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Updated: 20 सितम्बर, 2018 08:22 PM
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क्रिकेट मैच की ही तरह अब इमरान खान चाहते हैं कि भारत-पाक बातचीत भी फिर से शुरू हो. वो भी उसी मोड़ से जहां पहुंच कर सिलसिला थम गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी वार्ता दिसंबर 2015 में हुई थी - फिर कुछ ही दिन बाद पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के बाद ये बातचीत रोक दी गयी. अब एक बार फिर से कोशिश हो रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिट्ठी पर जवाबी खत में इमरान खान ने नये सिरे से बातचीत का प्रस्ताव रखा है - और सबसे बड़ी बात ये है कि 'पाकिस्तान आंतकवाद पर चर्चा' के लिए तैयार है. फिर भी सवाल जहां का तहां है - क्या क्रिकेट की तरह कूटनीतिक कवायद भी कामयाब हो पाएगी?

खत का कूटनीतिक मजमून और मुलाकात का प्रस्ताव

पाकिस्तान का आम चुनाव जीतने के बाद इमरान खान ने बहुत जोर देकर कहा कि बातचीत के लिए भारत अगर एक कदम आगे बढ़ेगा तो वो दो कदम आगे बढ़ाएंगे.

इमरान खान के वजीर-ए-आजम बनने पर बधाई संदेश के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पत्र लिखा था - और कहा था भारत उनके देश के साथ रचनात्मक और सार्थक बातचीत का आकांक्षी है. महीने भर बाद इमरान खान ने जवाबी लिफाफा भेजा है - और इच्छा जतायी है कि इसी महीने न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाक समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के बीच बातचीत हो. इमरान वहां सार्क देशों के विदेश मंत्रियों से पहले ये मुलाकात चाहते हैं.

imran khan, narendra modiसार्क सम्मेलन हो, आइए फिर बात हो!

2015 में पाकिस्तान में हुए हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने जब सुषमा स्वराज गयी थीं तभी आखिरी बार ऐसी मुलाकात हो पायी थी. नौ दिनों तक चलने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक 25 सितंबर से शुरू हो रही है.

भारत-पाक रिश्तों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए इमरान ने कहा है कि उन्होंने सार्क देशों के रिश्तों में मजबूती के लिए अच्छे प्रयास किये.

साथ ही, इमरान खान ने ये प्रस्ताव भी रखा है कि पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन होने देने में भी भारत सहयोग करे. आतंकवाद पर पाकिस्तान के सकारात्मक सहयोग न मिलने के चलते ही सदस्य देशों के बहिष्कार के चलते वहां सार्क सम्मेलन नहीं हो पा रहा है. इमरान खान को यही बात सबसे ज्यादा खल रही होगी.

इमरान खान लिखते हैं - "सार्क सम्मेलन आपके पाकिस्तान तशरीफ लाने का बेहतरीन मौका होगा और हमारे लिए बातचीत शुरू करने का अवसर." प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों मुल्कों के बीच सार्थक बातचीत की आकांक्षा जरूर जतायी लेकिन अभी तक भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है - बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकियों को मदद मिलना बंद हो.

imran letterखत लिखा, खत में लिखा...

चिट्ठी के जरिये इमरान ने जो सबसे बड़ी बात कही है वो ये कि 'पाकिस्तान आतंकवाद पर चर्चा के लिए तैयार है.' इमरान का कहना है कि वो दोनों देशों के बीच जम्मू-कश्मीर ही नहीं, सियाचीन और सरक्रीक पर भी दोनों पक्षों के हितों के हिसाब से हल चाहेंगे.

कितना अजीब है इमरान खान भारत से बातचीत और विदेश मंत्रियों की मुलाकात पर जोर दे रहे हैं, आतंकवाद पर चर्चा के लिए खुद को तैयार भी बता रहे - और उसी वक्त उनका मुल्क हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी कर रहा है. पाकिस्तानी पीएम का बातचीत का ये प्रस्ताव किसी घटिया मजाक से ज्यादा कुछ नहीं लगता.

कैसे हो बात और मुलाकात - इमरान ने कभी सोचा क्या?

क्या इमरान खान को जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में तैनात बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार के साथ जो सलूक हुआ उसकी कोई जानकारी मिली होगी? इमरान खान ये जानने का दावा तो करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में लोगों के साथ क्या हो रहा है, लेकिन ये जानने की कोशिश अब तक की कि पाकिस्तान की शह पर वहां क्या क्या हो रहा है? क्या इमरान खान ने ये जानना चाहा कि पाकिस्तान में बेस बना रखे आतंकी जम्मू कश्मीर पहुंच कर क्या क्या करते हैं? क्या इमरान खान ने ये जानने में दिलचस्पी दिखायी है कि पाक फौज भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों से कैसे पेश आ रही है.

bsf jawanबीएसएफ जवान के साथ बुरा सलूक

अव्वल तो इमरान खान को मालूम नहीं होगा कि बीएसएफ के जवान नरेंद्र कुमार को पाक आर्मी ने किस तरह अगवा करके तीन गोली मारी और फिर गला रेत दिया. इमरान खान को तो ये भी नहीं पता होगा कि जब बीएसएफ ने पाक रेंजर्स से नरेंद्र के लिए सर्च ऑपरेशन में शामिल होने की दरख्वास्त की तो वो खतरेवाली बात बता कर बहाना मार गये. आखिरकार बीएसएफ टीम ने खुद निकली और सरहद से लगी एक झाड़ी से नरेंद्र कुमार का शव खोज निकाला.

फर्ज कीजिए, इमरान खान नये नवेले हैं और शासन प्रशासन की बारीकियों को समझने वक्त लगता है. मगर, इतना भी क्या कि पाकिस्तान में बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी हो और देश के प्रधानमंत्री को पता न हो, ऐसा हो सकता है क्या?

पाकिस्तान के डाक विभाग ने कराची से हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी पर डाक टिकट जारी किया है. पाकिस्तान मुद्रा में 8 रुपये के इस डाक टिकट पर बुरहान वानी के फोटो के साथ लिखा है - बुरहान वानी (1994-2016) फ्रीडम आइकॉन. बुरहान वानी को सुरक्षा बलों ने 8 जुलाई, 2016 को अनंतनाग में हुए मुठभेड़ में मार गिराया था. बुरहान के मारे जाने के बाद से जम्मू कश्मीर में हिंसा होने लगी और काफी दिनों तक कर्फ्यू लगाने पड़े थे. देखा जाये तो तब जो हिंसा शुरू हुई थी वो अब भी किसी न किसी रूप में जारी है. हालांकि, सुरक्षा बलों ने आतंकियों का बड़ा नेटवर्क खत्म भी कर दिया है. बुरहान वानी को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इंतिफादा भी बता चुके हैं जिसका अर्थ विद्रोही होता है.

पाकिस्तान के डाक विभाग का मुख्यालय कराची में है और वहीं से 20 डाक टिकट जारी हुए हैं. बुरहान के अलावा इसमें जम्मू-कश्मीर में मारे गये आतंकियों के अलावा कुछ और लोगों की भी तस्वीरें हैं. हर टिकट के नीचे लिखा है - 'भारतीय सैनिकों द्वारा पीड़ित'. कुछ टिकटों पर लिखा है - पेलेट गन का इस्तेमाल, केमिकल हथियारों का इस्तेमाल और सामूहिक कब्र.

pakistan postage stampपाकिस्तान में जारी डाक टिकट

पाकिस्तानी फौज बीएसएफ के जवान के साथ अमानवीय सलूक करे - और इमरान खान चाहें कि भारत-पाक बातचीत करते रहें - कैसे संभव है? पाकिस्तान बुरहान वानी जैसे आतंकवादी पर डाक टिकट जारी करे और बातचीत भी शुरू करना चाहे - भला कैसे मुमकिन है? अगर इमरान खान इसी माहौल में सार्क सम्मेलन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस्लामाबाद बुला रहे हैं तो सिर्फ एक घटिया मजाक ही कर रहे हैं - और कुछ नहीं!

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