कश्मीर को ICJ में ले जाने का ख्वाब पाकिस्तान के वकील ने ही ध्वस्त कर दिया
कश्मीर मसले को लेकर इमरान खान दुनिया से सहानुभूति हासिल करने के लिए जी जान लगा रहे हैं. ऐसे में जो बातें आईसीजे में पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी ने कहीं हैं उसने बता दिया है कि कश्मीर मामले को लेकर इमरान खान किस हद तक झूठा और भ्रामक प्रचार करने में आमादा हैं.
-
Total Shares
अपनी नीतियों के चलते पूरे विश्व के सामने इमरान खान शर्मिंदगी का सबब बन चुके हैं. ऐसे में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी ने उन्हें एक बड़ा झटका दिया है और उनकी हकीकत से दुनिया को रू-ब-रू करा दिया है. खावर कुरैशी का मानना है कि पाकिस्तान के पास ऐसा कोई सुबूत नहीं है जिससे वो ये साबित कर सके कि कश्मीर में नरसंहार हो रहा है. कुरैशी ने ये बातें एक पाकिस्तानी पत्रकार से हुए इंटरव्यू में कहीं हैं और इन बातों में ऐसा बुत कुछ है जिसने इमरान खान की नीयत को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. ध्यान रहे कि, भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा पेश किया था कि इसके बाद कश्मीर में बर्बरता बढ़ेगी और आम कश्मीरियों को नरसंहार का सामना करना पड़ेगा.
आईसीजे में पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी ने कश्मीर पर अपनी बातों से इमरान खान की राह में रोड़े डाल दिए हैं
कुरैशी ने कहा है कि सबूतों के आभाव में पाकिस्तान के लिए ये बड़ा मुश्किल है कि वो इस मसले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाए. आपको बताते चलें कि जैसे ही मामला प्रकाश में आया कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के उद्देश्य से, पाकिस्तान ने आईसीजे के अलावा संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने की धमकी दी थी. साथ ही पाकिस्तान ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए दुनिया के सामने तमाम तरह के झूठे तर्क भी रखे थे.
Pak's #ICJ lawyer Khawar Qureshi says, "it's very difficult to produce high evidencial threshold of genocide in Kashmir, in absence of which it's extremely difficult for Pakistan to take this case to the ICJ" pic.twitter.com/oqDkQkRV0G
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) September 3, 2019
पाकिस्तान के एक निजी चैनल पर हुई बातचीत में कुरैशी ने इस मामले के तहत कुछ बेहद अहम मुद्दों पर प्रकाश डाला है. कुरैशी की बातें ऐसी हैं जिनपर यदि इमरान खान ने गौर नहीं किया तो आने वाले वक़्त में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनके सामने चुनौतियों का पूरा पहाड़ खड़ा हो जाएगा. कुरैशी के अनुसार यदि इमरान खान को ये साबित करना है कि वहां पर नरसंहार हो रहा है तो सबसे पहले उन्हें एकसिस्टेमेटिक प्रोसेस बनाना होगा. जिसे करने में वो पूरी तरह असमर्थ हैं. साथ ही कुरैशी ने इस बात पर भी बल दिया है कि आईसीजे में कोई भी मामला तब तक मजबूत नहीं होता जब तक उसके पर्याप्त सबूत न हों. क्योंकि इमरान खान को ये तक नहीं पता है कि इस मामले की जांच कैसी चल रही है. वो आईसीजे में कश्मीर को लेकर सही तर्क पेश करने में नाकाम साबित होंगे.
बातचीत में खावर कुरैशी ने 90 के दशक में बॉस्निया, सर्बिया और हर्ज़ेगोविना में हुए नरसंहार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में भले ही कितनी बातें हुई हों मगर ये साबित नहीं हो सका कि नरसंहार हुआ था. इसके कारण पर बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि इस मामले के तहत बॉस्निया पर्याप्त सबूत नहीं पेश कर सका. बाद में जब इस मामले में फैसला आया तो यही निष्कर्ष निकला कि वहां पर किसी भी तरह का कोई नरसंहार नहीं हुआ.
खावर कुरैशी ने इस बात को भी कहा कि भले ही पाकिस्तान और पाकिस्तान के लोग, कश्मीर को लेकर जो भी नजरिया रखें. मगर जब बात विश्व की आती है तो इसे भारत और पाकिस्तान के बीच के एक द्विपक्षीय मामले के तौर पर देखा जाता है और शायद इसी के कश्मीर मसले पर अन्य देश इमरान खान की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
Barrister Khawar Qureshi who represented Pakistan at ICJ in Kulbhushan Jadhav case now gives Pakistan a reality check on Kashmir! Says world believes India that J&K is an internal part of India!
Forget UNSC, US,France,Russia- now Pakistanis themselves exposing Na-Pak!!
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) September 3, 2019
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश के तमाम मुख्य मुद्दों को नजरंदाज करके कश्मीर मसले को एक बड़ा मुद्दा बना रहे हैं. कश्मीर मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए इमरान ने तमाम मुल्कों का दरवाजा खटखटाया था. साथ ही उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी इस मामले को लेकर मध्यस्थता करने की अपील की थी. जिसके लिए ट्रंप तैयार हो गए थे.
अभी बीते दिनों ही फ्रांस में संपन्न हुई G7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात में पीएम मोदी ने इस बात पर बल दिया था कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है. जिसमें किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है. दिलचस्प बात ये है कि पीएम मोदी की इस बात पर ट्रंप ने भी सहमती दर्ज की थी.
ट्रंप से हुई पीएम मोदी की मुलाकात के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मुल्क के नाम पैगाम दिया था और इस बात पर प्रमुखता से बल दिया था कि वो मुसीबत की इस घड़ी में कश्मीर के साथ है और इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के अलावा इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भी ले जाएगा ताकि कश्मीरियों को इंसाफ मिल सके. इमरान ने इस बात पर भी जोर दिया था कि वो तब तक कश्मीरियों के साथ हैं जब तक भारत की सरकार अपना ये फैसला वापस नहीं लेती. जैसा कि हम बता चुके हैं पाकिस्तान लगातार कश्मीर को लेकर भ्रामक प्रचार कर रहा है. जब इमरान को अंतर्राष्ट्रीय समर्थन नहीं मिला, उन्होंने भारत के साथ न्यूक्लियर वॉर की बात की जिसके चलते उनकी खूब आलोचना हो रही है.
बहरहाल बात खावर कुरैशी की चल रही थी तो हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि उन्होंने कई ऐसे सवाल खड़े कर दिए हैं जिसका जवाब किसी और को नहीं बल्कि खुद इमरान खान को देना होगा. बाकी इस बातचीत के बाद इतना तो साफ़ हो गया है कि कश्मीर को लेकर इमरान द्वारा लगातार फैलाया जा रहा झूठ और प्रोपेगेंडा फिर दुनिया के सामने आ गया है. इमरान अपने को लाख मजलूम दर्शा लें मगर इस बातचीत के बाद एक बार फिर वो दुनिया के सामने हंसी का पात्र बन गए हैं.
ये भी पढ़ें -
कश्मीर के बाद दो और मोर्चों पर पाकिस्तान की बेइज्जती पक्की है!
NRC Final list से बीजेपी में असंतोष की नई लहर
UN से मुंह की खाकर लौटा पाकिस्तान अब क्या करेगा?
आपकी राय