ICU में आई मछलियों ने सरकार की बीमार नब्ज पर ही हाथ रखा है
जिस आईसीयू में ऐसे मरीजों को रखा जाता है, जिनकी हालत बेहद गंभीर होती है, उसमें पानी भर जाना और मछलियां तक पहुंच जाना प्रशासन की व्यवस्था पर एक सवालिया निशान लगाता है.
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एक अस्पताल, जिसमें मछलियां तैर रही हैं. सुनने में ये भले ही अजीब लगे, लेकिन यही सच है. बिहार के नालंदा में स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज इन दिनों तालाब में तब्दील हो चुका है. हर ओर पानी ही पानी और उसमें तैर रही हैं सैकड़ों मछलियां. सिर्फ इतने से हैरान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इससे भी हैरानी की बात ये है कि ये पानी और उसमें तैरती मछलियां अस्पताल के आईसीयू तक पहुंच चुकी हैं. जिस आईसीयू में ऐसे मरीजों को रखा जाता है, जिनकी हालत बेहद गंभीर होती है, उसमें पानी भर जाना और मछलियां तक पहुंच जाना प्रशासन की व्यवस्था पर एक सवालिया निशान लगाता है.
सफाई तो बहुत दूर की बात है
यूं तो अस्पताल में साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी होता है. कई जगह तो आईसीयू में जूते-चप्पल भी पहनकर किसी को जाने नहीं इजाजत नहीं होती है, लेकिन इसके बावजूद नालंदा के इस अस्पताल में पानी का घुसना व्यवस्था में चूक को दिखाता है. बात सिर्फ पानी और मछलियों तक सीमित नहीं है, नालियों के उफान से अस्पताल के अंदर मल इत्यादि भी पहुंच चुका है, जो एक बीमार शख्स को और बीमार बनाने के लिए काफी है. इसका वीडियो देखकर आप भी समझ जाएंगे कि हालात कितने बदतर हो गए हैं.
#WATCH: Fish seen in the water logged inside the Intensive Care Unit (ICU) of Nalanda Medical College Hospital (NMCH) in Patna following heavy rainfall in the city. #Bihar pic.twitter.com/oRCnr6f0UJ
— ANI (@ANI) July 29, 2018
अस्पताल प्रशासन इस मामले में कह रहा है कि पंपों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन पानी इतना अधिक है कि पंप भी फेल हो जा रहे हैं. यहां एक बात सरकार को समझनी होगी कि पंप से पानी निकालना समस्या का समाधान नहीं है. क्या प्रशासन को इसकी जरा भी भनक नहीं थी कि अस्पताल में पानी घुस सकता है? या अधिकारी इस बात का इंतजार कर रहे थे कि पानी घुसे तो उसे निकालने के लिए पंप लगाए जाएं? नालंदा मेडिकल कॉलेज बिहार के नामी अस्पतालों में से एक है. समय रहते अगर सरकार ने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया होता तो आज स्थिति इतनी बदतर नहीं होती.
ट्विटर पर मजाक बना ये गंभीर मुद्दा
जहां एक ओर इस गंभीर मुद्दे पर बहुत से लोग प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं, वहीं सरकार का बचाव करते हुए कुछ लोग ये कह रहे हैं कि बादल और पानी को नहीं रोका जा सकता है. ये लोग इन सब के लिए जनता को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. यहां समझना जरूरी है कि बेहद नामी अस्पताल में अगर इस तरह पानी भर जाता है और उसमें मछलियां तैर रही हों तो ये वाकई गंभीर मुद्दा है, जिसकी जिम्मेदारी खुद सरकार को लेनी चाहिए.
जिस किसी को ज्यादा परेशानी है तो जाकर वह पानी को रोकने और बादलों को भी रोक ले कितनी भी सरकार आएंगे जाएंगे पानी और बादल को कोई नहीं रोक सकता हां प्रशासन हो गंभीर होना चाहिए प्रशासन कोई भगवान नहीं है जनता कितना सहयोग करती है देखने से ही पता चलता है जनता कम जिम्मेदार नहीं है
— Dheerendra Chaturvedi (@chatur94) July 29, 2018
@alok_ajay trolling chodkei kuch der NMCH ja kar machli pakad...Parivar ka pet bharega
— PB (@bothrapawan53) July 29, 2018
इन सब के लिए जनता सबसे पहले ज़िमेदार है सब कोई चाहता है भगत सिंह पड़ोस में पैदा हो मेरे घर नहीं.
— Dharmendra Kumar Singh (@Dharmen82080586) July 29, 2018
आखिर सवाल ये उठता है कि इस समस्या से कैसे निपटा जाए? प्रशासन को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि किसी भी हालत में, भले ही बाढ़ क्यों ना आ जाए अस्पताल में पानी ना घुस सके. अगर अस्पताल का स्तर जमीन के बराबर या उससे नीचे है तो कम से आईसीयू को तो अस्पताल की पहली मंजिल पर शिफ्ट किया ही जा सकता है. बहुत से ऐसे अस्पताल हैं भी, जिन्होंने इस तरह की परेशानियों से निपटने के लिए आईसीयू को पहली मंजिल पर बनाया है. जरा सोच कर देखिए, आईसीयू में लोगों को तब रखा जाता है जब कोई जिंदगी और मौत के बीच पहुंच जाता है, ऐसे में अगर अगर वहां पानी भरेगा तो मरीज की जिंदगी बचेगी या मौत मिलेगी?
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