Father of India और Father of nation में फर्क जानना जरूरी है
डोनाल्ड ट्रंप का प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहना और उनकी तुलना अमेरिकी रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से करना भारत के लोगों को रास नहीं आ रहा. लेकिन किसी को तारीफ करने से कैसे रोका जा सकता है?
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Howdy modi ईवेंट पर प्रधानमंत्री मोदी और डॉनाल्ड ट्रंप का हाथों में हाथ डालकर चलना बहुतों को खटक रहा था. वो मोदी और ट्रंप की इस दोस्ती की तस्वीरों से अभी बाहर भी नहीं आ पाए थे कि ट्रंप ने उन्हें एक और वजह दे दी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंगलवार को न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय वार्ता हुई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के जमकर पुल बांधे और ऐसे में उन्होने मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कह दिया. ऐसा कहकर ट्रंप तो निकल लिए लेकिन उनकी इस बात ने भारत में नई बहस छेड़ दी है.
द्विपक्षीय वार्ता के दौरान ट्रंप ने मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अगर मैं पहले के भारत को याद करूं तो वहां पर लोग अक्सर लड़ते रहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने सभी को एक पिता की तरह साथ लाने का काम किया है, शायद वो ‘फादर ऑफ इंडिया’ हैं, हम उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया’ ही बुलाएंगे. लोगों को एक साथ लाना काफी बढ़िया काम है और नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र में शानदार काम किया है.’
#WATCH US President: I remember India before was very torn. There was a lot of dissension, fighting&he brought it all together. Like a father would. Maybe he is the Father of India...They love this gentleman to my right. People went crazy, he is like an American version of Elvis. pic.twitter.com/w1ZWYiaOSu
— ANI (@ANI) September 24, 2019
यही नहीं ट्रंप ने मोदी की तुलना अमेरिकी रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से भी की. howdy modi इवेंट के बारे में जब ट्रंप से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरी दाईं तरफ जो बैठे हैं लोग उन्हें पसंद करते हैं. लोग पागल हो जाते हैं, वह एल्विस के इंडियन वर्जन हैं.'
यानी ट्रंप के मुख से मोदी के लिए सिर्फ तारीफें ही निकल रही थीं. उनकी तुलना अमेरिकी सिंगर और ऐक्टर एल्विस प्रेस्ले से करने में किसी को कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि एल्विस कतो 'किंग ऑफ रॉक ऐंड रोल' थे. लेकिन मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहना इतना भी आसान नहीं है.
'फादर ऑफ इंडिया' को अगर हिंदी में कहें तो 'भारत का पिता' कहा जाएगा. महात्मा गांधी को पहले से ही राष्ट्र पिता का दर्जा दिया जा चुका है. ऐसे में अगर कोई मोदी को 'फादर ऑफ इंडिया' कहे तो बहस होना लाजिमी है. सोशल मीडिया पर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों से विरोध दिखाया गया बल्कि आम लोगों ने भी ट्रंप के इस बयान की आलोचना की.
लोगों ने कहा कि अब तो नोट पर गांधी जी की तस्वीर का जगह मोदी जी की तस्वीर होगी.
I got Something from the Future. I hope you like it!#NarendraModi #FatherOfIndia Father of India pic.twitter.com/mP1OBPVPXM
— (^_-) (@HeyItzzzzzMe) September 24, 2019
India right now
#ModiTrumpMeet #FatherofIndia #Gandhi #Fatherofnation pic.twitter.com/GRqc7FWfpD
— Vikas Trivedi (@1vikastrivedi) September 24, 2019
हालांकि भारत के लोग मोदी को भले ही पिता का दर्जा न दें लेकिन एक जुझारू और मेहनती प्रधानमंत्री के तौर पर वो उन्हें पसंद तो करते ही हैं.
We don't need-#FatherOfIndia,Mother of India,Chacha of India!
All we need is a hard working PM & his dedicated team!
We are so blessed that we have a leader who is hard working & he is working tirelessly with his team for all of us!Proud of you PM @narendramodi !! pic.twitter.com/jnVbj1xWTC
— Seema Choudhary (@Seems3r) September 25, 2019
लेकिन कई लोगों ने इस बहस को ही रोकने का काम किया. उनके मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी पर father of India से ज्यादा Son of India सूट करता है.
Instead of " Father of India " I personally feel " Son of India " is better tittle and suits @narendramodi ji more #SonOfIndia #BharatMaaKaaLal #FatherOfIndia pic.twitter.com/QrmORHHvSh
— Kashish rai???????? (@Kashishrai14) September 25, 2019
पहली बार नहीं बोला गया मोदी को Father of India
ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहा गया है. बल्कि समय-समय पर मोदी का कोई न कोई फैन उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया’ कह ही देता है लेकिन जब राजनीति से जुड़ा कोई व्यक्ति ऐसा कहता है तो उसपर हमेशा से आपत्ति दर्ज करवाई गई है.
- हाल ही में मोदी के जन्मदिन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नविस की पत्नी अमृता फडनविस ने भी ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहा था. जिसपर भी जमकर बवाल हुआ था.
Wishing the Father of our Country @narendramodi ji a very Happy Birthday - who inspires us to work relentlessly towards the betterment of the society ! #HappyBDayPMModiJi #HappyBdayPMModi #HappyBirthdayPM #happybirthdaynarendramodi pic.twitter.com/Ji2OMDmRSm
— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) September 17, 2019
- 2017 में संबित पात्रा ने एक टीवी टैनल पर कन्हैया कुमार से बहस के दौरान ये कहा था कि नोदी देश के बाप हैं. यानी देश के पिता हैं. इसपर कांग्रेस भड़क गई और प्रधानमंत्री मोदी से माफीनामे की मांग की गई थी क्योंकि भाजपा के प्रवक्ता ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया था.
- संबित पात्रा के इस बयान के करीब एक साल बाद प्रधानमंत्री मोदी को देश के पिता यानी डैडी का दर्जा दिया तमिलनाडु के मंत्री के टी राजेंद्र भालाजी ने. उन्होंने कहा कि 'अम्मा (जयललिता) के जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी डैडी की तरह ही उनका माग्रदर्शन और सपोर्ट कर रहे हैं, मोदी हमारे डैडी और इंडिया के डैडी हैं.'
#WATCH Tamil Nadu Minister K T Rajendra Balaji: Amma's (Jayalalithaa) decisions were her own. So it was different, but in today's context due to absence of Amma, Modi is our daddy, he is our daddy, India's daddy. (8.3.19) pic.twitter.com/2zzETpaEIo
— ANI (@ANI) March 9, 2019
- मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मोदी जी के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ते. उन्होंने एक नहीं बल्कि कई बार सार्वजिनक मंच पर मोदी के लिए कहा है कि 'मोदी भारत के लिए भगवान का उपहार हैं.'
क्या फर्क है Father of India और Father of nation में
Father of india और father of nation का अर्थ समान ही प्रतीत होता है और इसीलिए लोग इस बात पर आपत्ति जताते हैं कि मोदी को father of india कहना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है. लेकिन father of india और father of nation में थोड़ा फर्क है जिसे समझना जरूरी है. और इन दोनों में फर्क समझने से पहले india और nation या देश और राष्ट्र के बीच का फर्क पता होना चाहिए.
देश एक भूभाग है. राष्ट्र भी देश ही है लेकिन कुछ फर्क है. राष्ट्र का अर्थ होता है जिसकी एक निश्चित भौगौलिक सीमा हो जो हजारों वर्षों से ज्यों की त्यों हो. उस निश्चित भौगौलिक सीमा में रहने वाली एक संस्कृति हो जो वर्षों से चली आ रही हो. राज्य बदलते रहें परन्तु संस्कृति ना बदले. यानी राष्ट्र में संस्कृति का होना भी जरूरी है. इसे आसान शब्दों में समझें तो देश अगर गंगा नामक एक नदी है तो राष्ट्र जीवनदायनी मां गंगा. देश अगर गाय नाम का पशु है तो राष्ट्र गौमाता. देश अगर भारत रूपी भूभाग है तो राष्ट्र है भारत माता.
राष्ट्र पिता और देश के पिता होने में यही छोटा किंतु बड़ा सा फर्क है.
और इस लिहाज से देखें और समझें तो प्रधानमंत्री मोदी को father of india कहे जाने से महात्मा गांधी किसी भी रूप में कमतर नहीं हो सकते. और इसीलिए देश के पिता कहलाने से गांधी का अपमान भी नहीं होता क्योंकि वो राष्ट्र के पिता हैं.
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