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Updated: 29 अक्टूबर, 2018 02:45 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस की सुनवाई के लिए नयी बेंच का गठन किया है. जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के चलते ऐसा जरूरी हो गया था. नयी बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के साथ साथ जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ भी हैं. पिछली बेंच में तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे. नयी बेंच ने सोमवार 29 अक्टूबर को केस की सुनवाई शुरू करते ही अगली तारीख दे दी. दो मिनट चली कार्यवाही के बाद चीफ जस्टिस ने कह दिया कि वे इसे अब जनवरी में सुनेंगे.

27 अक्टूबर को जब मालूम हुआ कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस की नियमित सुनवाई होने वाली है, बीजेपी नेताओं ने बयानबाजी शुरू कर दी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने केरल में मोर्चा संभाल रखा था, तो लखनऊ में बीजेपी के सबसे बिकाऊ हिंदू चेहरा योगी आदित्यनाथ. दिलचस्प बात ये रही कि दोनों ही नेताओं के बयान में सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही जिक्र था.

योगी और शाह के बयान में तालमेल क्यों नहीं?

सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या केस की नियमित सुनवाई की खबर आने के बाद बीजेपी नेताओं के ताबड़तोड़ बयान आने लगे - मंदिर वहीं बनाएंगे. कोई पालमपुर प्रस्ताव की बात दोहरा रहा था तो कई नेता ऐसे भी दावे किये जैसे सुप्रीम कोर्ट बीजेपी के दबाव के चलते ही ऐसा करने को तैयार हुआ हो. वैसे अमित शाह ने तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सवाल खड़े कर दिये.

yogi adityanath, amit shahफैसला एक, नजरिया दो कैसे?

हैरानी की बात ये रही कि अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बयान में कोई तालमेल नहीं दिखायी दिया. दोनों ही नेताओं के बयान सबरीमला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर रहे. अमित शाह की बातों से लगा जैसे सबरीमला पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें नागवार गुजरा हो, जबकि योगी आदित्यनाथ तो अयोध्या केस में भी सबरीमला फैसले की मिसाल देते हुए कह रहे हैं कि सबरीमला की तरह अयोध्‍या केस में जल्‍द फैसला दिया जाना चाहिए.

अमित शाह की राय में कोर्ट को ऐसे फैसले नहीं सुनाने चाहिये जो लोगों की आस्था को तोड़ने वाला हो. अमित शाह की राय में सबरीमला पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐसा है कि उस पर अमल नहीं किया जा सकता.

योगी ने कहा, 'किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव की स्थिति नहीं होना चाहिए. अगर उच्चतम न्यायालय सबरीमला मंदिर पर अपना फैसला सुना सकता है तो हमारी अपील है कि कोर्ट को राम मंदिर के मुद्दे पर भी फैसला देना चाहिए.'

योगी के बयान पर रिएक्ट करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कहना रहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को संविधान का कोई ज्ञान नहीं है. आमतौर पर नेताओं का कहना होता है कि फैसला पढ़ने के बाद अपना बयान देंगे. लगता है योगी ने बगैर फैसला पढ़े ही बयान दे डाला है.

मंदिर से पहले माहौल तो बने

अभी खबर ये आयी है कि वीएचपी ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों का ऑर्डर भी दे दिया है. कहते हैं कारीगरों से भी बातचीत चल रही है. अयोध्या में वीएचपी नेताओं का दावा है कि पत्थरों से भरे 70 से ज्यादा ट्रक जल्द ही अयोध्या पहुंचने वाले हैं.

22 अक्टूबर को प्रवीण तोगड़िया अयोध्या पहुंचे थे. विश्व हिंदू परिषद से बेदखल किये जाने के बाद प्रवीण तोगड़िया ने नया संगठन बना लिया है - अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद. तोगड़िया ही उसके अध्यक्ष भी हैं. बगैर अनुमति लिए तोगड़िया सरयू तट पर सभा करने पहुंच गये थे. उसके बाद परिक्रमा का कार्यक्रम रहा, लेकिन स्थानीय प्रशासन के समझाने बुझाने पर मान भी गये.

तोगड़िया का अयोध्या चलो कार्यक्रम चल रहा है. जाहिर है निशाने पर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और अमित शाह ही होंगे. प्रवीण तोगड़िया ने कहा, 'दिल्ली में 500 करोड़ का बीजेपी दफ्तर बनवा लिया, मगर रामलला आज भी टाट में ही हैं.'

तोगड़िया ने बीजेपी के मौजूदा नेतृत्व को पालमपुर प्रस्ताव की भी याद दिलायी और कहा कि सरकार के साढ़े चार साल बीत गये लेकिन प्रधानमंत्री मोदी एक बार भी अयोध्या पहुंचना भूल गये. जून 1989 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में बीजेपी की कार्यकारिणी की मीटिंग हुई थी - और वहीं पालमपुर प्रस्ताव पारित हुआ था. इस प्रस्ताव के जरिये ही बीजेपी ने राम जन्मभूमि आंदोलन को अपने एजेंडे में लिया था और ऐलान किया था कि राम जन्मभूमि पर अदालत कोई फैसला नहीं कर सकती - क्योंकि ये आस्था से जुड़ा सवाल है.

शिवसेना की विजयादशमी रैली में उद्धव ठाकरे में प्रधानमंत्री मोदी पर तोगड़िया की तरह ही हमलावर थे और सवाल भी वही उठाये थे. शिवसेना के अलग रास्ते पर चलने की घोषणा के बावजूद यूपी सरकार उद्धव ठाकरे को हाथों हाथ लेने को तैयार है.

रैली में उद्धव ठाकरे का प्रधानमंत्री मोदी से सवाल था, 'आप ऐसे देशों में गए, जिसे हमने भूगोल की पाठ्यपुस्तकों में भी नहीं देखा होगा... लेकिन आप अब तक अयोध्या क्यों नहीं गए?'

उद्धव ठाकरे ने अयोध्या जाने का अपना कार्यक्रम जोर देकर दोहराया, 'मैं 25 नवंबर को अयोध्या जाऊंगा.'

उद्धव ठाकरे की यात्रा को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सुरक्षा इंतजामों पर चर्चा की. बताते हैं कि योगी ने सिर्फ सुविधाओं का भरोसा दिलाया बल्कि उद्धव ठाकरे को राजकीय मेहमान का दर्जा देने की भी बात कही है.

कुछ दिन पहले ही योगी सरकार के एक मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा का बयान आया था कि यहां वहां सरकारों के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट भी हमारा है. बाद में सफाई देते हुए उन्होंने समझाया भी कि जो उन्होंने कहा उनके कहने का मतलब वो नहीं था. अच्छी बात है, कुछ देर के लिए मन की बात जबान पर आ गयी थी. वैसे भी मन पर हमेशा वश कितनों का रहता है.

हालांकि, बीजेपी के मंदिर विमर्श से यूपी में उसके सहयोगी दल के नेता ओम प्रकाश राजभर खासे परेशान हैं. राजभर का कहना है कि जब भी वो गरीबों की बात करते हैं बीजेपी वाले मंदिर की बात शुरू कर देते हैं.

बयानों के जरिये सुर्खियों में अक्सर बने रहने वाले राजभर बोले, 'मेरा मन टूट गया है. ये हिस्सा देना नहीं चाहते. जब भी गरीब के सवाल पर हिस्से की बात करता हूं तो ये मंदिर की बात करते हैं, मस्जिद की बात करते हैं. हिंदू-मुसलमान की बात करते हैं... हमारे बच्चे अच्छी शिक्षा चाहते हैं. मंदिर या मस्जिद नहीं'.

बहरहाल, अयोध्या केस में फैसला जब होगा तब होगा, बीजेपी ने तो केस की पहली सुनवाई पर ही माहौल बना दिया है. माहौल की जरूरत 2019 से पहले भी तो है ही - विधानसभा चुनाव भी तो हो ही रहे हैं.

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