गौतम के ऑफिशियल भाजपाई बनने की बस घोषणा ही आज हुई है!
क्रिकेट से इतर सामाजिक मुद्दों पर जैसा रुख ट्विटर पर क्रिकेटर गौतम गंभीर का रहा है, कह सकते हैं कि वो तो बहुत पहले ही भाजपा की सदस्यता ले चुके थे बस उनके इस फैसले की ऑफिसियल घोषणा दो केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति में आज हुई है.
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दिसम्बर 2018 में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लिया था. कयास लगाए जा रहे थे कि टीम इंडिया के आतिशी बल्लेबाजों में शुमार भाजपा ज्वाइन करेंगे. तब लगाए जा रहे उस कयास को परिपूर्ण करते हुए, दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में, गौतम ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और अरुण जेटली की उपस्थिति में भाजपा की कमान संभल ली है.
चार महीने इंतजार के बाद क्रिकेटर गौतम गंभीर ने भाजपा का दामन पकड़ लिया है
पार्टी में आने से उत्साहित गौतम ने कहा है कि मैं बीजेपी में शामिल हो गया हूं. मुझे भरोसा है कि मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा. इसके अलावा गौतम ने ये भी कहा कि ये फैसला उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से प्रभावित होकर लिया है. साथ ही देश के कुछ करने का मौका देने के लिए उन्होंने पार्टी को शुक्रिया भी कहा है.
Gautam Gambhir: I am joining this party(BJP) after getting influenced by PM Narendra Modi's vision. I am honoured to get the opportunity to join this platform pic.twitter.com/barD8XA7W9
— ANI (@ANI) March 22, 2019
गौतम के भाजपा ज्वाइन करने के इस फैसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेतागण भी खुश दिखाई दिए. गंभीर के इस फैसले का समर्थन करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि गौतम गंभीर के पार्टी में आने से बीजेपी को फायदा होगा. वह पार्टी कार्यकर्ता के रूप में प्रचार करेंगे. चुनाव लड़ाने के सवाल पर जेटली ने कहा कि इसका फैसला चुनाव अभियान समिति करेगी.
Delhi: Former Cricketer Gautam Gambhir meets Bharatiya Janata Party President Amit Shah. He joined the party in the presence of Union Ministers Arun Jaitley and Ravi Shankar Prasad today. pic.twitter.com/jEWTkYrwfw
— ANI (@ANI) March 22, 2019
चूंकि पार्टी में एक क्रिकेटर आया है. इसलिए पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लिए बिना जेटली ने ये भी कहा कि, 'हमारे पास अनुभव है कि कैसे एक क्रिकेटर अचानक पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति रखने वाला बन गया, कम से कम गौतम गंभीर का ऐसा कोई पुराना इतिहास नहीं है.' यदि भाजपा के खेमे से आ रही ख़बरों पर विश्वास लिया जाए तो, आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर गौतम गंभीर को नई दिल्ली सीट से उतारा जा सकता है. आपको बताते चलें कि फिलहाल इस सीट से मीनाक्षी लेखी भाजपा की सांसद हैं.
गौरतलब है कि क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद ये साफ हो गया था कि गौतम आज नहीं तो कल राजनीति में अपनी किस्मत जरूर आजमाएंगे. साथ ही जैसा उनका रुख था उससे ये भी साफ था कि वो उस पार्टी में जाएंगे जो पूरी तरह उनकी विचारधारा से मेल खाती हो. ध्यान रहे कि पूर्व में कई अहम मौकों पर गौतम गंभीर, कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने इन दोनों ही पार्टियों की कार्यप्रणाली पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. इसके अलावा अब तक जैसे ट्वीट गौतम गंभीर ने किये हैं, यदि उनके ट्वीट्स के पैटर्न पर भी ध्यान दें तो मिलता है कि काफी हद तक उनकी विचारधारा और सोचने समझने का नजरिया भाजपा के नजरिये और उसकी विचारधारा से मैच करता है.
गौतम के बारे में दिलचस्प बात ये भी रही कि, ट्वीटर पर इक्का दुक्का मौकों पर उन्होंने भाजपा की आलोचना तो की. मगर कभी वो भाजपा पर उतना सख्त नहीं हुए जितना वो प्रायः अन्य दलों पर होते हैं. ध्यान रहे कि जिस वक्त गौतम ने क्रिकेट छोड़कर था उस वक़्त पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने ट्वीट कर उनसे पूछा था कि वह भाजपा की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेंगे या फिर राज्यसभा जाएंगे.
Welcome to the Bjp. RS or LS? https://t.co/9AY7987wD2
— Swati Chaturvedi (@bainjal) December 4, 2018
बहरहाल अब जबकि क्रिकेट से निकलकर ऑफिसियल तौर पर गौतम पब्लिक डोमेन में आ गए हैं तो उन्हें भी कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना होगा. गौतम एक खिलाड़ी रह चुके हैं. गुस्सा एक खिलाड़ी का गहना माना जाता है. इस बात को यदि गौतम के मद्देनजर देखें तो मिलता है कि वो पिच के अन्दर और बाहर दोनों ही स्थानों पर आक्रामक रहे है. कह सकते हैं कि राजनीति में आने के बाद अब गौतम के लिए बड़ा इम्तेहान है.
अब चूंकि वो पार्टी में आ गए हैं तो उन्हें अपने बोल को पहले तौलना होगा और फिर उसे ट्विटर पर लाना होगा. साथ ही गंभीर को ये भी जान लेना चाहिए कि अब उनके इस फैसले के बाद मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक, तरह तरह की बातें होंगी. आलोचनाएं होंगी. अतः उन्हें उसपर भी खामोशा रहना होगा और अगर जवाब देना बहुत ज्यादा ही जरूरी हुआ तो उन्हें अपने जवाबों पर पूरा संयम बरतना होगा.
गौतम का आने वाला भविष्य क्या होगा? साथ ही उनके नए तेवर कैसे होंगे? इसका फैसला आने वाला वक़्त करेगा. मगर जो निर्णय उन्होंने लिया है उससे एक बात तो साफ है कि वो एक कुशल खिलाड़ी हैं. उन्हें इस बात का पूरा एहसास है कि सही टाइमिंग देखते हुए छक्का कहां जड़ना है और कितनी दूर जड़ना है.
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