Exit poll 2019: ये बने कांग्रेस के 5 'वोट-कटवा'
Lok Sabha Election Exit poll 2019: कांग्रेस ये स्वीकार कर ही चुकी है कि उसके उम्मीदवार भाजपा के बहुत से वोट काटेंगे. जिस दिन प्रियंका गांधी ने ये बयान दिया था, उसी दिन से भाजपा ने कांग्रेस को 'वोटकटवा' कहना शुरू कर दिया.
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Lok Sabha Election 2019 के सातवें चरण का मतदान ( 7th phase polling ) पूरा होने के साथ ही सीटों के नफा-नुकसान का गणित एग्जिट पोल ( Exit poll 2019 ) से लगाया जाने लगेगा. क्योंकि, इस बार का लोकसभा चुनाव कुछ खास है. ये चुनाव भाजपा तो जीतने के लिए लड़ रही है, लेकिन कांग्रेस को जीत से कोई मतलब नहीं दिख रहा. यूं लग रहा है जैसे वह सिर्फ भाजपा को हराना चाहती है, चाहे बदले में सरकार किसी की भी बने. वैसे इस बात को तो कांग्रेस भी स्वीकार कर ही चुकी है कि वह भाजपा के बहुत से वोट काटेगी. जिस दिन प्रियंका गांधी ने ये बयान दिया था, उसी दिन से भाजपा ने कांग्रेस को 'वोटकटवा' कहना शुरू कर दिया.
प्रियंका गांधी ने वोट काटने वाली जो बात कही, उससे उल्टा कांग्रेस को ही नुकसान हो सकता है. यही वजह है कि विरोधी पार्टियों ने प्रियंका के इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए जनता में ये छवि बनानी शुरू कर दी है कि कांग्रेस सिर्फ भाजपा को हराने के लिए चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस पार्टी को 'वोटकटवा' नाम भले ही प्रियंका गांधी के बयान के बाद मिला हो, लेकिन वह अकेली नहीं है, जिनके चलते कांग्रेस के खुद के वोट कट सकते हैं. कांग्रेस के कुल 5 नेता ऐसे हैं, जिनके बयान भाजपा पर हमला करने के बजाय बैकफायर कर गए और इनसे खुद कांग्रेस को ही नुकसान होता दिख रहा है.
जिसकी शुरुआत प्रियंका गांधी ने की थी, वो सिलसिला कांग्रेस के कई नेताओं से होते हुए अब राहुल गांधी तक पहुंच चुका है.
1- प्रियंका गांधी साफ किया कि उनके उम्मीदवार वोट काटेंगे
प्रियंका गांधी आजतक से बात करते हुए ये कह चुकी हैं कि या तो कांग्रेस का उम्मीदवार जीतेगा, या फिर भाजपा का वोट काटेगा. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि उनका फोकस किसी उम्मीदवार को जिताने में नहीं, बल्कि भाजपा के वोट काटने में है. वैसे भी, सपा-बसपा के साथ गठबंधन नहीं कर के कांग्रेस ने न सिर्फ भाजपा के वोट काटने का काम किया है, बल्कि सपा-बसपा के भी बहुत से वोट कांग्रेस की वजह से कटेंगे. वहीं दूसरी ओर, भाजपा के विपक्ष में पड़ने वाले वोट भी सपा-बसपा और कांग्रेस में बंटेंगे, जिसका फायदा भाजपा को होगा.
2- नवजोत सिंह सिद्धू हमेशा विवादित ही बोलते हैं
कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू जब भी मुंह खोलते हैं, तो विवादित बयान ही बोलते हैं. काफी दिनों तक मौन व्रत रखने के बाद वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में उतरे, तब भी उन्होंने विवादित बयान ही दिया. उन्होंने कहा कि अगर सभी मुस्लिम एकजुट हो जाएं तो मोदी सुलट जाएगा.
इस बयान के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर चुनाव आयोग ने बैन भी लगाया, लेकिन वह नहीं सुधरे. कुछ दिन पहले ही वह पीएम मोदी को काला अंग्रेज बोल चुके हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि मच्छर को कपड़े पहनाना, हाथी को गोद में झुलाना और तुमसे सच बुलवाना असंभव है नरेंद्र मोदी. इतना ही नहीं, उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि पीएम मोदी उस दुल्हन की तरह हैं, जो रोटी कम बनाती है और चूड़ियां ज्यादा खनकाती है, ताकि मोहल्ले वालों को ये पता चले कि वो काम कर रही है. सिद्धू के इस बयान को महिलाओं को अपनाम भी कहा जा रहा है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि सिद्धू के इस बयान से हर महिला दुखी हुई होगी.
3- सिख दंगों पर सैम पित्रोदा का बयान भी नुकसान देने वाला
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होना है, जिसमें पंजाब की भी 13 सीटों पर मतदान होगा. इससे पहले ही कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगों पर विवादित बयान देकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. पित्रोदा ने कहा था कि 1984 दंगा 'हुआ तो हुआ'. पित्रोदा के मुंह से निकले ये तीन शब्द 19 मई को पंजाब की 13 सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ काम कर सकते हैं. हालांकि, राहुल गांधी ने पित्रोदा के बयान को गलत बताते हुए कहा था कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए. खुद पित्रोदा ने माफी मांग भी ली, लेकिन भाजपा उनके बयान को पंजाब में भुनाती रहेगी. वैसे भी, ऐसे बयान जख्म कुरेदने वाले होते हैं और एक बार अगर जख्म हरा हो जाए, तो उसे भरने में वक्त लगता है.
4- मणिशंकर अय्यर ने तो कांग्रेस को हराने की कसम खा ली है
2017 का गुजरात चुनाव तो सभी को याद ही होगा. उस चुनाव में कांग्रेस हार तो गई थी, लेकिन उसके प्रदर्शन ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया था, क्योंकि भाजपा बमुश्किल जीत पाई थी. शायद वो चुनाव कांग्रेस ही जीत जाती, अगर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को 'नीच इंसान' नहीं कहा होता. उनके इस बयान पर उन्हें पार्टी से निलंबित तक कर दिया गया और बाद में उन्होंने उस पर माफी भी मांगी. लेकिन यूं लग रहा है कि उन्होंने कांग्रेस को हराने की कसम खा ली है. अब उन्होंने एक लेख लिखा है, जिसमें कहा है- 'क्या प्रधानमंत्री मोदी जीतेंगे. 23 मई को देश की जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी. क्या आपको याद है कि मैंने 7 दिसंबर 2017 को क्या कहा था, क्या मेरी भविष्यवाणी सही नहीं थी?' अब भले ही अय्यर कांग्रेस में नहीं हैं, लेकिन उनके बयानों को कांग्रेस से जोड़कर ही देखा जाता है. गुजरात चुनाव में ऐन मौके पर अय्यर ने नीच वाला बयान दिया था, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ. अब फिर से लोकसभा चुनाव में ऐन मौके पर अय्यर ने वही हरकत की है.
वैसे मणिशंकर अय्यर कुछ फ्रस्ट्रेट से दिख रहे हैं. पता नहीं उन्हें खुद भी ये समझ आ रहा है कि नहीं कि वह क्या बोल रहे हैं. उनके मुंह से ऐसी-ऐसी बातें निकल रही हैं, जिन्हें सुनकर राहुल गांधी अपना माथा पीट लेंगे.
Frustrated Manishankar Aiyyar, star campaigner of BJP.. Joining Congress overseas affairs chief Sam Pitroda, in making #NarendraModi PM again.. #ModiOnceMore#SaveBengalSaveDemocracy pic.twitter.com/bsfj6VaNld
— Chowkidar Mallikarjun Biradar #MainBhiChowkidar (@Mallikarjun_B) May 15, 2019
5- और अंत में... खुद राहुल गांधी
हाल ही में राहुल गांधी ने इंडिया टुडे मैगजीन को एक इंटरव्यू दिया था. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मोदी की छवि को तार-तार करने की बात कही थी. उन्होंने कहा- 'मुझसे बहुत से लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी को हराया नहीं जा सकता है. मैंने कहा- वाकई? मैंने उनसे पूछा कि नरेंद्र मोदी की ताकत क्या है, तो उन्होंने कहा कि उनकी भ्रष्ट नहीं होने वाली छवि. मैंने कहा मैं इस ताकत को तार-तार कर दूंगा, टुकड़ों में तोड़ दूंगा और मैंने ये कर दिखाया.' राहुल गांधी ने ये बात कह तो दी, लेकिन राफेल डील पर बिना किसी सबूत के लगातार पीएम मोदी पर हमला बोलना और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश करना राहुल गांधी के पक्ष में जाने के बजाय उनके खिलाफ जाता दिख रहा है.
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