इमरान खान जानते हैं पाकिस्तान चुनाव में 'मोदी' का जिक्र किस तरह फायदा देगा
पाकिस्तान में इमरान इस बात को जानते हैं कि अगर आम चुनाव जीतने हैं तो उन्हें मोदी नाम का जाम करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी नाम में वो शक्ति है जो उन्हें सियासत में दूर तक ले जा सकती है.
-
Total Shares
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में रैली, आरोप-प्रत्यारोप, कसमों-वादों का दौर जारी है. प्रचार तेज हैं. जल्द ही पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं. नवाज शरीफ के बाद देश अपना नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए कमर कस चुका है. इतने बड़े देश में चुनाव हैं तो मुद्दों का होना लाजमी है. जब बात मुद्दों की आएगी तो प्रायः हमारे दिमाग में ये बात अपने आप आएगी कि चाहे पाकिस्तान की सियासत में कुंडली मारे बैठे पुराने नेता हों या फिर नवांकुरित नेता. वो शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेट्रोल, आतंकवाद, तालिबान, पीओके, कश्मीर की आजादी को मुद्दा बनाएंगे.
इमरान का रुख बता रहा है कि वो पूरी तरह से चुनाव के लिए तैयार हैं
चुनाव के समय ऐसी चीजों का मुद्दा बनना एक बेहद साधारण सी बात है. मगर जब बात पाकिस्तान जैसे मुल्क की हो तो वहां कुछ भी साधारण नहीं है. पाकिस्तान के निजाम को देखकर ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है कि पाकिस्तान की आवाम से लेकर सियासतदान तक लगातर उसी डाल को काट रहे हैं जिसपर ये बैठे हैं. हम बात मुद्दों की कर रहे थे और बता रहे थे कि कैसे कुछ चीजें चुनाव में मुद्दा बनाई जाती हैं. इस आम चुनाव में पाकिस्तान में न तो मुद्दा शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेट्रोल है और न ही तालिबान, आज़ादी और आतंकवाद. पाकिस्तान के छोटे से बड़े राजनेताओं के लिए मुद्दा है 'मोदी.'
Can SS in Punjab and Zardari in Sindh stand in front of the crowd and ask them about their respective govt's performance in the last 10 years? pic.twitter.com/9VOAjvcI8Y
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 8, 2018
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जितने भारत में लोकप्रिय उतना ही लोकप्रिय वो इन दिनों पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हैं. कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की भी पूरी सियासत का दारोमदार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है. पाकिस्तान में क्या छोटी पार्टियां और क्या बड़ी पार्टियां नेता इसी फ़िराक में हैं कि कैसे वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को भुना लें और उसे वोट में परिवर्तित कर दें. अब इस बात को पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान के सन्दर्भ में रखकर देखिये. मिलेगा कि इमरान की भी सियासत का पूरा दारोमदार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कन्धों पर है.
इमरान इस बात को भी जानते हैं कि मोदी में ही वो शक्ति है जो पाकिस्तान तक के चुनाव को प्रभावित कर सकती हैं
चुनाव के चलते इमरान, मोदी के नाम का इस्तेमाल अपनी सियासत चमकाने और अपने को हीरो बनाने के लिए कर रहे हैं. क्रिकेट खिलाड़ी से राजनेता बने इमरान खान अपने चुनावी प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए और अपने पद से हटाए गए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने की काफी कोशिश की लेकिन भारत सरकार की पाकिस्तान विरोधी आक्रामक नीतियों की वजह से दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते और भी कड़वे होते जा रहे हैं.
चुनाव से पहले पाकिस्तानी अखबार डॉन को दिए अपने एक इंटरव्यू में इमरान ने कहा है कि दोनों ही देशों के रिश्ते सुधारने के लिए हमेशा ही पाकिस्तान ने पहल की है. लेकिन वह नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान विरोधी नीति ही है जिसकी वजह से आज दोनों देशों के रिश्ते खराब हैं और पाकिस्तान अलग-थलग है. जब नरेंद्र मोदी की नीति ही पाकिस्तान विरोधी है तो कोई अकेला क्या कर सकता है.
इंटरव्यू में साफ था कि इमरान, नवाज की शान में कसीदे पढ़ रहे थे और मोदी विरोध करके वो नवाज के उन समर्थकों को अपने पाले में खींचने का प्रयास कर रहे थे जिनका ये मानना था कि नवाज की मोदी से दोस्ती नवाज के लिए खतरे की घंटी होगी. इस इंटरव्यू के विपरीत यदि इमरान की रैलियों पर भी नजर डालें तो मिल रहा है कि वो वहां भी भारतीय प्रधानमंत्री को लाकर एक आम पाकिस्तानी के उन बिन्दुओं को छूने का प्रयास कर रहे हैं जो इमरान को पाकिस्तान की सियासत में एक बड़ा मुकाम दे सकता है.
इमरान खान लगातार मोदी केनाम पर लोगों को बरगलाने का काम कर रहे हैं
बात आगे बढ़ाने से पहले आपको याद दिलाते चलें कि ईद मौके पर पाकिस्तानी आवाम को मुबारकबाद देते हुए एक बड़ा बयान दिया था. अपने बयान में इमरान ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की जनता देश को भारत देश की तर्ज पर आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हैं तो वो उन्हें (इमरान खान ) को वोट करे. बयान में इमरान ने लोगों से इस बात का वादा किया था कि वो वैसे ही भारत को आगे ले जाएंगे जैसे भारत को उसका प्रधानमंत्री ले जा रहा है.
इसके अलावा अगर इमरान के ट्वीट पर भी नजर डालें तो मिल रहा है कि वो भारतीय प्रधानमंत्री की नक़ल कर अपने लोगों को रिझाने का काम कर रहे हैं. इस बात को अगर समझना हो तो हमें इमरान का एक ट्वीट देखना चाहिए. इमरान ने ये ट्वीट 5 जुलाई को किया है और इसमें वो परिवार वाद के खिलाफ ठीक वैसे ही बात कर रहे हैं जैसा अक्सर हमें पीएम मोदी की रैलियों में देखने को मिलता है.
The crowd in Charsadda made its opposition to family/dynastic politics clear as it showed support for politics of meritocracy. It is time people of Pakistan rejected dynastic politics for good. pic.twitter.com/DTbUiZyK6o
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 5, 2018
इमरान की बातों और उनके नजरिये से साफ है कि वो इस बात को समझ चुके हैं कि यदि उन्हें पाकिस्तान की आवाम का दिल जीतना है और वोट हासिल करने हैं तो उन्हें उस जगह चोट मारनी होगी जहां दर्द ज्यादा हो. इमरान इस बात को बखूबी समझ चुके हैं कि, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही वो बिंदु हैं जो एक आम पाकिस्तानी की भावना को आहत कर सकता है और इस रोष का परिणाम ये होगा कि वोट उनकी पार्टी को मिलेगा.
इसके अलावा जिस तरह से इमरान नवाज का गुणगान कर रहे हैं इससे वो पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के उन समर्थकों के दिल में गहरी पैठ बना सकते है जिन्होंने अब तक सारी बातों को दरकिनार कर नवाज पर आंखें मूंद कर विश्वास किया है.
इमरान इस चुनाव में अपनी पार्टी को कितनी सीटें दिलवा पाते हैं? कैसे वो लोगों की सहानुभूति को वोट में बदलते हैं ये हमें आने वाला वक़्त बताएगा. मगर जो इमरान का रुख हैं उसको देखकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इमरान, मोदी के नाम का सहारा लेकर ऐसा बहुत कुछ करने वाले हैं जो पाकिस्तान की सियासत को बहुत ही नाटकीय ढंग से प्रभावित करेगा.
ये भी पढ़ें -
पाकिस्तान में नवाज को कैद सैल्यूट के काबिल है या शंका के?p
कोई कुछ भी कहे, लेकिन नाली में लेटना और कूड़े में बैठना हमारे नेताओं के बस की बात नहीं !
पाकिस्तान चुनाव से भारत को उम्मीद नहीं रखना चाहिए
आपकी राय