हिजाब विवाद गर जो यूपी, ओडिशा, असम, त्रिपुरा और राजस्थान पहुंचा, परिणाम भयानक होंगे!
Hijab Controversy in Karnataka Turned Violent : कर्नाटक की हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी पहले सोशल इश्यू थी फिर पॉलिटिकल हुई और अंततः अब धार्मिक हो गई है जैसे हालात हैं यक़ीनन विवाद की आग अन्य राज्यों को भी प्रभावित करेगी. यूं भी यूपी, ओडिशा, असम, त्रिपुरा जैसे राज्य धर्म के नाम पर पहले ही सुलग रहे हैं.
-
Total Shares
कर्नाटक में हिजाब कंट्रोवर्सी को लेकर जारी नाटक हाई कोर्ट पहुंचने के बाद अपने निर्णायक दौर में पहुंच गया है. विवाद की जड़ भले ही उडुपी का सरकारी स्कूल रहा है. लेकिन वर्तमान में जैसे हालात हैं, चाहे वो उडुपी और शिमोगा हों या दावणगेरे का हरिहर टाउन हिजाब और भगवे की जंग न केवल एक प्रदेश के रूप में कर्नाटक की शांति और आपसी भाईचारे को प्रभावित कर रही है. बल्कि एक ऐसे वक्त में जब सोशल मीडिया की बदौलत नफरत अपने सर्वोच्च स्थान पर हो, हिजाब कंट्रोवर्सी सिर्फ कर्नाटक तक सीमित रहे ये बिल्कुल भी जरूरी है. जिस तरह का माहौल है यक़ीनन विवाद की आग अन्य राज्यों को अपनी चपेट में लेगी और शायद हम ऐसा बहुत कुछ देखें जो एक सेक्युलर देश के रूप में भारत की अनेकता, एकता और अखंडता को प्रभावित करे और एक लोकतंत्र के रूप में भारत शर्मसार हो.
कर्नाटक में हिजाब कंट्रोवर्सी क्योंकि अब धर्म की भेंट चढ़ गयी है और इसके दूरगामी परिणाम डरावने होंगे
जैसा कि हमने अन्य राज्यों का जिक्र किया है और ये बताया है कि आज नहीं तो कल विवाद देश के अन्य हिस्सों में फैलेगा तो ये यूं ही नहीं है. जिक्र अगर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, असम, त्रिपुरा जैसे राज्यों का हो तो वहां हिंदू- मुस्लिम के बीच आग बहुत पहले से ही जल रही है. ये तमाम राज्य धर्म के नाम पर पहले ही सुलग रहे हैं. ऐसे में ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि यदि हिजाब कंट्रोवर्सी इन राज्यों में पहुंची और उन्हें अपनी चपेट में लिया तो यकीनन अनर्थ ही होगा.
#WATCH | Protests erupt at Mahatma Gandhi Memorial College in Udupi as students wearing hijab & another group of students wearing saffron stoles-headgears raise slogans on college campus. Karnataka HC to hear a plea today against hijab ban in several junior colleges of state. pic.twitter.com/f65loUWFLP
— ANI (@ANI) February 8, 2022
कर्नाटक में जारी हिजाब कंट्रोवर्सी पर यूं यो कहने के लिए बहुत कुछ है लेकिन अगर इस मुद्दे को देखें और इसका अवलोकन करें तो एक बात सबसे पहले हमारा ध्यान आकर्षित करती है वो ये कि इस मुद्दे को वक़्त देते हुए धीमी आंच पर पकाया गया और जो डिश तैयार हुई उसको लेकर यही कहा जा सकता है कि वो देश के स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से हानिकारक है.
Deplorable scenes unfolding in Karnataka, another govt college not allowing Girls with #hijab to enter classrooms. The students are crying and requesting the principal not to ruin their future with just 2 months to go for exams. pic.twitter.com/sYJzTsLuuX
— Deepak Bopanna (@dpkBopanna) February 3, 2022
बात चूंकि कर्नाटक के माहौल को गर्म करती हिजाब कॉन्ट्रोवर्सी के मद्देनजर हो रही है इसलिए हमारे लिए भी इस पूरे मामले को समझना बहुत जरूरी हो जाता है. ध्यान रहे कि विवाद की शुरुआत उडुपी स्थित सरकारी स्कूल से हुई. हमेशा की तरह मुस्लिम लड़कियां हिजाब में स्कूल आईं जिसे कुछ हिंदूवादी संगठनों ने मुद्दा बनाया.
जैसा रवैया स्कूल का था उसने संगठन और उनकी विचारधारा की तर्ज पर काम किया और लड़कियों के हिजाब में प्रवेश को विद्यालय परिसर में निषेध कर दिया. मुस्लिम लड़कियों ने इसे राइट टू चॉइस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया और कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया.
Students protesting outside their college in Karnataka. They are again denied their entry in to the college for wearing #hijab.More courage and Duas to you brave ladies. All apartheid walls shall fall. #HijabisOurRight pic.twitter.com/Ah0fOiNE64
— Aysha Renna (@AyshaRenna) February 4, 2022
हिजाब को लेकर अगर कॉलेज उसे उतारने की जिद पर था तो वहीं लड़कियों के इरादे भी लोहा थे. तमाम ऐसे वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुए हैं जिनमें प्रदर्शनकारी लड़कियों का तर्क यही था कि अगर वो स्कूल में एंट्री लेंगी तो हिजाब के साथ ही लेंगी. लड़कियों की इस जिद को देखकर हिजाब के विरोध में उतरे हिंदूवादी संगठन लड़कियों के इन बागी तेवरों को देखकर आग बबूला हो गए फरमान जारी कर दिया गया कि यदि मुस्लिम लड़कियां हिजाब में स्कूल आ रही हैं तो आम हिंदू छात्र भी भगवा शॉल/ अंगोछे में स्कूल आएं.
Hindu kids protesting against Hijab controversy in Udupi, Karnataka.Many times I feel disappointed & hopeless seeing this generation going woke but such incidents give me a new hope... Proud of you guys ✊ pic.twitter.com/5FNjbifFpw
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 8, 2022
संगठन का इस बात को कहना भर था आम स्कूली छात्रों ने हिंदूवादी संगठनों के फरमान को हाथों हाथ लिया. इतनी बातों तक उडुपी के सरकारी स्कूल में जारी हिजाब कंट्रोवर्सी एक पूर्णतः सोशल इश्यू थी. चूंकि ये सब स्कूल में शुरू हुआ इसलिए अगर सूझबूझ से काम लिया जाता तो अवश्य ही इसपर अंकुश लगता और बात खत्म हो जाती.
Full video. pic.twitter.com/rUvjJZuThe
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) February 8, 2022
लेकिन हमारे नेता और राजनीतिक दल कहां चाहते हैं कि बात खत्म हो. भाजपा के सामने खुद को हिंदू दिखाने के लिए संघर्ष करते राहुल गांधी को मामले में 'स्कोप' दिखा. राजनीतिक फायदे के लिए एक सोशल इश्यू पर पॉलिटिक्स का तड़का लगाते हुए उन्होंने ट्वीट किया. राहुल गांधी के इस ट्वीट को भाजपा कर्नाटक ने भी गंभीरता से लिया और राहुल को जवाब उसी भाषा में दिया.
हिजाब कंट्रोवर्सी में राहुल गांधी और भाजपा कर्नाटक की एंट्री अभी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन भी नहीं पाई थी कि मामला कर्नाटक हाई कोर्ट में पहुंच गया और अब जैसे हालत हैं पूर्णतः धार्मिक मुद्दा बन गया है.
अभी क्या हुआ है?
हिजाब कंट्रोवर्सी पर कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी है. फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रखा है लेकिन क्योंकि मुद्दा अब धर्म की गिरफ्त में आ गया है हालात बद से बदतर हैं. बागलकोट में पथराव के बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. वहीं शिमोगा जिले में धारा 144 लागू करने के बाद, कर्नाटक पुलिस ने दावणगेरे जिले के हरिहर शहर में भी धारा 144 लगा दी है. बताया ये भी जा रहा है कि दावणगेरे में हिजाब समर्थकों और हिजाब के विरोधी प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
विवाद जारी है जिसपर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी का बड़ा बयान आया है. मामले पर अपना पक्ष रखते हुए जोशी ने कहा है कि हर स्कूल का एक ड्रेस कोड होता है और उसका पालन करना चाहिए. कोई भी छात्र राजनीतिक समर्थन के बिना विरोध नहीं कर सकता. राज्य की कानून-व्यवस्था भंग नहीं होनी चाहिए. जोशी ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि छात्रों को ड्रेस कोड का पालन न करने के लिए कौन प्रेरित कर रहा है?
जैसा कि हम पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं मामले में नेताओं को अपने अपने राजनीतिक हित दिख रहे हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान हिजाब विवाद को लोकसभा में एक बड़े मुद्दे के रूप में पेश किया है. चौधरी ने इस संबंध में सरकार से अपना पक्ष रखने की मांग की है. सदन में चौधरी की इस मांग को हावेरी के भाजपा सांसद ने सिरे से ख़ारिज किया और कहा कि मामला विचाराधीन है और यह राज्य का विषय है. इसलिए, यहां इसकी चर्चा नहीं की जानी चाहिए.
Since most are only bothered talking about Hijab ..Students who had come wearing saffron shawls were also asked to leave the classroom today by the management in Karnataka. pic.twitter.com/mdD8FUSwAD
— Vikas Chopra (@Pronamotweets) February 4, 2022
हिजाब कंट्रोवर्सी के तहत कर्नाटक उबल रहा है जिसपर राज्य के मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपना पक्ष रखा है और प्रदर्शनकारी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है. मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा है कि हम कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. मैं छात्रों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करता हूं. मैंने स्कूल प्रशासन को निर्देश दिया है कि वो छात्रों के बीच कोई झड़प न होने दे.
वहीं बाहर से आए व्यक्तियों से अपील करते हुए बोम्मई ने कहा है कि वो मामले पर भड़काऊ बयान न दें. ध्यान रहे विवाद और न बढ़े इसलिए अगले तीन दिनों तक राज्य के सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को बंद करने का फरमान राज्य सरकार ने दिया है.
मामले पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी अपना पक्ष रखा है और राज्य की भाजपा सरकार से सभी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित करने और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आग्रह किया है.
It is unfortunate that those responsible for resolving the issues are instigating students to make it worse.@BJP4Karnataka Education minister @BCNagesh_bjp & Home minister @JnanendraAraga should take complete responsibility for the instigation.#ಶಿಕ್ಷಣಹಕ್ಕು
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 8, 2022
जैसा कि ज्ञात है चाहे वो छात्रों का तिरंगा हटाकर भगवा ध्वज फहराना हो या फिर लड़कों की भीड़ का हिजाब में स्कूल पहुंची लड़की के सामने जय श्री राम के नारे लगाना हो बात अब बढ़ चुकी है जिसके दूरगामी परिणाम इसलिए भी डरावने हैं क्योंकि जिस तरह का माहौल है कोर्ट हिजाब विवाद पर फैसला कुछ भी दे बात पूरे देश तक फैलेगी. खुद सोचिये ये मुद्दा यदि धार्मिक राजनीति के लिए मशहूर राज्यों यूपी, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश पहुंचा तो क्या होगा?
Muslim students of Government PU College, Kundapura in Karnataka are prevented from attending classes in Hijab. Police personnel are deployed outside the college as tension prevails in the area. @TheQuint pic.twitter.com/BnSZVeP55v
— Nikhila Henry (@NikhilaHenry) February 3, 2022
ध्यान रहे कि उपरोक्त राज्यों के मद्देनजर ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इन राज्यों में जिस तरह का पॉलिटिकल डिस्कोर्स चल रहा है और जिस तरह यहां धर्म की राजनीति और हर दूसरी बात पर हिंदू मुस्लिम होता है ये उन लोगों के लिए वाक़ई एक बड़ा मुद्दा रहेगा जो धर्म की आंच में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं.
हिजाब कंट्रोवर्सी पर कर्नाटक हाई कोर्ट क्या फैसला देगा? जवाब के लिए हमें कोई बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना है. बाकी फैसला चाहे हिजाब के पक्ष में हो या विपक्ष में आने वाले समय में लोकतंत्र जरूर शर्मिंदा होगा. चूंकि पूरे विवाद की जड़ शिक्षा और स्कूल है तो कर्नाटक में बच्चों को जितनी पढ़ाई करनी थी उन्होंने कर ली. एग्जाम आते जाते रहेंगे लेकिन अभी वक़्त धर्म और धार्मिक मान्यताएं बचाने का है. अभी सबका पूरा फोकस उसी पर है.
ये भी पढ़ें -
कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों का हिजाब VS हिंदुओं का भगवा अंगोछा... वहां पढ़ाई अब शायद ही हो!
पीएम मोदी के भाषण से 'सुनो केजरीवाल-सुनो योगी' की ट्विटर जंग छिड़नी ही थी
Hijab Controversy In Karnataka: मर्ज़ी का पर्दा या पुरुष सत्ता की 'मेंटल कंडीशनिंग?'
आपकी राय