अलवर गैंगरेप ने बता दिया कि राजस्थान में कांग्रेस के सुशासन के दावे झूठे-खोखले हैं!
राजस्थान के अलवर में हुए गैंग रेप को देखकर कहा जा सकता है कि आज अराजकता अपने चरम पर है और जिस सुशासन का कांग्रेस राज्य में सत्ता हासिल करने में कामयाब हुई थी वो वादा झूठा और बिल्कुल खोखला था.
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17 दिसम्बर 2018 ये तारीख इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि इस दिन राजस्थान में चुनाव हुए थे. 11 दिसम्बर को मतगणना हुई तो पता चला कि वसुंधरा सरकार से नाराजगी ही वो कारण था जिससे राजस्थान में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ और कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिला. वर्तमान में अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री हैं. बात अगर चुनाव से पहले की हो तो जिस बात को राजस्थान में कांग्रेस ने चुनाव का मुद्दा बनाया था वो थी राज्य की कानून व्यवस्था. कांग्रेस का आरोप था कि वसुंधरा राजे के शासनकाल में राज्य की कानून व्यवस्था अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. चुनाव पूर्व राजस्थान में चाहे राहुल गांधी की रैलियां रही हों या फिर सचिन पायलट और वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रैली हर जगह कानून व्यवस्था पर लम्बे चौड़े भाषण हुए. सवाल होगा कि पूर्व की ये बातें वर्तमान में क्यों?
जवाब है अलवर की घटना. राजस्थान के अलवर में गैंगरेप का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है.अलवर में एक दलित दंपती को रास्ता रोक कर सुनसान जगह पर ले जाया गया और पत्नी के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया.
राजस्थान के अलवर में गैंगरेप का दिल दहला देने वाला मामला प्रकाश में आया है
इस घृणित वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को हौसले कितने बुलंद थे इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था है कि उन्होंने पीड़ित महिला के साथ मारपीट करते हुए 3 घंटे तक बलात्कार किया और पूरी घटना का वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते हुए उनके साथ लूट पाट की.
मामले से आहत दलित संगठनों ने अलवर के थानागाजी में प्रदर्शन किया है. दलित संगठनों का दावा है कि पुलिस ने कई दिनों तक इस मामले को सिर्फ इसलिए दबाए क्योंकि लोकसभा चुनाव थे. अपने को घिरता देख पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है और न सिर्फ एसएचओ को निलंबित किया है बल्कि मामले से जुड़े एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार युवक के चार साथी अब भी फरार बताए जा रहे हैं.
#AlwarGangRape - Update so far
One arrested Four abscondingSHO of Thana Ghazi police station suspended#Alwar SP removed - Put on APO
Cops constitute 14 teams to nab accused. FIR was registered on May 2. Opposition corners govt on law and order situation. Series of protests. https://t.co/UxAB6rukFM
— Tabeenah Anjum (@TabeenahAnjum) May 7, 2019
घटना 26 अप्रैल की है. मामले में दलित संगठनों की तरफ से दलील दी गई है कि पीड़ित दंपती ने पहले मुंह इसलिए नहीं खोला क्योंकि उन्हें धमकी मिली थी कि यदि उन्होंने किसी से कुछ भी कहा तो वीडियो सार्वजनिक कर दिया जाएगा. बाद में आरोपियों ने पैसे की मांग की गई और घटना का एक वीडियो वायरल कर दिया गया.
घटना को लेकर स्थानीय लोगों का प्रदर्शन जारी है. और बात चूंकि राजधानी जयपुर तक पहुंच गयी है इसलिए पुलिस भी हरकत में आ गई है. राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से कहा कि घटना में पांच लोगो को नामज़द किया गया है और अभियुक्तों की तलाश के लिए 14 टीमें गठित की गई हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अगर किसी ने पुलिस के स्तर पर घटना में लापरवाही की है तो जाँच की जाएगी और कार्रवाई भी होगी.
In Rajasthan's Alwar a young woman was gang raped
The police told her the complaint would be addressed after elections
The woman is a Dalit.Was the rape motivated by caste?No confirmation on that as of now
But cynical caste politics delayed justice & justice delayed is denied
— Advaita Kala / अद्वैता काला (@AdvaitaKala) May 8, 2019
गौरतलब है कि अलवर में इस तरह के मामले कोई नए नहीं हैं. इससे पहले अलवर तब चर्चा में आया था जब पहलू खान के साथ मॉब लिंचिंग हुई थी तब कानून व्यवस्था को लेकर वसुंधरा सरकार की खूब आलोचना हुई थी और विपक्ष द्वारा यहां तक कह दिया गया था कि बतौर मुख्यमंत्री वसुंधरा सरकार चलाने में सक्षम नहीं हैं. ताजा मामला क्योंकि दलितों से जुड़ा है इसलिए ये बताना भी बेहद जरूरी है कि राजस्थान के इस हिस्से को दलितों के लिहाज से बहुत संवेदनशील माना जाता है और इस तरह के मामले यहां आए दिन होते ही रहते हैं.
In last 48 hours in Rajasthan:
1. Alwar: Dalit woman gangraped in front of her husband.
2. Bharatpur: Goons barged into home & raped 17 year old girl.
3. Alwar: A woman drugged & gangraped.
Our Media trying hard to cover Protests in Rajasthan but their Cameras are not working
— Anshul Saxena (@AskAnshul) May 8, 2019
बहरहाल, जिस तरह से घटना पर प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं और आरोप प्रत्यारोप शुरू हुए हैं साफ पता चल रहा है कि मामला पॉलिटिकल होने वाला है और अगले कुछ दिनों तक इसपर खूब राजनीति चलेगी. बाक़ी घटना हमारे सामने है, तो ये कहना हमारे लिए बिल्कुल भी गलत नहीं है कि, कहीं न कहीं घटना ने इस बात का भी आभास करा दिया है कि किसी जमाने में राजस्थान में भाजपा की आलोचना करने वाली कांग्रेस के सुशासन के दावे झूठे और खोखले हैं.
मामला खुद ब खुद इस बात का एहसास दिला रहा है कि अलवर के आसपास की कानून व्यवस्था पहले भी बदहाल थी और आज भी है. बस यहां सरकार बदली है और सरकार का तो काम ही है हर घटना के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहरा देना.
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