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Updated: 19 फरवरी, 2022 08:30 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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कर्नाटक के उडुपी स्थित एक स्कूल से शुरु हुआ हिजाब का मुद्दा आज बच्चे बच्चे की जुबान पर है. भले ही हिजाब को लेकर बहस कर्नाटक हाई कोर्ट में चल रही हो और इसपर फैसला आना बाकी हो. हिजाब पर जारी नाटक सिर्फ कर्नाटक तक सीमित न होकर 'पैन इंडिया' बना दिया गया है. स्कूल से जुड़े एक सोशल इश्यू को प्योर पॉलिटिकल इश्यू में मोल्ड करने वाले नेताओं के सदके जाने का मन करता है और ये तब और जरूरी हो जाता है, जब हम चॉइस के नाम पर हिजाब को लेकर मुस्लिम समुदाय से जुड़ी अच्छी भली पढ़ी लिखी लड़कियों को अपनी नौकरी दांव पर लगाते देखते हैं. हिजाब मामले में मुस्लिम लड़कियों के इस रुख ओर हैरत इसलिए भी नहीं है क्योंकि जब इस पूरे विवाद का श्री गणेश हुआ था तभी ये मान लिया गया था कि देश ऐसा बहुत कुछ देखेगा जो न केवल सोच और कल्पना से परे होगा बल्कि हिजाब कंट्रोवर्सी के तहत लोग फ्री की पब्लिसिटी वैसे ही लेंगे जैसे 'चांदनी' ने ली.

Hijab Row In Karnataka, Teachers Resignation On Hijab Row, Karnataka High court On Hijab Row, School, Collage, Resignationअपने इस्तीफे से चांदनी ने हिजाब विवाद को एक अलग ही लेवल पर पहुंचा दिया है

आगे जो बात होगी सो होगी मगर जिक्र चूंकि 'चांदनी' का हुआ है तो हमारे लिए भी जरूरी है कि हम चांदनी के विषय में जानें और जिस बात को समझें कि आखिर कैसे उन्होंने हिजाब कंट्रोवर्सी की आग को खर मुहैया कराया है. दरअसल कर्नाटक में एक जिला है तुमकुरु वहीं जैन पीयू कॉलेज नाम का कॉलेज हैं. चांदनी उसी कॉलेज में हैं और छात्रों को इंग्लिश पढ़ाती हैं. डेसिग्नेशन के अनुसार चांदनी को लेक्चरर बताया जा रहा है.

चूंकि एक लेक्चरर से पहले चांदनी मुस्लिम हैं इसलिए हिजाब कंट्रोवर्सी ने चांदनी को भी प्रभावित किया है और मामले पर अपना रोष प्रकट करते हुए उन्होंने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. ध्यान रहे चांदनी ने अपने इस्तीफे की पेशकश एक ऐसे समय में की है जब हिजाब को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

चांदनी ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि पढ़ाते समय हिजाब नहीं पहनना होगा. इससे दुखी लेक्चरर ने इस्तीफा दे दिया. चांदनी ने कहा है कि वह जैन पीयू कॉलेज में तीन साल से काम कर रही थी. इससे पहले उन्होंने हिजाब को लेकर किसी परेशानी का सामना नहीं किया था, लेकिन दो दिन पहले प्रिंसिपल ने मुझसे कहा कि मैं पढ़ाते समय हिजाब या कोई धार्मिक चिह्न नहीं पहन सकती.

Hijab Row In Karnataka, Teachers Resignation On Hijab Row, Karnataka High court On Hijab Row, School, Collage, Resignationअपने इस्तीफे में चांदनी ने कॉलेज पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं

कॉलेज ने जो बातें कहीं हैं उसमें कितनी सच्चाई है इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन चांदनी के आरोप जरूर गंभीर हैं. मामले पर अपनी बात रखते हुए चांदनी ने कहा है कि मैंने पिछले तीन साल से हिजाब पहनकर पढ़ाया है. यह नया निर्णय मेरे स्वाभिमान पर आघात है. इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है.

चूंकि हिजाब कंट्रोवर्सी ने पहले ही हिंदू मुस्लिम डिबेट को नए आयाम दिए हैं. इसलिए कॉलेज के प्रिंसिपल से चांदनी के इस्तीफे को लेकर सवाल हुआ. इस्तीफे और इस्तीफे के कारण हुए विवाद पर अपना पक्ष रखते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल केटी मंजूनाथ ने कहा है कि न तो उन्होंने और न ही प्रबंधन में किसी और ने उन्हें (चांदनी) को हिजाब हटाने के लिए निर्देशित किया.

गौरतलब है कि कर्नाटक में स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों को हिजाब पहनना चाहिए या नहीं इसको लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है और हर बीतते दिन के साथ नयी नयी बातें सामने आ रही हैं. वहीं हिजाब को लेकर जो रुख हिंदूवादी संगठनों का है उनका कहना साफ़ है कि यदि मुस्लिम लड़कियां नहीं मानती हैं तो हिंदू छात्र भी स्कूल और कॉलेज भगवा अंगोछा लगा कर आएंगे.

भले ही राज्य के मुख्यमंत्री लोगों से शांति की अपील कर रहे हों लेकिन हिजाब कंट्रोवर्सी पर जैसा रुख छात्रों का है न केवल कर्नाटक में तनाव बरकरार है बल्कि ये भी माना जा रहा है कि विवाद देश भर में फैलेगा और देश के सौहार्द और कौमी एकता को प्रभावित करेगा.

बहरहाल बात चांदनी और हिजाब विवाद के चलते उनके इस्तीफे की हुई है तो इतना जरूर है कि इस इस्तीफे ने हिजाब को लेकर पूरी बहस का रुख मोड़ दिया है और ये बता दिया है कि 'चॉइस' का नाम देकर हिजाब के लिए लड़ाई लड़ रही मुस्लिम महिलाएं किसी भी सूरत में झुकने वाली नहीं हैं. अब क्यों कि मामला सोशल न होकर पॉलिटिकल है इसलिए कहीं न कहीं मुस्लिम महिलाओं को भी इसमें मजा आ रहा है.

इस बात में कोई शक नहीं है कि ये पूरी हिजाब कंट्रोवर्सी व्यर्थ का मुद्दा है और इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि  जिस समुदाय के पास अशिक्षाः, रोजगार, तीन तलाक जैसे मुद्दे हों उसने उन्हें दरकिनार करके एक ऐसी चीज को पकड़ लिया है जिसका न तो कोई सिर है और न ही पैर.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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