पाकिस्तान में मरियम-बिलावल ने इमरान खान के पतन की शुरुआत कर दी है!
पाकिस्तान (Pakistan) फिर चर्चा में है और कारण हैं इमरान खान (Imran Khan) और कराची में आयोजित रैली (Karachi Rally). इमरान को कुर्सी से हटाने के लिए पूरा विपक्ष एक हो गया है. लगातार रैलियों का आयोजन हो रहा है और जैसी भीड़ दिख रही है साफ़ है कि पीएम इमरान खान की मौज के दिन पूरे हुए और अब उनके बुरे दिनों की शुरुआत हो चुकी है...
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पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) के तारे गर्दिश में हैं. कब कुर्सी से हाथ धोना पड़ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. पाकिस्तान में इमरान खान पर विपक्ष तो हमलावर था ही जैसा जनता का रुख है उसने भी इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा दी है. अभी बीते दिन ही कराची (Karachi) में जो हुआ, उसने तस्वीर काफी हद तक साफ कर दी है और संकेत दे दिए हैं कि मुल्क अब ज्यादा दिनों तक और इमरान खान को नहीं ढोने वाला. बताते चलें कि पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष ने कराची में अपनी दूसरी रैली का आयोजन किया. रैली में जैसा जनता का हुजूम था उसने इमरान खान और पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) की रूह फना कर दी है. हज़ारों की तादाद में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेताओं ने पाकिस्तानी सरकार और इमरान खान को जमकर घेरा है. इमरान खान के खिलाफ मजबूत विपक्ष की भूमिका में नजर आ रहीं मरियम नवाज़ (Mariyam Nawaz) ने रैली में तीखे तेवर में कहा है कि अगर हम सत्ता में लौटे तो इमरान होंगे जेल में होंगे.
कराची में आयोजित रैली में बिलावल भुट्टो और मरियम नवाज़
मरियम पाकिस्तान में कोरोना के चलते मरे लोगों पर भी फ़िक्रमंद नजर आईं. कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों को श्रंद्धांजलि देते हुए मरियम ने कहा है कि कोरोना के जरिये इमरान अपनी नाकामियां छुपा रहे हैं और लोगों को झूठे आश्वासन दे रहे है कि उन्हें घबराना नहीं चाहिए.
Salute to martyrs of Karsaz. Whose supreme sacrifice gives us strength to fight. Thankyou to the PDM leaders for coming to Karachi, and to Karachi for showing the love that you did. The people have spoken. They will not be silenced in this fight for democracy. #PDMJalsaKarachi pic.twitter.com/cx86Tp2muO
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) October 18, 2020
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष ने कहा कि जब जवाब मांगे गए, तो आप कह रहे हैं हम गद्दार हैं. मरियम नवाज ने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना को भी गद्दार कहा गया इसलिए हमें गद्दार कहकर डराए नहीं, जब आपसे (खान) सवाल किए गए तो आप सेना के पीछे छिप गए. इमरान खान को घेरते हुए मरियम नवाज़ ने भी कहा कि आप उनका (सेना) इस्तेमाल अपनी नाकामी को छिपाने के लिए कर रहे हैं.
रैली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र हुआ. मरियम नवाज़ ने कहा कि , 'हम जब जवाब मांगते हैं तो इमरान कहते हैं कि नवाज शरीफ मोदी की जुबान बोलता है। मोदी की कामयाबी दुआएं मांगों तुम, मोदी से बात करने के लिए मरे जाओ तुम, कुलभूषण जाधव के लिए रातों-रात अध्यादेश पारित करो तुम, उसके लिए सरकारी खर्चे से वकील ढूढ़ों तुम, कश्मीर को प्लेट में रखकर पेश करो तुम, कश्मीर का मुकदमा हार जाओ तुम, भारत को यूएन में वोट दो तुम और मोदी की जुबान हम बोल रहे हैं?
"When you, Imran Khan, are pressed for answers you say the opposition is speaking Modi's language. When it was you who prayed for Modi's re-election, you were dying to talk to him, gifted him Kashmir on a plate...and we are the one speaking his language?" pic.twitter.com/5U6mcgrzD7
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 18, 2020
रैली के दौरान मरियम के तेवर कितने तल्ख़ थे इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने इमरान को नवाज़ शरीफ़ की तरह सत्ता चलाने की नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा है कि इमरान खान का डर उनके हर शब्द, हर एक्शन और उनके चेहरे पर साफ दिख रहा था. अगर इमरान को सत्ता चलानी नहीं आती है और लोगों के हित में कैसे फैसला करना है ये आपको कोई सिखाने वाला नहीं है, तो आपको नवाज शरीफ से सीख लेनी चाहिए.
ऐसा नहीं था कि सिर्फ मरियम नवाज़ ने ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की असलियत दुनिया के सामने जगजाहिर की. इस रैली में बिलावल भुट्टो जरदारी भी मौजूद थे. इमरान खान को अयोग्य और अज्ञानी बताते हुए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि अयोग्य और अज्ञानी प्रधानमंत्री को अब घर जाना होगा.
जरदारी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि बड़े से बड़े तानाशाह नहीं टिक पाए तो यह कठपुतली कैसे टिक पाएगी? उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कोई नई लड़ाई नहीं है लेकिन यह एक निर्णायक लड़ाई होगी.
@BBhuttoZardari says yes, establishment is behind this current political turmoil in Pakistan. He was replying to my question on weather Army is behind prevailing crisis and inflation in Pakistan, adding that Army is supposed to stay in barracks, protect borders. pic.twitter.com/Gh5I7oX68w
— sanjay sadhwani (@sanjaysadhwani2) October 17, 2020
गौरतलब है कि इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों ने गठबंधन का निर्माण किया है. मुल्क के अलग अलग हिस्सों में रैलियां आयोजित की जा रही हैं और इमरान खान को बेनकाब किया जा रहा है. बताते चलें कि कराची में हुई गठबंधन रैली में 11 विपक्षी पार्टियां शामिल थीं और इन सभी पार्टियों का नेतृत्व मौलाना फजलुर रहमान ने किया था.
Mohsin Dawar demanded that allegations of political engineering against army chief Bajwa should be investigated. He also spoke of forming a truth commission. Dawar's speech was (predictably) not aired by any TV channel. pic.twitter.com/LMGS1Oee4G
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 18, 2020
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि पाकिस्तान में विपक्ष और जनता का इमरान खान को घेरना यूं एक दिन में हुआ है. बगावत की शुरुआत काफी पहले हो गई थी. चाहे वो कश्मीर मुद्दा रहा हो या फिर पाकिस्तान में रोजगार की समस्या और कर्जे की मार, पाकिस्तान में विपक्ष लंबे समय से प्रधानमंत्री इमरान खान को आड़े हाथों ले रहा है. कहा यही जा रहा है कि इमरान सेना की कठपुतली हैं जिसका इस्तेमाल सेना अपने निजी फ़ायदे के लिए कर रही है.
बताते चलें कि अभी बीते दिनों ही इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए 2018 के चुनाव में हुए फर्जीवाड़े पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) खुलकर पाकिस्तानी सेना के विरोध में आई थी. सेना का पक्ष खुद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रखा था. बाजवा ने कहा था कि सेना की सभी कार्रवाई संविधान से निर्देशित और राष्ट्र हित में थीं.
आरोपों पर जनरल बाजवा ने ये भी कहा था कि सेना सरकार का समर्थन जारी रखेगी और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगी. पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के 70 सालों में से आधे समय से ज्यादा वहां शक्तिशाली सेना का शासन रहा है और सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में उसे काफी अहमियत हासिल है.
बहरहाल, अब धांधली के मुद्दे पर इमरान से लेकर बाजवा तक कोई कुछ भी कहे. लेकिन जैसे तेवर विपक्ष के पाकिस्तान में हैं और उसे जैसे जनता से समर्थन मिल रहा है. ये खुद में साफ़ कर देता है कि अब ज्यादा दिन नहीं हैं, हम जल्द ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को कुर्सी छोड़ते देखेंगे.
अब तक इमरान खान सत्ता की चाशनी में डूबी मलाई खा रहे थे और जब जैसे पूरा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हुआ है, इस बात में कोई शक नहीं है कि अब तक सत्ता के नाम पर मौज काट चुके हैं इमरान खान के अच्छे दिन, बुरे दिनों में बदलने वाले हैं.
इमरान खान से लेकर मरियम नवाज और बिलावल भुट्टो जरदारी आने वाला वक़्त पाकिस्तान की राजनीति के मद्देनजर खासा दिलचस्प है और भविष्य में नजारा क्या होगा उसके लिए हमें केवल और केवल इंतजार करना होगा.
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