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Updated: 22 जुलाई, 2017 02:56 PM
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केंद्र और कई राज्यों में बीजेपी की सरकारें उग्र हिंदुत्व को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर हैं. जगह जगह #NotInMyName जैसे विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और गौरक्षा के नाम पर मॉब-लिंचिंग का विरोध हो रहा है.

फिर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके पाल्य संगठनों को लगता है कि हिंदुत्व खतरे में है और उसकी हिफाजत के लिए कुछ और कारगर उपायों की जरूरत है. ऐसी ही जरूरत को पूरी करने के लिए अब एक वर्चुअल सेना की तैयारी चल रही है जिसको लेकर बनारस में एक सोशल मीडिया कॉन्क्लेव होने वाला है.

गौरक्षा के नाम पर उत्पात

गौरक्षकों के मामले में अपडेट ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को साफ कह दिया है कि वे किसी भी रूप में स्वयंभू गोरक्षकों को संरक्षण न दें. गौरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा की घटनाओं पर कोर्ट ने उनसे जवाब भी मांगा है.

गौरक्षकों के उत्पात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कम से कम तीन बार बयान दे चुके हैं - और आरएसएस के मनमोहन वैद्य का भी कहना है कि गाय के नाम पर किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हालांकि, ऐसे बयानों का न तो गौरक्षकों पर कोई असर हुआ है न ही उनका उत्पात थमा है. कट्टर हिंदुत्व के संरक्षक प्रवीण तोगड़िया भले ये कहें कि गौरक्षक न कभी गुंडे रहे हैं और न आगे होंगे, लेकिन संघ का कहना है कि गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिये.

protest by cow vigilantesरियल के साथ साथ वर्चुअल भी जरूरी...

संसद के मॉनसून सत्र शुरू होने के एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री का जोर ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर रहा. प्रधानमंत्री ने माना कि देश की छवि पर भी इसका असर पड़ रहा है.

गौरक्षा के नाम पर बड़ा विवाद सितंबर 2015 में हुआ जब बीफ रखने के आरोप में दादरी में अखलाक की हत्या कर दी गयी. हालांकि, उससे पहले मई, 2015 में राजस्थान में अब्दुल कुरैशी की इतनी बुरी तरह पिटाई हुई कि वही मौत का कारण भी बनी. ताजा घटना रांची की रही जब एक शख्स को भीड़ ने मार डाला. ये घटना उसी दिन की है जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में गौरक्षकों को अपनी हरकतों से बाज आने के लिए आगाह कर रहे थे. ईद के मौके पर ट्रेन में जुनैद की हत्या से तो हर कोई व्यथित रहा.

इन सारी घटनाओं को लेकर संघ और बीजेपी की सरकारें विरोधियों के निशाने पर रही हैं. ऐसे तमाम इल्जामात से बेफिक्र संघ और बीजेपी वर्चुअल सेना की तैयारी में जुटे हैं जिसका मकसद 'इस्लाम से प्रेरित और वामपंथी विचारधारा वाले लोगों से हिंदुत्व को बचाना है.

सोशल मीडिया कॉन्क्लेव

मेल टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक संघ और बीजेपी से जुड़े थिंक-टैंक भारत नीति की ओर से नवंबर में हिंदुत्व और सोशल मीडिया कॉन्क्लेव होने जा रहा है. बनारस में होने वाले इस कॉन्क्लेव में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे.

रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर हिंदुओं और हिंदुत्व की रक्षा के लिए विशाल सेना बनने जा रही है. इस वर्चुअल सेना को इस हिसाब से प्रशिक्षित किया जाएगा कि ताकि वे हिंदुओं के खिलाफ लोगों को भड़काने वाले तबके से निपट सकें. रिपोर्ट के मुताबिक कॉन्क्लेव में इस बाबत कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. इसमें भारत नीति की शुरुआत करने वाले मुरलीधर राव भी हिस्सा ले सकते हैं.

भारत नीति की प्रबंध समिति के सदस्य शैलेंद्र सेंगर, मेल टुडे से बातचीत में, कहते हैं, "आये दिन सोशल नेटवर्किंग साइटों पर आपत्तिजनक वीडियो और पोस्ट शेयर किये जाते हैं जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत होती है. इन्हें शेयर करने वाले लोग हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हैं." सेंगर का कहना है कि कॉनक्लेव में इसी बात पर चर्चा होगी कि कैसे इस तरह के प्रोपेगैंडा को रोका जाय.

सबसे खास बात ये है कि इस कॉनक्लेव में गौहत्या को लेकर भी एक सेशन रखा जाएगा जिसमें हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी.

दावा ये कि हिंदुत्व खतरे में है - और अमर्त्य सेन जैसी शख्सियत को बोलने की इजाजत नहीं मिल रही. सेंसर बोर्ड ने तो एक फिल्म प्रोड्यूसर से 'गाय', 'गुजरात', 'हिंदू' और 'हिंदुत्व' शब्द को म्यूट करने के लिए कह कर हंगामा ही करा दिया. असल में उस फिल्म में जहां गुजरात का जिक्र आया वहां सेन ने गुजरात दंगों की बात की और जब गाय की चर्चा छिड़ी तो बीफ के प्रसंग में हाल की घटनाओं की बात कर दी.

सोशल मीडिया पर पहले से ही इतना प्रोपेगैंडा चल रहा है. शायद ही ऐसा कोई शख्स होगा जिसके फेसबुक टाइमलाइन पर दो-तीन पोस्ट के बाद कोई प्रोपेगैंडा पोस्ट न दिख जाये. व्हाट्सऐप के ग्रुप में तो ऐसी चीजों की भरमार है. ऐसी बातें जिनका तथ्यों से कोई लेना देना नहीं है धड़ल्ले से फॉरवर्ड की जा रही हैं. फोटोशॉप और वीडियो एडिटिंग के जरिये ऐसे कंटेंट तैयार किये जा रहे हैं देखने वाले का खून खौल उठे.

कोलकाता में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर एक बीजेपी नेता द्वारा शेयर किये गये फोटो से बड़ी मिसाल क्या होगी. पड़ताल हुई तो मालूम हुआ तस्वीर 2002 के गुजरात दंगों की निकली. अगर यही हाल रहा तो हिंदुत्व की रक्षा के लिए प्रस्तावित वर्चुअल सेना भी गौरक्षकों से बहुत अलग हो पाएगी, कहना मुश्किल है.

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#गौरक्षक, #आरएसएस, #भाजपा, Cow Vigilantes, Virtual Army, Rss

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