वायरस को लेकर गफलत का दौर हो इसे हम किसी भी राज्य की सरकार द्वारा एक बड़ी राहत के रूप में देख सकते हैं.
योगी आदित्यनाथ की इस पहल के बाद एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि सरकार ने बिना किसी भेदभाव के अपनी इस पहल में सभी को शामिल किया है. लोगों का यहां तक कहना है कि यूपी सरकार की इस पहल का अनुसरण भारत के अन्य राज्यों को भी करना चाहिए.
बता दें कि फ़िलहाल इस बीमारी की कोई दवा बाजार में मौजूद नहीं है और सावधानी को ही इस बीमारी से लड़ने के एक बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है. तो माना यही जा रहा है कि यदि खुद लोगों ने राज्य सरकार का साथ दिया तो उत्तर प्रदेश में इस बीमारी को बड़ी ही आसानी के साथ परास्त किया जा सकता है.
खैर, योगी आदित्यनाथ का लोगों को घर में रखने के नाम पर उनके अकाउंट में पैसे डालना इसलिए भी एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि अपनी इस मुहीम से कहीं न कहीं राज्य सरकार एक बड़ा सन्देश दे रही है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बता दिया है कि बीमारी भले ही अपने प्राथमिक स्टेज में हो मगर इसकी गंभीरता के प्रति हमें खुद सचेत रहने की जरूरत है.
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