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Updated: 27 जुलाई, 2018 07:19 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी

जिस को भी देखना हो कई बार देखना

ये शेर निदा फाजली का है मगर जब इस शेर को हम पाकिस्तान में और पाकिस्तान में भी इमरान खान पर रख कर देखें तो लगता है कि शायर का अंदाजा बिल्कुल सही था. पाकिस्तान में चुनाव हो चुके हैं. नतीजे चौंकाने वाले हैं. देश की जनता ने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर और तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान को मौका दिया है कि वो आएं और देश के प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करें. न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरे विश्व में इमरान खान को लेकर तरह तरह की बातें शुरू हो गई हैं. 

कहीं कहा जा रहा है कि गर्त में पड़े पाकिस्तान के लिए इमरान उम्मीद ही आखिरी किरण हैं. तो कहीं माना जा रहा है कि अब पाकिस्तान में उस शक्ति का जन्म हो चुका है जो पड़ोसी मुल्क भारत को करारा जवाब देगा. भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए इमरान खान कितने सख्त होंगे ये हमें आने वाला वक़्त बताएगा. मगर जो इमरान की छवि है वो साफ बता रही है कि जिन विकास के वादों के साथ ये सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे हैं वो जल्द ही खोखले साबित होंगे.

इमरान खान, पाकिस्तान, कट्टरपंथ, प्रधानमंत्री, भारत     इमरान खान का शुमार पाकिस्तान के उन नेताओं में हैं जो दिमाग से बहुत शातिर हैं

बात इमरान की चल रही है. यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि आज हम जिस इमरान का चेहरा देख रहे हैं उस चेहरे के अंदर भी अनेक चेहरे छिपे हैं. इमरान हमें कभी एक ऐसे हरफनमौला क्रिकेटर के रूप में दिखते हैं जो लड़कियों से घिरे हुए हैं. जिनपर लड़कियां मरती हैं. तो वहीं कभी ये हमें क्रिकेट के मैदान से निकलकर घाटी में बंदूक पकड़े कट्टरपंथ और आतंकवाद का समर्थन करते नजर आते हैं. कुछ तस्वीरों में इमरान हीरो जैसे हैं तो कुछ में ये विलेन हैं. कहीं इनका चेहरा बेहद मासूम है तो वहीं कुछ तस्वीरों में इनका अंदाज इतना भयानक है जो एक डर को जन्म दे रहा है और बता रहा है कि पाकिस्तान ने एक ऐसे चेहरे पर भरोसा किया है जो उन्हें विकास की ओर नहीं बल्कि बर्बादी की एक गहरी खाई में ले जाएगा.

आइये एक नजर डालते हैं इमरान खान के उन चेहरों पर जिन्होंने इमरान का चाल और चरित्र हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया है.

इमरान खान, पाकिस्तान, कट्टरपंथ, प्रधानमंत्री, भारत     कई ऐसे मौके आए हैं जब अपनी गतिविधियों से इमरान ने पाकिस्तान के कट्टरपंथियों को आकर्षित किया है

कट्टरपंथियों/धर्म के लिए

इमरान को अब तक एक चॉकलेट बॉय के रूप में देखा गया है. मगर ये बात कम ही लोगों को पता है कि इमरान वैचारिक रूप से बहुत 'धार्मिक' और 'कट्टरपंथी' मानसिकता के हैं. यदि इस बात को समझना हो तो सबसे ताजा उदारहण हमारे सामने इनकी शादी के रूप में है. कई मौके ऐसे आए हैं जहां इमरान ने अपने को प्रोग्रेसिव बताया था मगर उनके सारे दावे तब खोखले हो गए जब उनकी शादी की तस्वीरें सामने आई थीं. इन तस्वीरों में इमरान ठीक उसी कॉन्फिडेंस के साथ बैठे थे जैसा कोई मर्द बैठता है. मगर जब इनकी बीवी की तस्वीरों को देखें तो मिल रहा था कि वो ऊपर से नीचे तक ढंकी हुई हैं.

इस बात पर उन लोगों को बहुत आपत्ति हुई जिनके दिमाग में इमरान को लेकर चॉकलेट बॉय या फिर कैसेनोवा की छवि बनी हुई थी. इसके अलावा हम इमरान की वो तस्वीरें भी देख चुके हैं जिनमें ये प्राइवेट जेट में बैठे थे और हाथ में तस्बीह पकड़े इबादत कर रहे थे. इमरान के बारे में मशहूर है कि वो बेहद धार्मिक हैं और उनके विचार भी कट्टरपंथ से लबरेज हैं जिनके कारण ही ये अपनी तरफ चरमपंथियों को आकर्षित करते हैं.

इमरान का असली चरित्र क्या है इस तस्वीर में आसानी से देखा जा सकता है इमरान का असली चरित्र क्या है इस तस्वीर में आसानी से देखा जा सकता है

आतंकियों/आतंक को लेकर

आज भले ही इमरान अपनी रैलियों और जनसभाओं में गर्त मेंजाते पाकिस्तान के लिए आतंकवाद को जिम्मेदार ठहरा रहे हों और आंसू बहा रहे हों. मगर उनका एक चेहरा वो भी है जो आतंकवाद, जिहाद और आतंकियों का समर्थन करता है. यदि हम इमरान खान के शुरूआती दिनों की तस्वीरें देखें तो वो हमें हाथ में बंदूक पकड़े और हंसते मुस्कुराते हुए दिखते हैं. इमरान का ये चेहरा देखने पर महसूस होता है कि वो आतंकवाद के हिमायती है और जिहाद के नाम पर लोगों के मरने मारने पर अपनी सहमती रखते हैं. इमरान खान की इन खूंखार तस्वीरों को देखने के बाद हमारे लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है कि इमरान के रूप में पाकिस्तान का मुस्तकबिल गलत हाथों में है.

इमरान खान, पाकिस्तान, कट्टरपंथ, प्रधानमंत्री, भारत     इमरान को देखकर कहना गलत नहीं है कि इन्होंने भारत के नाम को कैश किया और चुनाव जीता

भारत को लेकर

कई लोग अभी से ये कयास लगा रहे हैं कि इमरान के पीएम बनने के बाद भारत पाकिस्तान के रिश्तों में सौहार्द देखने को मिलेगा. एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका ये मानना है कि इमरान के कारण दोनों ही देशों के रिश्तों में गर्मजोशी देखने को मिलेगी. अब अगर इस बात को सियासी नजरों से देखें तो मिल रहा है कि इमरान के सत्ता में आने की एक बड़ी वजह भारत है. ध्यान रहे कि भारत को लेकर इमरान ने अपने लोगों के बीच खूब जहर घोला.

साथ ही अपने मेनिफेस्टो के जरिये लोगों को ये भी बताया कि यदि वो सत्ता में आते हैं तो पाकिस्तान की स्थिति भारत की ही तर्ज पर बेहतर होगी और उसे किसी भी बात को लेकर भारत के आगे झुकना नहीं पड़ेगा. यदि इमरान की दावेदारी को हम भारत के सन्दर्भ में रखकर देखें तो इनके सत्ता में आने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कड़वाहट जारी रहेगी.

चूंकि इमरान कट्टरपंथियों के बीच भी खासे लोकप्रिय हैं अतः इमरान के आने के बाद घुसपैठ और सीजफायर का उल्लंघन बदस्तूर जारी रहेगा.

इमरान खान, पाकिस्तान, कट्टरपंथ, प्रधानमंत्री, भारत     भारतीय सेना को भी इमरान नफरत की निगाह से देखते हैं

भारतीय सेना को लेकर

इमरान की रैलियों में उनके द्वारा दिए गए उत्तेजक भाषणों को सुनकर हमारे लिए ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है कि न तो इमरान जैसा कट्टरपंथी चेहरा भारत को ही पसंद करता है न उसे भारतीय सेना से ही कोई लगाव है. अपना चुनावी घोषणापत्र लेन से पहले अपनी अलग अलग रैलियों में इमरान ने भारतीय सेना को लेकर कई बार आपत्तिजनक बयान देकर अपने चाहने वालों में हवा भरने का काम किया है. कश्मीर का नाम लेकर इमरान ने कई बार अपने लोगों के बीच जहर घोलने का काम किया है.

इमरान खान, पाकिस्तान, कट्टरपंथ, प्रधानमंत्री, भारत     इमरान को देखकर ये कहना भी गलत नहीं है कि उनके जीतने में भारत के पीएम का नाम भी एक बड़ी वजह है

प्रधानमंत्री मोदी को लेकर

पाकिस्तान में हुए चुनाव का एक दिलचस्प पक्ष ये भी रहा है कि इस चुनाव में पाकिस्तान में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को खूब जम कर उछाला गया. अपनी एक रैली में इमरान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की तारीफ करते हुए कहा था कि  नवाज शरीफ ने दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने की काफी कोशिश की लेकिन भारत सरकार की पाकिस्तान विरोधी आक्रामक नीतियों की वजह से दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते और भी कड़वे होते जा रहे हैं.

चुनाव पूर्व पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए अपने एक इंटरव्यू में इमरान ने कहा था कि दोनों ही देशों के रिश्ते सुधारने के लिए हमेशा ही पाकिस्तान ने पहल की है. लेकिन वह नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान विरोधी नीति ही है जिसकी वजह से आज दोनों देशों के रिश्ते खराब हैं और पाकिस्तान अलग-थलग है. जब नरेंद्र मोदी की नीति ही पाकिस्तान विरोधी है तो कोई अकेला क्या कर सकता है. कहना गलत नहीं है कि इमरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शक्सियत से भली भांति परिचित हैं और जानते हैं कि कैसे उनके नाम को काश कर सफलता पाई जा सकती है.

इस बात को हम उस घटना से भी समझ समते हैं जब ईद के मौके पर पाकिस्तान की जनता को बधाई देते हुए इमरान ने एक बयान दिया था. तब इमरान ने कहा था कि यदि जनता अपने देश को भारत देश की तर्ज पर आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हैं तो वो उन्हें (इमरान खान) को वोट करे. बयान में इमरान ने लोगों से इस बात का वादा किया था कि वो वैसे ही भारत को आगे ले जाएंगे जैसे भारत को उसका प्रधानमंत्री ले जा रहा है.

तो इन बातों के बाद हमें इमरान का एक नहीं बल्कि कई चेहरा दिख रहा है और सबसे मजेदार ये है कि इमरान का हर एक चेहरा दूसरे चेहरे से बिल्कुल उलट है. ऐसे में इस उलटफेर के बाद हमारे लिए भी ये देखना कहीं न कहीं दिलचस्प रहेगा कि इमरान अपने इन चेहरों की बदौलत किस तरह पाकिस्तान को आगे ले जाते हैं और इस पिछड़ते हुए देश का विकास करते हैं.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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