Delhi elections में कांग्रेस सोई नहीं है वो AAP की 'मदद' कर रही है!
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भाजपा (BJP) की तैयारी तो पूरी है लेकिन कांग्रेस (Congress) का रुख बिलकुल भी गंभीर नहीं है. जिसका सीधा फायदा अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को मिलता नजर आ रहा है.
-
Total Shares
दिल्ली चुनाव (Delhi Assembly Election) में अब बस कुछ दिन शेष हैं. प्रचार अपने चरम पर पहुंच रहा है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिल्ली की जनता को अपने द्वारा किये गए कामों से अवगत करा रही है. तो वहीं भाजपा (BJP) केजरीवाल और आप पर झूठे दावे पेश करने और शाहीन बाग प्रोटेस्ट की मदद करने का आरोप लगा रही है. भाजपा के केंद्रीय मंत्री, सांसद से लेकर स्थानीय नेता तक केजरीवाल पर हमला बोलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कहा जा सकता है कि पिछले चुनाव में 70 में से सिर्फ 3 सीट जीतने वाली भाजपा इस बार दोगुनी मेहनत कर रही है. लेकिन फिर सवाल होगा कि दिल्ली की सत्ता गंवाने वाली और शून्य पर सिमट जाने वाली कांग्रेस (Congress) कहां है? दिल्ली चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस क्या कर रही है? जवाब बस इतना है कि दिल्ली चुनावों (Delhi Elections) के मद्देनजर कांग्रेस वही कर रही है जिसे आम बोल चाल की भाषा में खानापूर्ति कहा जाता है. दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख सुभाष चोपड़ा हालांकि, दावा करते हैं कि दिल्ली में कांग्रेस स्लीप मोड में नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा चुनाव प्रचार के नाम पर अति कर रही है. ध्यान रहे कि चाहे वो आम आदमी पार्टी हो या फिर भाजपा दिल्ली में लड़ाई अपने निर्णायक मुकाम पर है. चुनाव जीता जाए इसके लिए दोनों ही दलों की तरफ से साम दाम दंड भेद सब एक किया जा रहा है. ऐसे में जब हम कांग्रेस को देखें तो पार्टी का रुख खुद इस बात को स्पष्ट कर देता है यहां पार्टी बैक फुट में है और इस चुनाव के लिए दाल में नमक बराबर मेहनत कर रही है.
अन्य दलों के मुकाबले दिल्ली में कांग्रेस बस नाम मात्र की मेहनत करती नजर आ रही है
आइये कुछ बिन्दुओं पर नजर डालें और इस बात को समझने का प्रयास करें कि आखिर कैसे कांग्रेस का ये ढीला-ढाला और सुस्त रवैया आम आदमी पार्टी को फायदा पहुंचा रहा है.
भाजपा अति कर रही है और उसके पास भरपूर वजहें हैं
कांग्रेस की इस सुस्ती पर पार्टी के बड़े नेताओं में शुमार पीसी चाको का कहना है कि भाजपा अति कर रही है. बिलकुल सही बात कही गई है. चाहे वो देश के गृहमंत्री अमित शाह हों या फिर मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा और विजय गोयल चुनावों के प्रति भाजपा की गंभीरता, जिसे कांग्रेस की तरफ से अति कहा जा रहा है जीत और हार के इस खेल में बहुत जरूरी है.
यदि अति नहीं होगी तो भाजपा को दिल्ली में जीत शायद ही कभी मिल पाए. ध्यान रहे की 2015 के चुनावों में भाजपा ने 3 सीटें जीती थी और तब भी कांग्रेस अपना खाता खोलने में नाकाम साबित हुई थी.
इस बार के चुनाव में जैसा रुख भाजपा का है वो ये साफ़ बता रहा है कि उसने अपनी पुरानी गलतियों से प्रेरणा ली है. भाजपा इस बात को भली प्रकार से समझती है कि बिना उग्र हुए चुनाव नहीं लड़ा जा सकता और अपनी नीतियों को अमली जामा पहनाने में वो कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
सिर्फ कमेटियां बना रही है कांग्रेस
पीसी चाको के अनुसार दिल्ली चुनावों के लिए कांग्रेस ने कमिटी बना ली है. बता अगर कैम्पेनिंग की हो तो 1 से 6 फरवरी के बीच में पार्टी के स्टार केम्पेनर सड़कों पर आएंगे और रोड शो होगा. कांग्रेस का मानना है कि ये समय दिल्ली चुनावों का पीक होगा और यही वो समय है जब वो दिल्ली के वोटर पर अपना प्रभाव छोड़ सकती है. चाको की ये बातें अपने आप ही दिल्ली चुनाव के प्रति कांग्रेस की गंभीरता दर्शाती है.
दिल्ली में साफ़ तौर पर कांग्रेस की स्थिति बहुत डामाडोल और कंफ्यूजन से भरी हुई है
कांग्रेस को समझना चाहिए की आम आदमी पार्टी पिछले 6 महीनों से चुनावों के लिए गंभीर है. वहीं बात अगर भाजपा की हो तो भाजपा लंबे समय से सड़कों के अलावा सोशल मीडिया पर एक्टिव है और चाहे वो वीडियो हों या फिर तस्वीरें यही बता रही है कि दिल्ली की राज्य सरकार ने अपनी जनता के साथ केवल और केवल छल किया है. सवाल ये है कि अन्य दलों के मुकाबले कांग्रेस को ये क्यों लग रहा है कि 6 दिन की क्रांति में वो जग जीतकर इतिहास रच देगी.
केजरीवाल को गुरु मानकर हथियार डाल चुकी है कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस के इंचार्ज चाको केजरीवाल को मार्केटिंग गुरु बता रहे हैं. यानी कांग्रेस, गुरु केजरीवाल के आगे नतमस्तक हो गई है और हथियार डाल दिए हैं. बात सीधी और साफ़ है. चुनाव है इसलिए कोई मजाक नहीं चल रहा. चुनाव के सबसे निर्णायक क्षणों में कांग्रेस का अरविंद केजरीवाल को गुरु कहना भर उसका मॉरल बूस्ट करता नजर आ रहा है. बात तब होती जब केजरीवाल से लड़ने के लिए उन्हीं के अंदाज में कांग्रेस सभी अपनी रणनीति बनाती और चुनावों में उनसे कड़ा मुकाबला करती.
केजरीवाल की तरह झूठ ही बोल ले कांग्रेस
कांग्रेस इस बात को बार बार दोहरा रही है कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं. अब इस बात को अगर हम आम आदमी पार्टी की नजरों से देखें तो मिलता है कि केजरीवाल ने अपने काम दिल्ली की जनता को बताए हैं जिसका फायदा ये हुआ है कि दिल्ली की जनता केजरीवाल से प्रभावित हुई है. कांग्रेस को इस बात को समझना चाहिए कि जब जनता प्रभावित होती है तभी दलों की झोली में वोट आते हैं और सरकार बनती है.
दिल्ली चुनाव : कांग्रेस-आप बनाम भाजपा
सुस्त रवैया. आधी अधूरी तैयारी. बड़े चेहरे की कमी ये वो चीजें हैं जिनके दम पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है. अब जब स्थिति ऐसी है तो साफ़ है कि इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिलेगा यानी दिल्ली के इस चुनाव में कांग्रेस साप को परदे के पीछे से समर्थन दे रही है ताकि वो भाजपा से मुकाबला करे.
ये भी पढ़ें -
Delhi assembly elections: चुनाव प्रचार का स्तर गिरते हुए कहां रुकेगा?
Delhi elections: पढ़े-लिखों की पार्टी कही जा रही AAP में सबसे बड़ी गिरावट!
Shaheen Bagh Protest में Delhi election की दिशा मोड़ने का कितना दम?
आपकी राय