कांग्रेस नेताओं की बातें इशारा कर रही हैं कि 'महाभियोग' का मामला कहां जा रहा है
वेंकैया नायडू ने फैसला सुनाते हुए कहा कि न तो मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लाया गया ये महाभियोग उचित है, ना ही अपेक्षित. हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि उन्हें पहले से ही पता था कि कुछ ऐसा ही होगा, तो इससे वो हैरान नहीं हैं.
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राज्यसभा के सभापित वेंकैया नायडू ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव को 7 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर नायडू के सामने पेश किया था, जिनकी अगुआई कांग्रेस कर रही थी. वेंकैया नायडू ने फैसला सुनाते हुए कहा कि न तो मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लाया गया ये महाभियोग उचित है, ना ही अपेक्षित. इसके बाद सभी कानूनी सलाह लेने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग को खारिज कर दिया. हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि उन्हें पहले से ही पता था कि कुछ ऐसा ही होगा, तो इससे वो हैरान नहीं हैं. चलिए जानते हैं इस फैसले पर कैसी आ रही हैं प्रतिक्रिया.
कांग्रेस ने 'संविधान बचाओ' नाम से एक अभियान शुरू किया है. इसमें उन्होंने पीएम मोदी और मोदी सरकार पर हमला बोला. न्याय व्यवस्था पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग कोर्ट में न्याय मांगने जाते हैं, लेकिन मौजूदा सरकार में जज जनता से न्याय मांग रहे हैं. उन्होंने तो पीएम मोदी को चुनौती तक दे डाली है कि वह संसद में उनके सामने 15 मिनट भी टिक नहीं पाएंगे.
इस देश में दलितों, गरीबों, महिलाओं की रक्षा ये संविधान करता है. और इस संविधान को अंबेडकर जी ने और कांग्रेस पार्टी ने लिखा और हिंदुस्तान को दिया : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी #SaveTheConstitution
— Congress (@INCIndia) April 23, 2018
सुप्रीम कोर्ट को कुचला जा रहा है, दबाया जा रहा है; पहली बार चार जज हिन्दुस्तान की जनता से न्याय मांग रहे हैं : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी #SaveTheConstitution
— Congress (@INCIndia) April 23, 2018
बीजेपी और आरएसएस के लोग इस संविधान को कभी नहीं छू पायेंगे, हम ऐसा होने नहीं देंगे: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी #SaveTheConstitution pic.twitter.com/DWfH2htfy3
— Congress (@INCIndia) April 23, 2018
70 साल में देश की इज्जत कांग्रेस पार्टी ने बनाई है और पिछले 4 साल में मोदी जी ने इस इज्जत पर चोट मारी है : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी #SaveTheConstitution
— Congress (@INCIndia) April 23, 2018
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है- महाभियोग की प्रक्रिया 50 सांसदों की सहमति से शुरू की गई. इस प्रक्रिया पर राज्य सभा के सभापति फैसला नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास इसका अधिकार नहीं है. यह लोकतंत्र को नकारने और लोकतंत्र के बचाने के बीच की लड़ाई है. 64 सांसदों द्वारा महाभियोग दायर करने के चंद घंटों बाद ही राज्य सभा के नेता (वित्त मंत्री) ने इसे बदले वाली याचिका करार दिया, जो एक तरह से राज्यसभा सभापति को ये बताना था कि क्या फैसला देना है. तो क्य अब बदले की याचिका बचाने की याचिका बन गए है?
Constitutional process of impeachment is set in motion with 50 MP’s giving the motion.RS Chairman can’t adjudge the motion, for he has no mandate to decide the merits of the motion.This is truly a fight between forces ‘Rejecting Democracy’ & voices ‘Rescuing Democracy’.1/3
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 23, 2018
2/3Within hours of 64 MP’s submitting the impeachment motion, Leader of Rajya Sabha(FM) had expressed naked prejudice by calling it a ‘revenge petition’ virtually dictating the verdict to Rajya Sabha Chairman on that day.Has ‘Revenge Petition’ now become ‘Rescue Order’?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 23, 2018
3/3RS Chairman can’t decide on merits in absence of quasi judicial or administrative power (M.Krishna Swami’s case). If all charges were to be proved before inquiry as RS Chairman suggests, Constitution & Judges (Inquiry) Act will have no relevance.Don’t muzzle Constitution
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 23, 2018
पीएल पुनिया ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग को खारिज किए जाने पर कहा है- यह बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है. हम नहीं जानते कि महाभियोग को खारिज करने का कारण क्या है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां कुछ लीगल एक्सपर्ट्स से बात करेंगी और अगला कदम उठाएंगे.
This is a really important matter. We don't know what was the reason for the rejection. Congress & other opposition parties will talk to some legal experts & take the next step: PL Punia, Congress on rejection of Impeachment Motion notice against CJI Dipak Misra. pic.twitter.com/8YFu1Fq2tC
— ANI (@ANI) April 23, 2018
तहसीन पूनावाला ने ट्वीट किया है- सरप्राइज! सभी जानते थे कि महाभियोग को वेंकैया नायडू जी खारिज कर देंगे. कई संवैधानिक तरीके हैं, जिनसे इस फैसले को चुनौती दी जा सकती है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट जाना भी एक है. महाभियोग पर फैसला करने का अधिकार उपराष्ट्रपति को नहीं होता है.
अगर सांसद इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाते हैं तो वहां मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा इसकी सुनवाई नहीं करेंगे और उनके बाद सबसे सीनियर जज के पास इस केस को ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
Surprise surprise !! Everybody knew the #ImpeachmentMotion would be rejected by #VenkaiahNaidu ji . More constitutional remedies are available including challenging this rejection in the SC. The #Impeachment grounds are not for the #VicePresident to decide upon.
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) April 23, 2018
If the MPs move the hon. SC against this rejection of the #ImpeachmentMotion by the #VicePresident #VenkaiahNaidu ji the hon Chief Justice #DipakMisra will not be able to hear the plea or forward it to another bench . This will be decided by the next senior most judge .
— Tehseen Poonawalla (@tehseenp) April 23, 2018
अभिषेक सिंघवी लिखते हैं कि जैसी अपेक्षा थी, श्री नायडू ने महाभियोग को खारिज कर दिया है. उन्होंने यह बाहर से वापस आने के बाद महज एक दिन में ही कर दिया. उम्मीद है कि यह फैसला लेने में तत्परता इसलिए नहीं दिखाई गई होगी ताकि मुख्य न्यायाधीश के प्रशासनिक कामों में कोई रुकावट न आए.
Expectedly, Sh Naidu rejected imp’ment motion. Unexpectedly, he did so within one day of returning from outstn. Hopefully, the alacrity was not intended to render infructuous calls for CJI to stop Admn work
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) April 23, 2018
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रेसिडेंट अर्जुन मोधवाडिया कहते हैं- पहले मुख्य न्यायाधीश ने जज लोया के केस में जांच की मांग वाली याचिका को खारिज करके सरकार को बचा लिया. अब मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की याचिका को सरकार ने खारिज कर दिया. दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं.
CJI earlier rejected petition demanding further investigation in #JudgeLoya case & saved govt. from embarrassment in various cases,Now Impeachment motion against Chief Justice of india Deepak Misra rejected. Made for each other! #ImpeachmentTerminated
— Arjun Modhwadia (@arjunmodhwadia) April 23, 2018
इस मामले पर प्रशांत भूषण ने कहा है कि आखिर नायडू ने किस आधार पर राज्य सभा के 64 सांसदों द्वारा हस्ताक्षर की गई याचिका को खारिज किया? उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है. यह काम 3 जजों की छानबीन करने वाली कमेटी का है. वह इस मामले में तभी फैसला दे सकते हैं अगर महाभियोग को 50 से कम सांसदों ने साइन किया हो और अगर गलत व्यवहार के चार्ज लगाए गए हों.
What!! VP Naidu rejects impeachment motion against CJI signed by 64 RS MPs! On what grounds? He has no power to say that charges are not made out. That's for the inquiry committee of 3 judges. He only has to see if it's signed by >50 MPs & possibly if charges are of misbehaviour
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) April 23, 2018
जस्टिस लोया के केस में जांच की मांग खारिज होने के बाद ही मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया है. फिलहाल तो इस याचिका को खारिज कर दिया गया है, लेकिन इस मामले के अभी और तूल पकड़ने की संभावना है. उम्मीद है कि विपक्षी पार्टियां इस फैसले के खिलाफ भी याचिका दायर करेंगी.
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