पाकिस्तान में रोजा आसान, महंगाई से सहरी-इफ्तार मुश्किल
पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है और आलम ये है कि पेट्रोल से ज्यादा महंगा खाने-पीने का सामान हो गया है. रमजान में लोग रोज़ा खोलने के लिए पानी का सहारा लेने को मजबूर हैं!
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पाकिस्तान इन दिनों जिन आर्थिक हालात से गुजर रहा है वो यकीनन परेशानी भरे हैं. कोई भी देश अगर खुशहाल होगा और सब कुछ ठीक चल रहा होगा तो वो IMF के सामने हाथ नहीं फैलाएगा. अब IMF से 6 अरब डॉलर के लोन के बदले पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो दिन में ही 5% तक गिर गया है. 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब 150 के आंकड़े को पार कर गया है.
रुपए की गिरावट असल में IMF द्वारा बताए गए पैटर्न पर ही हो रही है. IMF का मार्केट आधारित एक्सचेंज रेट है. इसमें पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इसके अलावा, बढ़ते तेल आयात, बढ़ते कर्ज और खाली होते विदेशी मुद्रा के खजाने के कारण हो रहा है.
पर इन आर्थिक समस्याओं का असल असर पाकिस्तान की जनता को हो रहा है. रमजान के महीने में उनपर जो गुजर रही है शायद ही कोई समझ पाए. गिरते रुपए के कारण पाकिस्तान में महंगाई बहुत बढ़ रही है. Pakistan Bureau of Statistics के मुताबिक वहां का कन्ज्यूमर प्राइज इंडेक्स 9.4 प्रतिशत हो गया है जिससे लोगों की खरीदने की क्षमता कम हो रही है.
लोग इमरान खान सरकार से परेशान हो गए हैं और पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है.
कुछ समय पहले पाकिस्तान में पेट्रोल से महंगा दूध हो गया था और वो 180 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा था. अब सेब 400 रुपये किलो, संतरे 360 रुपये और केले 150 रुपये दर्जन बिक रहे हैं. Karachi Wholesale Grocers Association’s (KWGA) के मुताबिक रोजमर्रा के सामान में 30% बढ़त होगी. यानी अगर कोई इंसान 10000 रुपए हर महीने खाने-पीने और रोजमर्रा के सामान पर खर्च करता था तो वो 13000 हो जाएगा. पर असलियत में ये महंगाई 40% तक बढ़ी है. यही नहीं रिपोर्ट ये भी कहती है कि आयात किए जाने वाले प्रोडक्ट्स की कीमत 30% तक बढ़ सकती है. इसमें न सिर्फ खाने-पीने की चीज़ें बल्कि टूथपेस्ट से लेकर शैंपू और घर का बाकी सामान भी शामिल है.
पाकिस्तान में मटन 1100 रुपये किलो हो गया है. मार्च के मुकाबले मई में प्याज 40%, टमाटर 19 % और मूंग की दाल 13% ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं तो गुड़, शक्कर, फल्लियां, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतें 10% तक बढ़ गई हैं.
पानी से रोज़ा तोड़ने की मजबूरी?
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होना शुरू हुआ है. पाकिस्तान के एक स्थानीय न्यूज चैनल पर इमरान खान की सरकार और आम लोगों के सामने खड़ी महंगाई पर एक ग्राउंड रिपोर्ट की गई. इस वीडियो में लोग कह रहे हैं कि बाज़ार खाली पड़े हैं और खरीदने की क्षमता ही नहीं रही. यहां तक कि एक परेशान पाकिस्तानी का कहना है कि उसे लगता है कि आगे चलकर पानी से ही रोज़ा तोड़ना पड़ेगा.
We have been forced to break our Roza with waterHow will I celebrate Eid? This is the most horrible #Ramadan in our lives. Pakistan pic.twitter.com/Is4fQkw0bZ
— Aafreen Fathima (@Aafreen106) May 17, 2019
वहां की जनता इमरान खान को गालियां भी दे रही है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक कीमतें 7 मई के बाद से ही बढ़नी शुरू हो गई थीं. डॉन की रिपोर्ट कहती है कि कीमतें 7 मई के बाद से ही बढ़नी शुरू हो गई थीं. हर सामग्री 20-50 रुपए प्रति किलो हर हफ्ते बढ़ रही है. 7 मई को मटन 1000-950 पाकिस्तानी रुपए बिक रहा था जो अब 1100 का आंकड़ा पार कर गया है. इसी तरह का हाल ब्रेड, गेहूं, आटा, टमाटर आदि का भी है.
हालत यहां तक पहुंच गई है कि टमाटर आदि तो लोकल मार्केट में सेब के दाम पर मिल रहे हैं. कुछ पाकिस्तानियो ने इसपर मीम्स बनाकर शेयर करना शुरू कर दिया है.
Tamatar 200/kg.. Even Shahrukh Khan is crying on inflation in Naya Pakistan ???? pic.twitter.com/M7lcObH8f3
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) May 15, 2019
रमजान के महीने में कीमतों का बढ़ना पाकिस्तान में कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार पाकिस्तान रुपए के गिरने से जो हालत हुई है उससे पाकिस्तान की जनता अच्छी खासी परेशान हो गई है. अधिक महंगाई के कारण हो ये रहा है कि गरीबों और मिडिल क्लास को बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बात चाहें जो भी हो, लेकिन इमरान खान सरकार अपने वादे निभाने में इतनी नाकाम रही है कि पाकिस्तान की जनता की हालत खराब हो गई है.
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