बिलावल भुट्टो ने आतंकवाद के खिलाफ इमरान सरकार के राज़ खोल दिए!
पाकिस्तान के विपक्ष ने पाकिस्तानी सरकार की पोल खोल दी है. इमरान सरकार की आतंकी संगठनों पर की गई कार्यवाई कितनी नकली है इसका सबूत खुद बिलावल भुट्टो ने दे दिया है.
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पाकिस्तान में इस समय एक अलग ही भूचाल आया हुआ है. खुद को डेमोक्रेटिक बताने वाला देश पाकिस्तान अपने ही देश की विपक्षी पार्टियों के साथ ऐसा सुलूक कर रहा है जैसे अघोषित आपातकाल लग गया हो. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के एक विरोध प्रदर्शन में सरकार द्वारा की गई कार्यवाई के चलते पीपीपी के प्रेसिडेंट बिलावल अली भुट्टो ने इमरान सरकार के खिलाफ जो बातें कहीं उससे ये साफ पता चलता है कि पाकिस्तान की इमरान सरकार सिर्फ आतंकवादियों को बचाने का काम कर रही है और कुछ भी नहीं.
बिलावल भुट्टो जरदारी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ इतना ही नहीं बताया गया बल्कि ये भी खुलासा किया कि इमरान खान सरकार के तीन मंत्री बैन हुए संगठनों के बलबूते पर इलेक्शन भी लड़ चुके हैं और उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं होती जब्कि अभी भी उनके ताल्लुक ऐसे ही कट्टरपंथी संगठनों से हैं.
बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तानी मिलिट्री कोर्ट्स के बारे में भी काफी कुछ कहा और सेना की भी पोल खोली कि किस तरह पाकिस्तानी न्याय प्रणाली मिलिट्री कोर्ट्स के पास चली गई है. आपको बता दूं कि कुलभूषण जाधव के केस में भी मिलिट्री कोर्ट में ही केस चला था और अभी भी ICJ में उसका केस चल रहा है.
نیب کو مشرف نے سیاسی انجنیئرنگ کیلئے بنایا تھا۔۔چیئرمین پاکستان پیپلز پارٹی بلاول بھٹو زرداری کا قومی سکیورٹی کونسل بنانے اور کالعدم تنظیموں کے خلاف کاروائی کا مطالبہ۔۔حکومتی تین وزراء کے کالعدم تنظیموں کے ساتھ تعلقات پر بھی سوال اٹھا دیے۔(2/6) pic.twitter.com/8sGGy4MgBi
— PPP (@MediaCellPPP) March 20, 2019
इस ट्वीट में दिए गए उर्दू कैप्शन में लिखा है कि बिलवल भुट्टो ने तीन सरकारी मिनिस्टरों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही है जिनके संबंध आतंकी संगठनों से हैं और उन्हें तो मिनिस्टर बनाया गया है उनके खिलाफ न ही कोई कार्यवाई हुई है न ही उनके संबंधों की चर्चा.
पाकिस्तान का राजनीतिक घमासान काफी पुराना है और लगभग हर सरकार के दौर में या तो कोई न कोई नया आतंकी संगठन बना है, या तो करप्शन हुआ है या फिर पाकिस्तान को कोई नया आधिकारिक लेकिन कट्टर संगठन मिल गया. जैसे मुशर्ररफ के समय NAB मिला जिसे घोटालों और घपलों के लिए बनाया गया था, लेकिन इस संगठन ने कभी भी आतंकियों से या इलेक्शन में खर्च किए गए पैसे पर कोई सवाल नहीं उठाया.
बिलावल भुट्टो द्वारा दिए गए बयान पाकिस्तानी सरकार पर आरोप नहीं भारत के लिए चिंता का विषय हैं.
अगर आपको लग रहा है कि इस बात की चर्चा मैं क्यों कर रही हूं तो मैं आपको बता दूं कि यही पाकिस्तान की सरकार का असली चेहरा है जहां नाम के लिए तो कई संगठन बनाए गए हैं, लेकिन ये सिर्फ आतंकियों को पनाह देने के लिए हैं और कुछ नहीं.
बिलावल भुट्टो का ये भी कहना था कि भारत के खिलाफ जब इतना बड़ा कांड हुआ तब आर्मी चीफ पार्लियमेंट को ब्रीफ कर रहे थे और इमरान खान मोदी के खिलाफ बात कर रहे थे. इतना ही नहीं बिलावल भुट्टो का कहना है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान में लिया गया एक्शन फर्जी है. ऐसे संगठनों के खिलाफ अरेस्ट इसलिए हुई क्योंकि उन्हें सुरक्षित कस्टडी में रखा जाए और भारत का प्लेन उनको न मार दे. ऐसे संगठनों के खिलाफ ये कहा गया कि उनके खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, लेकिन मुशर्रफ का भी खाता बंद किया गया था और उसके बाद भी उसने पैसा निकाला.
پاکستان پیپلز پارٹی کے چیئرمین بلاول بھٹو زرداری کا کالعدم تنظیموں کے خلاف ایکشن کا حکومتی مطالبہ ماننے سے انکار۔ پاکستان پیپلز پارٹی کے کارکنان تشدد پر یقین نہیں رکھتے۔۔حکومتی کا رویہ اپوزیشن کے ساتھ منصفانہ نہیں۔۔4/6 pic.twitter.com/jN3qX1aQR7
— PPP (@MediaCellPPP) March 20, 2019
ये जो भी बयान बिलावल ने दिए हैं उससे वो बेगुनाह साबित हों न हों, लेकिन इमरान खान सरकार के काम पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं कि आखिर वो पाकिस्तान जो भारत को हर बात पर घेरने की कोशिश करता है वो पाकिस्तान क्यों अपने ही देश में पल रहे आतंकियों के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहा? ये सवाल बड़ा है पर इसका जवाब भी कुछ हद तक बिलावल की स्पीच में है. बिलावल के अनुसार इन्हीं संगठनों के कारण इमरान खान की सरकार बन पाई है और इलेक्शन में मदद भी ली है. यही वो संगठन हैं जिन्होंने इमरान खान को इलेक्शन जितवाया.
जाहिर सी बात है कि अगर इमरान खान सरकार ने किसी किस्म के आतंकी संगठन से मदद ली है और उनकी कैबिनेट में ऐसे मंत्री हैं जो इन संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं तो फिर इसका कोई मतलब ही नहीं बनता कि इमरान खान सरकार इस तरह के संगठनों के खिलाफ कोई काम करे.
पाकिस्तान के मिलिट्री कोर्ट का सिस्टम भी कुछ ऐसा ही है. उन्हें भी ऐसे संगठनों के लिए बनाया गया था ताकि ऐसे लोगों का हिसाब लिया जा सके जो सिविलियन कोर्ट में नहीं हो सकता, लेकिन इन मिलिट्री कोर्ट्स के खिलाफ कई शिकायतें आई हैं जो ह्यूमन राइट्स के खिलाफ हैं. आपको याद होगा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ भी केस ऐसे ही मिलिट्री कोर्ट में चलाया गया था और इसीलिए बिना किसी पब्लिक हियरिंग के कुलभूषण को फांसी की सज़ा सुना दी गई.
فوجی عدالتیں دہشت گردی اور انتہا پسندی کا حل نہیں۔۔ فوجی عدالتوں کے معاملے پر چیئرمین پی پی پی بلاول بھٹو زرداری کا حکومت کا ساتھ نہ دینے کا فیصلہ۔۔نیب خود ایک منی لانڈرنگ کا ادارا بن چکا ہے، یہ نظام احتساب کا نطام نہیں۔ 6/6 pic.twitter.com/lIuZ0LDl4Q
— PPP (@MediaCellPPP) March 20, 2019
पाकिस्तानी मिलिट्री आतंकवाद का हल नहीं है या वो कट्टरपंथ को रोक पाने में समर्थ नहीं है. बिलावल भुट्टो की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस भारत के लिए कई तरह के सवाल खड़े करती है.
पहला सवाल-
इमरान खान सरकार की आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाई छलावा तो है, लेकिन इसका भारत पर क्या असर हो सकता है?
दूसरा सवाल-
पाकिस्तान की मिलिट्री भी क्या आतंकवादियों के साथ है? अगर ऐसा है तो भारत के लिए वो और मुश्किलें खड़ी कर सकती है.
तीसरा सवाल-
क्या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाया गया कि वो आतंकी संगठनों के खिलाफ एक्शन ले तो पाकिस्तान ने फर्जी एक्शन ले लिया, लेकिन इसकी देखरेख कौन करेगा कि ये आंतकी संगठन भारत के खिलाफ कोई और हमला न कर दें? बिलावल भुट्टो की स्पीच से तो लगता है कि ये आतंकी संगठन अभी भी एक्टिव हैं.
इन सभी सवालों का जवाब ढूंढना बहुत मुश्किल लग रहा है. इमरान खान सरकार के आने से पहले ऐसा लगा था कि शायद भारत के खिलाफ आतंकवाद में कमी आएगी, लेकिन नया पाकिस्तान भी वैसा ही निकला बल्कि पुराने पाकिस्तान की तुलना में ये सरकार ज्यादा फर्जी निकली जो पीठ पीछे वार करती है और सामने से पाखंड दिखाती है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.
इमरान खान सरकार को हमेशा से ही कठपुतली सरकार कहा गया है. बिलावल भुट्टो ने तो वर्ल्ड पपेट डे के दिन ट्वीट कर इमरान खान सरकार पर कटाक्ष किया है. भले ही पाकिस्तान की सरकार और विपक्ष कुछ भी कहें, लेकिन हमेशा से ही पाकिस्तान में ऐसी सरकार आई है जिसके द्वारा आंतक को सपोर्ट किया गया है.
Today is actually #WorldPuppetryDay congratulations @ImranKhanPTI & @PTIofficial pic.twitter.com/SsgJxoDR4W
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) March 21, 2019
अगर वाकई इमरान खान द्वारा लिया गया एक्शन सिर्फ छलावा है तो जैश ए मोहम्मद अभी भी एक्टिव है और इसका साथ देने वाले भी कम नहीं हैं. 22 मार्च को ही दिल्ली से जैश का एक आतंकी पकड़ा गया है और ये साफ करता है कि पाकिस्तान की सभी तरह की कार्यवाई सिर्फ एक छलावा थी जो विदेशी दबाव में आकर की गई थी. और रही बात मिलिट्री के आतंकवादियों का साथ देने की तो पहले भी ये मीडिया रिपोर्ट्स आ चुकी हैं कि पाक आर्मी ने जैश के ठिकाने से आतंकियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया था ताकि भारतीय हमले से कम नुकसान हो. जब पाकिस्तान में ये सब हो रहा था तो वहां के आर्मी प्रवक्ता मेजर गूफर ने साफ झूठ बोला कि जैश तो पाकिस्तान में है ही नहीं.
अगर पाकिस्तान में कोई ऐसा संगठन था ही नहीं तो फिर किस आधार पर कार्यवाई की गई? पाकिस्तान का झूठ सिर्फ बिलावल भुट्टो की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही नहीं दिखा बल्कि कई अन्य सबूतों के आधार पर ये कहना गलत नहीं होगा कि इमरान खान सरकार वाकई हिंदुस्तान के खिलाफ एक बड़ा खतरा है.
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