चुनाव जीतने की खुमारी: बीच सड़क उड़ाई गईं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां
चुनाव जीतने से पहले ही जश्न मनाने का सिलसिला शुरू हो गया है. पटाखे फोड़े जाने लगे हैं. दिल्ली में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है. दिवाली के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक आदेश दिया था, लेकिन फिलहाल वो आदेश सभी पार्टियां भूल सी गई हैं.
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दिल्ली के लोगों की सांसों पर जहरीली हवा का खतरा अभी भी मंडरा ही रहा है. जहां एक ओर चुनावी नतीजों की गणना ने सियासी गलियारे में सरगर्मी पैदा कर दी है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक्यूआई 412 दर्ज किया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है. लेकिन चुनावी नतीजों की खुमारी राजनीतिक पार्टियों पर ऐसी चढ़ी है कि वह सब कुछ भूल कर दिल्ली की हवा को और अधिक प्रदूषित करने में लगे हैं. बीच सड़क पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जश्न मनाने के लिए प्रदूषण करने वाले पटाखे जलाए जा रहे हैं. आइए देखते हैं कहां-कहां हो रहा है ऐसा.
11.40- जहां एक ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता जश्न मनाते हुए पटाखे फोड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने यह साफ किया है कि वह आखिरी परिणाम आने तक रुकेंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस के पास बहुत सारे पटाखे बचे हैं, इसलिए वह नतीजे जाने बगैर ही उन्हें फोड़ने में लगे हैं. पात्रा ये तो साफ नहीं कह रहे कि भाजपा निश्चित रूप से जीतेगी, लेकिन ये जरूर कह रहे हैं कि उन्होंने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी है. यानी सम्मानजनक हार से भी पार्टी खुश लग रही है.
11.30- मध्य प्रदेश के भोपाल में इंदिरा भवन के सामने कांग्रेस समर्थकों की भीड़ जमा हो चुकी है. भले ही अभी मध्य प्रदेश में परिस्थिति पूरी तरह से साफ नहीं हो, लेकिन जश्न का माहौल बना हुआ है. नारों से लेकर पटाखों तक, हर तरीके से जश्न मना या जा रहा है.
11.20- कांग्रेस जितनी तेजी से जीत की ओर बढ़ रही है, उसके कार्यकर्ता प्रदूषण के मुद्दे को उतना ही भूलते जा रहे हैं और आतिशबाजी करने में लगे हुए हैं. देखिए ये वीडियो.
Celebrations have begun at @INCIndia headquarters @dna pic.twitter.com/CkuJ8QVY1H
— amrita madhukalya (@visually_kei) December 11, 2018
11.00- जश्न मनाने की अभी तक की सभी तस्वीरें और वीडियो सिर्फ कांग्रेस की ओर से ही आ रही हैं और हर तस्वीर या वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ती दिख रही हैं. कांग्रेस नेता जगदीश शर्मा भी जश्न मनाने के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखा रहे हैं.
Priyanka Gandhi's close aid Jagdish Sharma sloggering humra neta kessa ho Rahul Gandhi jaisa ho just ahead of final count down, Massive celebration outside congress office#AssemblyElections2018 pic.twitter.com/voU60N2FlV
— mahima kataria (@i5mahi) December 11, 2018
10.35- दिल्ली में भले ही चुनाव ना हो रहा है, लेकिन जीत की खुमारी का जश्न यहीं मनाया जा रहा है. अभी नतीजे आए भी नहीं है, सिर्फ रुझानों को अपने पक्ष में आता देखकर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में कांग्रेस के ऑफिस पर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया. पटाखे भी लड़ी वाले, जिसे जलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने बैन लगाया है.
#Visuals of celebration from outside Congress office in Delhi. #AssemblyElections2018 pic.twitter.com/4bWIf5EN8I
— ANI (@ANI) December 11, 2018
10.30- राजस्थान में भाजपा के जयपुर ऑफिस में सन्नाटा पसरा हुआ है. भले ही पार्टी के नेता मान रहे हों कि नतीजे बदलेंगे और बाजी भाजपा के हाथ आ जाएगी, लेकिन जयपुर का ऑफिस देखकर ऐसा नहीं लगता. यहां पटाखे तो क्या, किसी की आवाज का भी शोर सुनाई नहीं दे रहा है.
Rajasthan: #Visuals from BJP state office in Jaipur. #AssemblyElections2018 pic.twitter.com/Ii8MIT3Ftk
— ANI (@ANI) December 11, 2018
10.00- चुनावी नतीजों की गणना शुरू होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी के नेता जगदीश शर्मा दिल्ली के दफ्तर में पटाखे लेकर पहुंच गए थे. और जैसे-जैसे नतीजे कांग्रेस के पक्ष में जाते दिख रहे हैं, इन पटाखों के जरिए जश्न मनाया जाना भी शुरू कर दिया गया है.
Firecrackers brought to Congress office in Delhi by party leader Jagdish Sharma as counting is underway for assembly elections in five states pic.twitter.com/vq5dZB2Gta
— ANI (@ANI) December 11, 2018
ऐसा नहीं है कि चुनावों में ही पहली बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई गई हों. कुछ दिन पहले ही प्रियंका चोपड़ा की शादी के दौरान भी जमकर आतिशबाजी की गई थी, जिससे भारी मात्रा में प्रदूषण हुआ था. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिवाली के दिन भी लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाकर जश्न मनाया था. यहां तक कि जिन वकीलों के लिए अदालत उनका मंदिर होता है, उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट की धज्जियां उड़ाई थीं. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि खुशी का मौका कोई भी हो, चुनाव हो, शादी हो या फिर कोई केस जीतने की खुशी हो, उसका जश्न कभी नियमों के अधीन नहीं मनाया जाता है.
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