कश्मीर के बाद दो और मोर्चों पर पाकिस्तान की बेइज्जती पक्की है!
कश्मीर से 370 हटाए जाने के बाद चौथे साउथ एशियाई स्पीकर्स समिट में भारत पाकिस्तान पहली बार एक मंच पर आए थे जहां दोनों ही देशों के प्रतिनिधियों के बीच तीखी झड़प हुई थी. जैसा पाकिस्तान का रुख है आगे दो मौके और हैं जिनके बाद ये तय माना जा रहा है कि पाकिस्तान की दुर्गति फिर होगी.
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कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद, पहली बार भारत और पाकिस्तान एक मंच पर आए हैं. फिर एक बार पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. मालदीव के माले में आयोजित 4th South Asian Speakers Summit में भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच तीखी झड़प हुई है. भारत की ओर से राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह, लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला समिट में मौजूद थे तो वहीं सीनेटर क़ुर्तुलऐन मर्री और पाकिस्तान नेशनल असेम्बली के डिप्टी स्पीकर क़ासिम सूरी इस समिट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया. समित में भाग लेने आया पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और एक बार फिर उसने इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को एक बड़े मुद्दे की तरह पेश किया. पाकिस्तान नेशनल असेम्बली के डिप्टी स्पीकर क़ासिम सूरी ने तर्क पेश किया कि कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचार की अनदेखी नहीं की जा सकती. अभी कासिम सूरी आगे बढ़ते इससे पहले ही उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जता दी.
माले में आयोजित समिट के दौरान एक बार फिर पाकिस्तान को भारत के सामने मुंह की खानी पड़ी है
हरिवंश नारायण सिंह ने कहा की हम यहां भारत के आंतरिक मुद्दे को उठाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं. हम इस मंच का राजनीतिकरण करने की कोशिश को भी खारिज़ करते हैं.
#WATCH Harivansh, Dy Chairman of Rajya Sabha, in Maldives Parliament after Dy Speaker of Pakistan National Assembly raised Kashmir issue: We strongly object raising of internal matter of India in the forum.There's need for Pak to end cross-border terrorism for regional peace... pic.twitter.com/vN2MwWhAEM
— ANI (@ANI) September 1, 2019
हरिवंश नारायण सिंह को टोकते हुए पाकिस्तान की प्रतिनिधि क़ुर्तुलऐन मर्री ने कहा, ''पाकिस्तान खुद चरमपंथ का शिकार है, आप इस तरह की टिप्पणी कैसे कर सकते हैं. चरमपंथ की वजह से हमने सबसे ज़्यादा लोग खोए हैं.'' क़ुर्तुलऐन मर्री अपनी बात रख ही रहीं थी कि इसपर हरिवंश नारायण सिंह ने नहले पर दहला मार दिया और इस बात पर प्रमुखता से बल दिया कि फिलहाल कश्मीर से बड़ी समस्या आतंकवाद है जो पूरी मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है.
Heated exchange of words between the respective speakers of parliament from #India & #Pakistan over the #Kashmir issue at South Asian Speakers Summit organized by @IPUparliament in Male' #Maldives @cjwerleman @standwkashmir @ArmeenaRK @Shaquille_AR @imranthayani @sareaam_rwp pic.twitter.com/lOSltYo7lc
— MVresistance (@MVresistance) September 1, 2019
जिस तरह का माहौल समिट में दिखा. साफ़ था कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर अपनी कमियां छुपाने वाले पाकिस्तान ने बड़ी ही बेशर्मी के साथ कश्मीर मुद्दे को उठाया था. मगर भारत ने उसकी एक भी न चलने दी और उसे मुंह तोड़ जवाब देकर दुनिया को ये संदेश दे दिया कि वो लगातार बड़ी चूक कर रहा है और अपनी गलतियों से बिलकुल भी सबक नहीं ले रहा है.
कुलभूषण जाधव मामले पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया
पाकिस्तान की जेल में बंद और एक स्थानीय अदालत द्वारा फांसी की सजा काट रहे कुलभूषण जाधव को कॉन्स्यूलर एक्सेस मामले पर भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ सकती है. भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया की कुलभूषण जाधव से मुलाकात खत्म हो गई है. जानकारी के अनुसार जाधव से उन्होंने लगभग दो घंटे तक बातचीत की. ध्यान रहे कि बीते दिनों ही पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने को कहा था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि जेल में बंद कुलभूषण जाधव को वियाना कन्वेंशन, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा.
Govt Sources: India's Charge d'affaires Gaurav Ahluwalia, will be meeting #KulbhushanJadhav. We hope that Pakistan will ensure right atmosphere so that the meeting is free, fair, meaningful and effective in keeping with the letter and spirit of the ICJ's orders. https://t.co/O8fJTjJ8S9
— ANI (@ANI) September 2, 2019
ध्यान रहे कि बीते महीने भी पाकिस्तान ने इस तरह का प्रस्ताव दिया था, जिसे भारत ने ठुकरा दिया था. तब भारत बिना किसी शर्त के राजनयिक पहुंच की मांग कर रहा है.
JUST IN: India’s Charge d’ Affairs in Pakistan Gaurav Ahluwalia meeting innocent Indian National Kulbhushan Jadhav right now in Islamabad as per Pakistan media. Jadhav has been in illegal custody of Pakistan for last three years. Consular Access was denied for three years.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 2, 2019
आपको बताते चलें कि पाकिस्तान ने इस दौरान जाधव को दो भारतीय राजनयिकों से मिलने की इजाजत तो दी थी लेकिन यह शर्त भी रखी थी कि जिस समय यह मुलाकात होगी पाकिस्तानी सैन्य का एक अधिकारी अधिकारी कुलभूषण के साथ होगा. अब जबकि कुलभूषण ने बिना किसी अवरोध के ये मुलकात की है तो देखना ये भी दिलचस्प रहेगा कि वो इस बात पर कब तक कायम रहता है? ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अब तक जिस तरह से पाकिस्तान अलग-अलग विषयों पर मुकरता रहा है माना जा रहा है कि कुलभूषण मामले के चलते पाकिस्तान पुराना नाटक फिर दोहराएगा.
#KulbhushanJadhav is yet another test for the failed state of Pakistan to start complying with International Law & Conventions & stop behaving like a rogue terror state!
Pak has been globally isolated & exposed on Kashmir! Their economy is in the dumps! Their PM is a joker!
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) September 2, 2019
एयर स्पेस को लेकर भी दिखेगा भविष्य में टकराव
एयर स्पेस भी वो मुद्दा है जिसको लेकर पाकिस्तान की जबरदस्त किरकिरी हुई है. ये बिंदु ऐसा था जिसमें बार बार पाकिस्तान ने अपना रुख बदला और दुनिया को ये बताया कि वो एक ऐसा देश है जो कभी भी अपनी बात पर कायम नहीं रहेगा. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही पीएम मोदी G7 समिट में भाग लेने के लिए फ़्रांस गए थे और इस दौरान जो मार्ग देश के प्रधानमंत्री ने चुना था वो पाकिस्तान के रावलपिंडी के ऊपर से था. बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ये पहली बार था जब भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के सीने पर चढ़कर उड़ान भरी थी.
ज्ञात हो कि पूर्व में जब पीएम मोदी SCO समिट के तहत बिश्केक जा रहे थे तब अपने वायु मार्ग से गुजरने पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बिश्केक में होने वाले SCO समित में शिरकत करने के लिए जाते भारतीय प्रधानमंत्री को पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र इस्तेमाल करने के लिए साफ़ मना कर दिया था. इसके बाद पीएम मोदी का विमान ओमान, ईरान और मध्य एशिया के लम्बे रास्ते से होकर बिश्केक पहुंचा था.
PM is considering a complete closure of Air Space to India, a complete ban on use of Pakistan Land routes for Indian trade to Afghanistan was also suggested in cabinet meeting,legal formalities for these decisions are under consideration... #Modi has started we ll finish!
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) August 27, 2019
पाकिस्तान एक मुश्किल वक़्त का सामना कर रहा है. देश की अर्थव्यवस्था लचर है. मुल्क अंतरराष्ट्रीय कर्जे के चलते आलोचना का शिकार हो रहा है. ऐसे में एयर स्पेस ही वो चीज है जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को थोड़ा बहुत संभाल सकती है और उसे वापस पटरी पर ला सकती है. इन सारी बातों के बावजूद जिस तरह पाकिस्तान एयर स्पेस को लेकर जिद पर अड़ा हुआ है उसकी एक बड़ी वजह कश्मीर को भी माना जा सकता है.
#KashmirMarch_Khi All people of #Pakistan You will be ashamed after seeing this video for sure...!!World's most peaceful Army deploying its peaceful Protest trying to perform in peacefully manner at all.#پاک_فوج_کشمیر_آزاد_کراؤ pic.twitter.com/CrEEP80Xek
— Mohsin Jamil???????????????? (@MohSinArq) September 1, 2019
बात कश्मीर की चल रही है तो बता दें कि अभी बीते दिनों ही पाकिस्तान की सेना ने कश्मीर को लेकर प्रोटेस्ट किया है जिसमें उसने कश्मीर को अपना बताया है. सेना के इस विरोध प्रदर्शन के बाद एक बार फिर पाकिस्तान आलोचना का शिकार हो रहा है.
चाहे आतंकवाद हो या फिर अपने देश के आंतरिक समस्याएं पाकिस्तान अपने देश की परेशानियों का समाधान निकालने में नाकाम है. ऐसे में उसका कश्मीर का मुद्दा उठाना ये बता देता है कि वो एक बड़ी नादानी कर रहा है और यदि वो नहीं संभला तो भविष्य में उसकी ऐसे ही फजीहत होती रहेगी. भविष्य पाकिस्तान के लिए कैसा रहता है इसका जवाब वक़्त की गर्त्त में है मगर जो वर्तमान है वो खुद ये साफ़ कर दे रहा है कि आने वाले समय में तमाम मोर्चों पर पाकिस्तान को बेइज्जती का सामना करना पड़ेगा.
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