'सारे जहां से अच्छा...' गाने वाले पाकिस्तानी नेता की कुंडली खोल रही है पाकिस्तान की पोल
पाकिस्तान के एक नेता ने 'सारे जहां से अच्छा... हिंदोस्तां हमारा...' गाकर इमरान खान के मुंह पर करारा तमाचा मारने का काम किया है. खैर, इस नेता की कुंडली पर नजर डालेंगे तो हैरानी नहीं होगी कि उन्होंने 'सारे जहां से अच्छा...' क्यों गाया.
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एक ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत को जंग की धमकियां देकर डराने की कोशिश में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के एक नेता ने 'सारे जहां से अच्छा... हिंदोस्तां हमारा...' गाकर इमरान खान के मुंह पर करारा तमाचा मारने का काम किया है. इस नेता का नाम है अल्ताफ हुसैन, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यकीनन इस वीडियो बढ़ते व्यूज़ इमरान खान का गुस्सा भी बढ़ा रहे होंगे, लेकिन ये सोशल मीडिया है जनाब, जो हर हकीकत को सामने लाने की कुव्वत रखता है. वैसे ये जान लेना दिलचस्प है कि अब ये नेता पाकिस्तान में नहीं रहते हैं, बल्कि लंदन में रहते हैं. उन्हें पाकिस्तान से निर्वासित किया जा चुका है. वैसे देखा जाए, तो वह पाकिस्तान से बाहर हैं, इसीलिए जिंदा हैं, वर्ना उन्हें रास्ते से हटाने की तरकीबें खूब लगाई जा रही थीं.
जब से मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाई है, तब से पाकिस्तान पहले ही बौखलाया हुआ है. अपनी बौखलाहट में कभी वह भारत को परमाणु हथियारों की धौंस दिखाता है, तो कभी पीएम मोदी को तानाशाह बताता है. देखा जाए तो पाकिस्तान इस समय इस कदर बौखलाया हुआ है कि वह आए दिन अपने बयान भी बदल रहा है. पाकिस्तान की कोशिश है कि भड़काऊ बयानबाजी से कश्मीर के लोगों को गुमराह किया जाए और मोदी सरकार के खिलाफ भड़काया जाए. लेकिन अब अल्ताफ हुसैन का वीडियो इमरान खान को गुस्सा दिला रहा है और पाकिस्तान पर सवाल खड़े करने के काम कर रहा है.
अल्ताफ हुसैन इस वीडियो जिस तरह खुश होकर सारे जहां से अच्छा गा रहे हैं, लग ही नहीं रहा कि ये कोई पाकिस्तानी गा रहा है. यूं लग रहा है मानो कोई हिंदुस्तानी ही ये गाना गा रहा है. खैर, वीडियो में दिख रहा पाकिस्तानी भी हमेशा पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाता रहा है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा.
पंजाब vs सिंध की लड़ाई
ये बात किसी से दबी छुपी नहीं है कि पाकिस्तान की राजनीति पर पंजाब प्रांत का दबदबा है. सिंध के रहने वाले अल्ताफ हुसैन हमेशा से ही इसके खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे. पाकिस्तान की राजनीति में पंजाब प्रांत के लोगों का दबदबा कम ना हो, इसके लिए पहले की पाकिस्तानी सरकारों ने तमाम कोशिशें कीं, सही-गलत हर तरह की. ये पुरानी सरकारें ही हैं, जिन्होंने अल्ताफ के सिर पर हजारों मुकदमे लाद दिए. एक रिपोर्ट के मुताबिक अल्ताफ पर करीब 3576 भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं. इतना ही नहीं, राजनीतिक हिंसा में अल्ताफ को मरवाने की साजिशें भी रची गईं, लेकिन अपनी जान बचाने के लिए वह देश छोड़कर लंदन भाग गए. कुछ दिन वहां शरणार्थी बनकर रहे और फिर उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली और वहीं बस गए.
30 सालों से पाकिस्तान में इनकी पार्टी का है दबदबा
अल्ताफ हुसैन मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) राजनीतिक पार्टी के संस्थापक हैं. जब 1984 में उन्होंने पार्टी बनाई थी, तब इसका नाम मुहाजिर कौमी मूवमेंट था, जिसका नाम बाद में बदल दिया गया. फिलहाल ये पार्टी दो टुकड़ों में बंट गई है. एक मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान है और दूसरी MQM लंदन है. बता दें कि इस पार्टी की पाकिस्तान के कराची में मजबूत पकड़ है. कराची में इस पार्टी का दबदबा करीब 30 सालों से रहा है. उन्हें और उनकी पार्टी को मुख्य रूप से मुहाजिरों का समर्थन मिला हुआ है, जो पाकिस्तान में रहते हैं. आपको बता दें कि ये मुहाजिर उन मुस्लिमों के वंशज हैं, जो 1947 में बंटवारे के दौरान भारत से पाकिस्तान चले गए थे. फिलहाल पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में इनकी पार्टी के 25 सांसद हैं. 2006 में कनाडा की फेडरल कोर्ट ने उनकी पार्टी MQM को एक आतंकी संगठन करार दिया था.
अल्ताफ हुसैन हमेशा पाकिस्तान विरोधी बयान देते रहते हैं, इस बार तो उन्होंने इमरान खान का खून खौलाने वाला काम किया है.
धारा 370 हटाने पर क्या बोले अल्ताफ?
इस पाकिस्तानी नेता ने सिर्फ सारे जहां से अच्छा गाना ही नहीं गाया, बल्कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. ये प्रतिक्रिया भी पाकिस्तान के खिलाफ ही है. वह बोले कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामले में दखल नहीं देना चाहिए. वह ये भी बोले कि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान की सरकार भरोसे के लायक नहीं है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना 72 सालों से कश्मीर मामले को लेकर सिर्फ धोखा कर रही है. आपको बता दें कि जो पाकिस्तान आज जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के खिलाफ पूरी दुनिया में भारत के खिलाफ बोलता फिर रहा है, वह खुद अपने देश के कश्मीर जैसे पीओके और बलोचिस्तान के मुद्दे अब तक नहीं सुलझा सका है.
2015 में पाकिस्तान ने निकाल दिया
2015 में पाकिस्तान की एक कोर्ट ने हत्या समेत कई मामलों में उन्हें 81 साल की सजा सुना दी थी और भगौड़ा घोषित कर दिया था. हालांकि, अल्ताफ काफी पहले से ही लंदन में हैं. जब पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा शुरू हुई तो वह 1992 में अपनी जान को खतरा बताते हुए लंदन भाग गए थे और वहीं से अपनी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं.
पहले भी दे चुके हैं पाकिस्तान के खिलाफ बयान
अल्ताफ हुसैन वह शख्स हैं, जो पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं. 2016 में उन्होंने पाकिस्तान को 'आतंकवाद का केंद्र' और 'पूरी दुनिया के लिए एक कैंसर' कहा था. उनके इस बयान के बाद पाकिस्तान सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और फिर 2019 में उन्हें उनके लंदन स्थित घर से गिरफ्तार भी किया गया था. अल्ताफ हुसैन और उनकी पार्टी पर तो भारत से फंडिंग मिलने तक के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन दुनिया जानती है कि सच क्या है.
पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को लताड़ा था
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को लेकर भी अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा था. उन्होंने इस हमले को ISI द्वारा तालिबान की स्टाइल में किया गया हमला बताया था. जैश-ए-मोहम्मद द्वारा हमले की जानकारी लेने पर उन्होंने कहा था कि इस हमले के बाद उन्हें लगता है कि उन पर फूल बरसाए जाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान की सेना को अपनी अतिवादी और जिहादवाद की रणनीति पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगान लगानी चाहिए.
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