Exit poll 2019: चौथे चरण में दो मुख्यमंत्रियों के बेटों समेत 10 बड़े उम्मीदवारों का क्या होगा !
Lok Sabha Election 2019 Exit Poll: जिन 71 सीटों पर इस बार चुनाव हुआ है, उनमें से 45 सीटें 2014 में भाजपा के खाते में गई थीं. इस बार भी अधिकतर सीटों भाजपा ने ही जीती हैं. कमलनाथ के बेटे जीत रहे हैं, लेकिन गहलोत के बेटे हार सकते हैं.
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Lok Sabha Election 2019 Exit Poll: संसदीय चुनाव के चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों 29 अप्रैल को वोटिंग हुई. यूपी की 13, बिहार की 5, पश्चिम बंगाल की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की 6, राजस्थान की 13 और जम्मू-कश्मीर की 1 सीट इनमें शामिल थीं. चौथे चरण में 30 महिलाएं भी चुनाव मैदान में थीं, जिनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में 6-6 महिलाएं, ओडिशा में 5, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 2-2 और बिहार, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में 1-1 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
वोटिंग के इस दौर में 31.64 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. चौथे चरण में सबसे अमीर उम्मीदवार छिंदवाड़ा में कांग्रेस के नकुल नाथ 49.3 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति और 46.72 फीसदी लखपति हैं. एग्जिट पोल के नतीजों की मानों तो अधिकतर सीटें भाजपा के कब्जे में जाती दिख रही हैं.
2014 में कैसा रहा था चुनावी गणित?
चौथे चरण में हुए लोकसभा चुनावों में देश की कुल 71 सीटों पर मतदान हुआ था. इनमें से 45 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं, जबकि कांग्रेस महज 2 सीटें जीती थी. इसके अलावा शिवसेना ने 9, तृणमूल कांग्रेस ने 6, बीजेडी ने 6, एलजेपी ने 2 और समाजवादी पार्टी ने 1 लोकसभा सीट पर कब्जा किया था. इस बार के एग्जिट पोल के नतीजे 2014 के नतीजों से काफी बदले-बदले से लग रहे हैं, लेकिन असल तस्वीर तो 23 मई को ही सामने आएगी.
क्या रहा खास?
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में ही पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर भी चुनाव हुआ था, जहां से भाजपा के बाबुल सुप्रियो मैदान में हैं. मतदान के दौरान बूथ पर भाजपा और टीएसी के समर्थकों के बीच काफी झड़प हुई थी. यहां तक कि बाबुल सुप्रियो की गाड़ी पर हमला कर दिया था और तोड़-फोड़ की थी. आरोप था कि बूथ पर टीएमसी के कार्यकर्ता वोटर्स को धमका रहे थे. खैर, इतना सब होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में करीब 76 फीसदी वोटिंग हुई थी. इतने बवाल के बीच इतनी ज्यादा वोटिंग का होगा भी शक पैदा करता है.
चौथे चरण में सबसे कड़ा मुकाबला बिहार की बेगूसराय सीट पर कन्हैया कुमार और गिरिराज सिंह के बीच था.
10 सीटें जिनके exit poll result का सबसे ज्यादा इंतजार था-
1. बेगूसराय (Begusarai Exit Poll Results) : बिहार (Bihar Exit Poll Results 2019) की बेगूसराय सीट तो चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले से ही चर्चा में रही. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार यहां से सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़े. कन्हैया के मुकाबले एनडीए के उम्मीदवार मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह हैं, जिन्हें उनकी मर्जी के बगैर नवादा से बेगूसराय भेज दिया गया. बावजूद इसके अगर एग्जिट पोल की मानें तो कन्हैया कुमार हारते हुए दिख रहे हैं, जबकि भाजपा की ओर से मैदान में उतारे गए गिरिराज सिंह जीत रहे हैं. आरजेडी ने इस बार भी तनवीर हसन को ही टिकट दिया है जो 2014 बीजेपी से करीब 50 हजार वोटों से हार गये थे.
2. मुंगेर (Munger Exit Poll Results) : मुंगेर लंबे अरसे से बाहुबली नेता अनंत सिंह का इलाका रहा है. मुंगेर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में महागठबंधन की उम्मीदवार उनकी पत्नी नीलम देवी हैं, जिन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है. मुंगेर में मुकाबला पहले से ही दिलचस्प माना जा रहा था. अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ एनडीए प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं. ललन सिंह जेडीयू के नेता हैं और नीतीश सरकार में काफी दबदबा रखते हैं. इसी का नतीजा है कि बिहार की मुंगेर सीट भाजपा के गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ रहे जेडीयू के ललन सिंह जीत रहे हैं.
3. कन्नौज (Kannauj Exit Poll Results) : उत्तर प्रदेश की (Uttar Pradesh Exit Poll Results 2019) कन्नौज लोक सभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है. कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव दोबारा चुनाव मैदान में हैं. लेकिन अगर एग्जिट पोल के आंकड़ों को देखें तो इस सीट से मैदान में उतरी डिंपल यादव हारती हुई दिख रही हैं. भाजपा की ओर से कन्नौज में सुब्रत पाठक मैदान में हैं, जिन्हें एग्जिट पोल जिता रहे हैं. बीजेपी ने ये सीट 1998 में जीती थी, लेकिन बीएसपी का अब तक यहां खाता नहीं खुल सका है.
4. उन्नाव (Unnao Exit Poll Results) : उत्तर प्रदेश के उन्नाव से मौजूदा सांसद साक्षी महाराज बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनाव मैदान में हैं. एग्जिट पोल के अनुसार वह फिर से भाजपा के टिकट पर उन्नाव की सीट जीतने वाले हैं. टिकट मिलने से पहले साक्षी महाराज की एक चिट्ठी की खूब चर्चा रही, जिसके जरिये नेतृत्व को उन्होंने अपने तरीके से धमकाया था. अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में अक्सर रहने वाले साक्षी महाराज ने वोट देने को लेकर भी श्राप देने की बात कही थी. सपा-बसपा गठबंधन ने अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महराज को टिकट दिया. कांग्रेस ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाया.
5. मुंबई साउथ (Mumbai South Exit Poll Results) : महाराष्ट्र (Maharashtra Exit Poll Results 2019) की मुंबई साउथ सीट इस बार मुकेश अंबानी के समर्थन की वजह से खास तौर पर चर्चा में रही. मिलिंद देवड़ा ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें मुकेश अंबानी उनकी तारीफ और सपोर्ट करते देखे गये. मिलिंद देवड़ा भी राहुल गांधी के उन्हीं करीबी नेताओं में आते हैं, जिनके पिता भी कांग्रेस के नेता रहे. मिलिंद देवड़ा को कांग्रेस ने मुरली देवड़ा की सीट से टिकट दिया और वो 2004 और 2005 में सांसद बने, लेकिन 2014 में शिवसेना उम्मीदवार से हार गये. इस बार भी उनके खिलाफ भाजपा-शिवसेना गठबंधन की ओर से शिवसेना के अनंत गणपत सावंत मैदान में हैं और जीतते हुए दिख रहे हैं. मिलिंद देवड़ा को मुकेश अंबानी का समर्थन मिलना भी कुछ खास नहीं रहा.
6. मुंबई नॉर्थ (Mumbai North Exit Poll Results) : कांग्रेस में मुंबई नॉर्थ सीट से टिकट को लेकर काफी रस्साकशी हुई. माना जाता है कि प्रियंका चतुर्वेदी इस सीट से टिकट चाहती थीं, लेकिन कांग्रेस में सुनवाई नहीं हुई तो वो शिवसेना में शामिल हो गयीं. कांग्रेस ने इस सीट पर बॉलीवुड एक्टर उर्मिला मातोंडकर को टिकट दिया है. उर्मिला का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी से है. एग्जिट पोल के आंकड़े दिखाते हैं कि उर्मीला मातोंडकर को इस सीट पर उतारने से भी कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ है और यहां से भाजपा के गोपाल शेट्टी जीत रहे हैं.
7. छिंदवाड़ा (Chhindwara Exit Poll Results) : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Exit Poll Results 2019) का छिंदवाड़ा तो इंदिरा गांधी के जमाने से ही कांग्रेस की सीट रही है. 1980 से 2014 तक सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में ये बीजेपी के हिस्से में गई थी, नहीं तो कांग्रेस का ही यहां कब्जा रहा. कमलनाथ के मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस बार उनके बेटे नकुलनाथ कांग्रेस उम्मीदवार हैं. इस सीट पर इस बार भी कांग्रेस का रिकॉर्ड कायम रहता दिख रहा है और नकुलनाथ जीत रहे हैं. चौथे चरण के सबसे अमीर उम्मीदवार नकुलनाथ थे, जिनके पास 660 करोड़ रुपए की संपत्ति थी. बीजेपी ने छिंदवाड़ा से नकुलनाथ के खिलाफ नत्थन शाह को टिकट दिया. नत्थन शाह मध्य प्रदेश की जुन्नारदेव विधानसभा सीट से 2013 में एमएलए रह चुके हैं.
8. जोधपुर (Jodhpur Exit Poll Results) : छिंदवाड़ा की ही तरह राजस्थान (Rajasthan Exit Poll Results 2019) की जोधपुर सीट भी मुख्यमंत्री के बेटे की उम्मीदवारी से महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जोधपुर से अशोक गहलोत के बेटे वैभव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने वैभव गहलोत का साथ नहीं दिया है. भाजपा ने अपने सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उम्मीदवार बनाया है, जो एग्जिट पोल के अनुसार जीत रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ये सीट बेहद अहम है, जो भाजपा के खाते में जाती दिख रही है.
9. बाड़मेर (Barmer Exit Poll Results) : राजस्थान की बाड़मेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर मानवेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. मानवेंद्र सिंह 2004 में बाड़मेर से सांसद रह चुके हैं जो सीनियर बीजेपी नेता जसवंत सिंह के बेटे हैं. बीजेपी ने इस बार भी बाड़मेर से सोनाराम को ही टिकट दिया है. मानवेंद्र सिंह 2018 में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़े थे. यूं तो इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कड़ी टक्कर दिख रही है, लेकिन पलड़ा भाजपा की ओर ही झुका हुआ है.
10. आसनसोल (Asansol Exit Poll Results) : पश्चिम बंगाल (West Bengal Exit Poll Results 2019) की आसनसोल लोकसभा सीट पर मुकाबला जोरदार है. चुनाव मैदान में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से गुजरे जमाने की अदाकारा मुनमुन सेन हैं तो बीजेपी ने मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो को ही उम्मीदवार बनाया है. मुनमुन सेन बांकुरा से सांसद हैं, लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने उनकी सीट बदल दी, जिसे सत्ता विरोधी लहर को काउंटर करने का उपाय माना गया. हालांकि, ममता बनर्जी की ये टेक्नीक काम करती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल के नतीजों की मानें तो यहां से मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो ही दोबारा से जीत रहे हैं.
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