लीबिया संकट: खराब हालात में फंसे 500 भारतीयों को अब सुषमा स्वराज का सहारा
केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का शुमार उन नेताओं में है, जो परिस्थितियां कैसी भी हों हमेशा ही मुसीबत में फंसी भारतीय जनता के साथ खड़ी मिलती हैं. इस बार फिर उन्होंने लीबिया में फंसे भारतीयों का साथ दिया है.
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भाजपा की सारी बातें एक तरफ हैं और सुषमा स्वराज एक तरफ. लोगों की सुरक्षा के प्रति जैसा उनका रवैया है ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि जैसे ही देश दुनिया से ये खबर आती है कि कहीं कोई भारतीय संकट में है सुषमा मदद के लिए आगे आ जाती है. लीबिया में सत्ता का संघर्ष चल रहा है और आए रोज स्थिति खराब हो रही है. देश की सरकार ने राजधानी त्रिपोली में फंसे भारतीयों को फौरन इलाका छोड़ देने की सलाह दी है. ट्विटर पर जानकारी देते हुए सुषमा ने कहा है कि 'लीबिया से भारतीय को निकालने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और वहां की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद त्रिपोली में 500 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं.'
लीबिया में फंसे लोगों के लिए ट्वीट करके सुषमा स्वराज ने बता दिया है कि जल्द ही सरकार लोगों की समस्या का निवारण करेगी
स्वराज ने कहा, 'त्रिपोली में हालात तेजी से बदतर होते जा रहे हैं. फिलहाल विमानों का संचालन हो रहा है. लिहाजा सभी लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से त्रिपोली जल्द से जल्द छोड़ने को कहें. वरना बाद में हम वहां से इनको निकाल नहीं पाएंगे.' इससे पहले भारत ने त्रिपोली में रह रहे भारतीयों को सावधानी बरतने की सलाह दी थी. साथ ही भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर (00218 924201771) जारी किया किया था.
Even after massive evacuation from Libya and the travel ban, there are over 500 Indian nationals in Tripoli. The situation in Tripoli is deteriorating fast. Presently, flights are operational. /1 PL RT
— Chowkidar Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) April 19, 2019
गौरतलब है कि लीबिया में कर्नल गद्दाफी को सत्ता से बेदखल किये जाने और फिर उनकी हत्या के बाद लीबिया में हालत एक बार फिर से खराब हो गए हैं. माना जा रहा है कि लीबिया में विद्रोही गुट के नेता जनरल हफ्तार की सेना और अन्य सशस्त्र बलों के बीच संघर्ष शुरूहो चुका है जो आने वाले समय में स्थिति को बद से बदतर कर सकता है.
Post-evacuation Libya never stabilised. There was a travel ban by GoI. Yet Indians either travelled or returned to Libya. If they do not leave while flights are operational, no reason why taxpayer money should be spent on evacuating them. https://t.co/UTQoEvEs8r
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) April 19, 2019
IMPORTANT ||Video shows grad missiles being launched into AbuSleem neighborhood in Tripoli last night. Clear to see they were fired in from a close position, not Libyan Army territory. Sarraj should now be arrested and held responsible for war crimes. #Libya pic.twitter.com/atnUOIZlNT
— Matog Saleh (@MatogSaleh) April 17, 2019
Why is this significant:
1- US President calling a Military Commander2- Waiting 4 days, releasing it after US blocked ceasefire for Libya at UN3- Comes as reports saying Haftar is advancing4- At odds with previous US positions/statements on Libya & Haftar
— Joyce Karam (@Joyce_Karam) April 19, 2019
Full White House statement on Trump’s conversation with Haftar days before US declined to support a draft UN resolution calling for a ceasefire in Tripoli where fighting continues (200+ deaths, 20k+ displaced) since Haftar launched an offensive there April 4. #Libya pic.twitter.com/FvoDFQb8qv
— Mary Fitzgerald (@MaryFitzger) April 19, 2019
GNA forces in #Azizyah amid battles with LNA #Libya pic.twitter.com/FVJUVjkCMQ
— Ruptly (@Ruptly) April 19, 2019
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की मानें यो खबर ये भी है कि बीते दिन त्रिपोली के घनी आबादी वाले इलाकों में गोले दागे गए थे, जिससे मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है. कहा जा सकता है कि बीते चार अप्रैल से शुरू हुआ ये संघर्ष ठीक वैसा ही है जैसा हम साल 2011 में देख चुके थे जब मुल्क में गृह युद्ध के हालात दिखे थे.
लीबिया में समस्या कितनी गम्भीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो हफ्ते से लीबिया में जारी इस संघर्ष में 205 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कम से कम 913 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
बहरहाल लीबिया में फंसे भारतीय कब आएंगे और सरकार उन्हें कैसे वापस लाएगी इसका फैसला आने वाला वक़्त करेगा.मगर जिस तरह सुषमा स्वराज की नजर दुनिया भर के भारतीयों पर है और जैसे हर मुश्किल वक़्त में सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा में खड़ी है ये खुद ब खुद इस बात को साफ कर देता है कि देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में है. जनता को भरोसा है कि कहीं उनकी सुनवाई हो या न हो मगर जब वो ट्विटर पर जाएंगे तो वहां से खाली हाथ नहीं लौटेंगे. सरकार अवश्य ही वहां उनकी परेशानी का निवारण करेगी.
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