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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
अंजलि केस में पुलिस से पूछताछ करेगी पुलिस, बताइये फिर क्या होगा?
कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस की जांच सवालों के घेरे में है. आरोप लग रहे हैं कि पुलिस की तरफ से 'बहुत कुछ' छुपाया जा रहा है. जांच सही से चले अब इसकी जांच फिर दिल्ली पुलिस को सौंपी गई है. पुलिस यदि अपनी ही पुलिस की जांच करेगी तो पीड़िता को कितना न्याय मिलेगा ये बात भी किसी से छिपी नहीं है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
लिव-इन में रह रही लड़की की मौत पर सारा दोष उसी पर मढ़ने से समाज को राहत तो मिलेगी ही
हम तो उस समाज से आते हैं जो लिव इन में रह रही लड़की के मौत पर कहते हैं कि ठीक हुआ, वो यही डिज़र्व करती थी. ख़ैर. तो जब तक ये समाज लड़कियों को ये आज़ादी नहीं देगा कि वो अपनी ज़िंदगी के फ़ैसले खुद कर सके तब तक अनु बंसल, श्रद्धा, अंकिता और न जाने कितनी लड़कियां क़ुर्बान होती ही रहेंगी.
समाज
| 3-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
रेपिस्ट को 'दयालु' रेपिस्ट' बताकर न्यायमूर्तियों ने एक नयी बहस तो शुरू कर ही दी है!
अनेकों मामले हैं, जिनमें न्यायाधीशों की पितृसत्तात्मक मानसिकता उनके निर्णयों में परिलक्षित होती है. जबकि तमाम कानूनी प्रावधान है. हां, दोष मीडिया, एक्टिविस्टों और राजनेताओं का भी हैं जिनका आउटरेज सेलेक्टिव होता है! क्यों होता है, सभी जानते हैं.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
बिलकिस का दोषी तो सजा के दौरान ही गुनाह कर बैठा,अच्छे चाल-चलन की थ्योरी कहां से आई?
बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में दोषियों की रिहाई लगातार सुर्खियां बटोर रही है. 'अच्छे आचरण' का हवाला देकर बलात्कारियों को रिहा करना गुजरात सरकार के लिए गले की हड्डी बनता नजर आ रहा है. रेपिस्टों की रिहाई संदेह के घेरों में है. साथ ही विपक्ष भी इसे एक बड़े मुद्दे की तरह पेश कर रहा है इसलिए गुजरात सरकार ने देश की सर्वोच्च अदालत में हलफनामा दाखिल किया है.
समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
दिल्ली में 10 साल के बच्चे के साथ गैंगरेप, लड़कों का यह दर्द कौन समझेगा?
दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक 10 साल के बच्चे के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है. इस जमाने ने लड़कों को मजबूती की संज्ञा देकर कठोर बना दिया. इतना कठोर की वे अपने दर्द को जमाने के सामने लाने से डरते हैं. वे अपने आंसुओं को गालों पर गिरने से पहले ही आंखों में पी जाते हैं.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
गैंगरेप पर आधारित 'सिया' सत्य घटनाओं को पर्दे पर उकेरने का ईमानदारी भरा प्रयास है
दृश्यम फिल्म्स और निर्देशक मनीष मुंद्रा की अपकमिंग फिल्म सिया का ट्रेलर हमारे सामने है. कह सकते हैं कि किसी गैंगरेप की पीड़िता और उसके परिवार के साथ सिस्टम और कानून क्या करते हैं? उसका एक बहुत ईमानदार प्रयास है जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज की जाने वाली ये फिल्म.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
बिलकिस बानो को न्याय तो मिला लेकिन अंधे कानून ने ख़त्म कर दिया!
कल न्याय की कसौटी पर खरा उतरा था कानून? बिलकिस ने भी स्वीकारा था, न्याय में विश्वास व्यक्त किया था. आज हिल गया है तो वजह दोषियों के 15-16 साल सजा काट लेने के बाद हुई रिहाई से ज्यादा राजनीति और सिस्टम जिम्मेदार है - पॉलिटिक्स >सिस्टम >रैमिशन !
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नाज़िश अंसारी
@naaz.ansari.52
Bilkis Bano: क्या प्रधानसेवक की जुमलेबाजी और एक्शन के बीच एक मोटी सी रेखा है?
बिलकिस बानो की क़ौम को यह याद रखना चाहिए, जब प्रधानमंत्री महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं, तब दरअसल वे मंगलसूत्र और सिंदूर धारी महिलाओं की चिंता में मग्न हैं. बलत्कृत बुर्क़े वालियों की हैसियत कीड़े मकौड़े से ज्यादा की नहीं है. जिन्हें कुचलने, मसलने, तार तार करने पर बलात्कारियों का स्वागत फूल माला, मिठाई से किया जाएगा.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
निधिकान्त पाण्डेय
@1nidhikant
Bilkis Bano gangrape case के 11 दोषी रिहा, तमाम सवाल हैं और न जाने जवाब कौन देगा!
बिलकिस बानो गैंगरेप मामले (Bilkis Bano Gangrape case) में सभी 11 दोषियों को रिहा किया जाना तमाम तरह के सवाल तो खड़े करता ही है. साथ ही ये भी बताता है कि बात यहां सिर्फ बिलकिस बानो की नहीं. बल्कि उनके जैसा अपमान झेल झुकी सभी नारियों की है. वो चाहे किसी भी धर्म की हों या हमारे समाज के किसी भी तबके से आती हों. नारी का तो केवल सम्मान ही होना चाहिए.