गुजरात में मोदी की जीत पर चीन-पाकिस्तान का ऐसा रुख क्यों है !
गुजरात चुनाव के नतीजों से चीन को एक बड़ा फायदा होगा. इसलिए शायद चीन भी मोदी की जीत की कामना कर रहा था.
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गुजरात और हिमाचल चुनाव के नतीजे आ गए हैं और अब ईवीएम से लेकर गुजरात के विकास मॉडल पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. जहां ईवीएम शुरुआत में सही काम कर रही थी वहीं रुझान जैसे-जैसे बढ़ने लगे वैसे-वैसे फिर ईवीएम की हैकिंग की चर्चा शुरू हो गई. खैर, जो भी हो भाजपा का सरकार बनाना तो तय है.
भाजपा की बात करें तो सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही नहीं बल्कि हमारे पड़ोसी देशों में भी गुजरात चुनाव को लेकर काफी चिंता जताई जा रही थी. जहां पाकिस्तान इस बात से खफा नजर आ रहा था कि गुजरात इलेक्शन के समय एक बार फिर से पाकिस्तान का नाम उछाला गया.
India should stop dragging Pakistan into its electoral debate and win victories on own strength rather than fabricated conspiracies, which are utterly baseless and irresponsible.
— Dr Mohammad Faisal (@ForeignOfficePk) December 11, 2017
गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद पाकिस्तान से ऐसे कुछ ट्वीट आ रहे हैं...
Even during recent run up to Gujarat elections, PM Modi referred to Pakistan again as "ENEMY", while alleging ex Indian PM to be conspiring against him / BJP in cahoots with Pakistani High Commissioner.
— Ali (@bakhtawar71) December 18, 2017Entirely depends on India. Pakistani PM attended inaugural ceremony of PM Modi, despite domestic concerns in Pakistan, to have a new beginning in bilateral relations. Two weeks later, referring to brutal Indian onslaught on Working Boundary, Modi referred to Pakistan as "Enemy"!
— Ali (@bakhtawar71) December 18, 2017
वहीं, चीन की चिंता कुछ अलग ही थी. चीन बेसब्री से चाहता था कि नरेंद्र मोदी जी जीत जाएं. कुछ समय पहले चीन के ग्लोबल टाइम्स में ये खबर छपि थी कि चीन को मोदी की जीत से अपार फायदा हो सकता है.
ग्लोबल टाइम्स का आर्टिकल
क्या था कारण...
- ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि बीजेपी की गुजरात में जीत जरूरी है, क्योंकि इसके बाद कई राज्यों में चुनाव होने हैं.- अगर बीजेपी गुजरात में चुनाव हार जाती है तो इसका असर दूसरे राज्यों में पड़ेगा और ऐसे में मोदी की आर्थिक सुधार की प्रकिया धीमी हो जाएगी. इसका सीधा नुकसान चीन की कंपनियों पर पड़ेगा.- क्योंकि, पिछले कुछ समय से चीन का भारत में निवेश बढ़ रहा है और भारत तेजी से चीन के लिए बड़ा मार्केट बनता जा रहा है. इसमें Xiaomi और Oppo जैसी कंपनियां शामिल हैं जिनके निवेश पर भारतीय इलेक्शन असर डाल सकते हैं. - मोदी के कड़े फैसले इकोनॉमी के लिए सही हैं और इसलिए चीन का भारी निवेश भी सही है.- ग्लोबल टाइम्स के आर्टिकल में ये भी लिखा था कि अगर गुजरात चुनाव में भाजपा हारती है तो इसका असर चीनी कंपनियों पर भी पड़ेगा और कंपनियों को किसी भी तरह के नतीजे के लिए तैयार रहना चाहिए.
चीन की ये चिंता वाजिब है. पिछले दो सालों में जिस तरह से भारतीय इकोनॉमी में निवेश हुआ है उसकी वजह से ग्लोबली भारत की छवि सुधरी है. भले ही नोटबंदी और जीएसटी ने जीडीपी को गिरा दिया हो, लेकिन जहां तक निवेश की और कारोबार की बात है वहां तक भारतीय मार्केट में चीनी कंपनियों का बहुत बड़ा हिस्सा है. ऐसे में जिस तरह का इकोनॉमिक रिफॉर्म चल रहा है अगर उसमें कोई भी गड़बड़ी होती है तो यकीनन इसका असर निवेश और चीनी कंपनियों पर पड़ेगा.
अब सीधी सी बात है कि भाजपा की जीत पर चीन खुश जरूर हो रहा होगा क्योंकि इस जीत का असर आने वाले समय में अन्य राज्यों के चुनाव पर भी पड़ेगा और इससे इकोनॉमिक रिफॉर्म जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा.
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