इमरान खान के हर 'सच' के पीछे से चीखते हैं पाक के झूठ
Pakistan PM Imran Khan कोई भी ऐसा मौका नहीं छोड़ते हैं जब वो कश्मीर का मुद्दा न उठाएं, लेकिन एक बार उन्हें अपने देश के लोगों पर भी ध्यान देना चाहिए.
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर एक बात बहुत मश्हूर हो चली है. वो ये कि उन्हें अपने देश के अलावा, अन्य सभी देशों के लोगों की चिंता है. नहीं यहां सिर्फ चीन के उईगर मुसलमानों की या पाकिस्तानी लड़कियों के चीन में जाकर परेशान होने की बात नहीं चल रही है बल्कि मामला चीन, पाकिस्तान से भी ज्यादा आगे है. पाकिस्तान की एक आदत है कि उसे चाहें कोई भी मंच मिले, चाहें किसी नेता को आम सभा में भाषण देना हो, चाहें विदेश मंत्री या प्रधानमंत्री को UN जैसा कोई स्टेज दिया जाए बात सिर्फ कश्मीर की ही होगी. हां, पिछले कुछ दिनों से इस मुद्दे के साथ-साथ फिलस्तीनी मुद्दा भी जुड़ गया है. Pakistan PM Imran Khan को सिर्फ सिलेक्टिव बातें ही समझ आती हैं. उनके लिए विरोध प्रदर्शन भी सिलेक्टिव ही होता है.
इसका ताज़ा उदाहरण मिला है OIC (Organisation of Islamic Cooperation) की बैठक में. इस बैठक में भी इमरान खान ने कश्मीर और फिलस्तीन का मामला उठाया. इस मामले में इमरान खान ने ये कहा कि फिलस्तीन और कश्मीर के लोगों को सालों से उनका हक नहीं मिला है. उन्हें दबाया जा रहा है. फिलस्तीन के मामले में तो पूर्वी येरुशलम/येरुसलम (East Jerusalem) को फिलस्तीन का कैपिटल बनाने की सलाह भी दे डाली. दशकों से विवादों में घिरे इस हिस्से की समस्या का इलाज इमरान खान के पास था.
Honourable handsome prime minister of Pakistan has solutions to Palestine and Kashmir issues. Ironic, amongst other things, he is still to come up with any solutions for the problems ethnic and religious minorities at home. pic.twitter.com/peuvJSpjuf
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) June 1, 2019
कश्मीर के मुद्दे पर भी बोलना तो जरूरी होता ही है. पाकिस्तान के पास उसके अलावा शायद कोई और मुद्दा ही नहीं है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा सके.
चौंकाने वाली बात ये है कि इमरान खान जिन्हें अन्य देशों की समस्या पर इतना अफसोस हो रहा है उन्हें ये नहीं पता कि उनके देश में क्या चल रहा है? जिस समय इमरान खान ये बातें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहे थे उसी समय पाकिस्तान में 13 पश्तूनों की जान ले ली गई. पश्तून अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. कुछ समय पहले पाकिस्तानी सेना ने पश्तूनों के लीडर को चेतावनी भी दी थी कि उनका समय अब खत्म हो गया है.
ये हाल है इमरान खान के नए पाकिस्तान का.
इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपने देश की हालत नहीं दिख रही.
अपने देश के अल्पसंख्यकों पर भी नजर डालें इमरान खान..
30 मई 2019 को पाकिस्तानी हिंदू Ramesh Kumar Malhi पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया. ईशनिंदा पाकिस्तान में बहुत बड़ा मुद्दा है और उस देश में ये मौत की सज़ा के लायक है. रमेश कुमार पर इल्जाम है कि उन्होंने कुरान का अनादर किया है. वो अब पाकिस्तान में हिंदू ईशनिंदा का चेहरा बन गए हैं. सिंध प्रांत के जिस इलाके में रमेश कुमार रहते थे वहां दंगे फैल गए और हिंदुओं की दुकानों को जला दिया गया. सिर्फ यही नहीं हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाने की बात पाकिस्तान में बहुत पुरानी है. कुछ समय पहले हिंदू लड़कियों रीना और रवीना का मामला बहुत बढ़ा था जहां ये बात सामने आई थी कि कोर्ट केस और लड़कियों के परिवार के बयानों का कोई मतलब नहीं निकला.
2018 में पाकिस्तान के आर्थिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य Dr Atif Mian को पद से हटा दिया गया था. उसके एवज में दो अन्य अर्थशास्त्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. ये इसलिए हुआ क्योंकि सुन्नी बहुल देश पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमान डॉक्टर आतिफ मियां की जगह उन्हें दिखा दी गई थी. अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तानी सुन्नी ईशनिंदक मानते हैं और अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तान से भागकर श्रीलंका जैसे देशों में शरण लेनी पड़ी थी.
चलिए अब ईसाइयों की बात करते हैं. 12 मई 2019 को पाकिस्तान के ईसाई बहुल इलाके एन्टोनियाबाद में कब्रिस्तान पर हमला हुआ. 40 कब्रों पर से क्रॉस हटा दिए गए थे. ईसाई लड़कियों को भी जबरन मुसलमान बनाया जा रहा है. पाकिस्तान में तीन बच्चों की मां के साथ क्या हुआ वो इस ट्वीट में समझ आ जाएगा.
"No one is listening to us. Is this the way to treat minorities in Pakistan?" asks Naveed Iqbal who along with his kids is hidding from one place to another. The family continues to receive threats from the kidnapper Khalid Satti to withdraw the case. pic.twitter.com/KbxYevh3Fx
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) March 16, 2019
क्वेटा में हज़ारा मुसलमानों के इलाके पर बम ब्लास्ट या फिर गोलियां चलना आम बात है. कई बार तो सिर्फ हज़ारा मुसलमानों को इसलिए मार दिया जाता है क्योंकि उनकी शकल मंगोलियाई लोगों से मिलती जुलती है. पाकिस्तान की हज़ारा कम्युनिटी बहुत कुछ सह चुकी है. लोगों को बस से उतारकर गोली मार दी जाती है.
ये हाल है पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों का. पाकिस्तान जिस तरह दूसरे देशों में मुसलमानों की चिंता करता है वो अपने देश के मुसलमानों की ही देख-रेख नहीं कर पाता. यही नहीं पाकिस्तान के सबसे करीबी दोस्त चीन में उइगर मुसलमानों के साथ जो होता आ रहा है उसपर भी इमरान खान आंख बंद किए बैठे रहते हैं. इसके बाद भी उन्हें ये नहीं लगता कि पाकिस्तान कहीं से भी गलत है या उसे सुधारने की जरूरत है. पाकिस्तान में तो इमरान खान को सिर्फ अमन और खुशहाली ही दिखती है. भारत को इमरान खान अपने अल्पसंख्यकों को लेकर नसीहतें देते आए हैं, लेकिन उन्हें शायद ये नहीं दिखता कि उनके यहां क्या हो रहा है.
आंख मूंदकर सिर्फ दूसरों पर इल्जाम लगाना सही है या फिर अपने यहां क्या हो रहा है उसे देखना सही है?
इमरान खान के ऐसे दोहरे मापदंड पहली बार सामने नहीं आ रहे हैं. ये कई बार हुआ है. पर सवाल ये है कि किसी देश का प्रधानमंत्री उसके अपने देश की समस्याओं के अलावा कैसे किसी और देश की समस्याओं को लेकर इतना चिंतित हो सकता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाए. शायद ये इमरान खान के नए पाकिस्तान की असलियत है.
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