अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी से ज्यादा रोचक है मवेशी तस्करी की दास्तान
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सहयोगी और टीएमसी के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने 2020 के पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किया है. मंडल की गिरफ्तारी ने ये साफ़ कर दिया है कि, जैसे जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी. वैसे-वैसे तमाम सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतरेगा और वो बेनकाब होंगे.
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2020 के पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी केस (Cattle Smuggling Case) में सीबीआई ने बीरभूम टीएमसी के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया है. टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम में ईडी के हत्थे चढ़े पार्थ चटर्जी की गिरफ्तरी के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सवालों के घेरे में थीं. ऐसे में सीबीआई द्वारा अनुब्रत मंडल की गिरफ़्तारी ममता के लिए कोढ़ में खाज की तरह देखी जा रही है. ध्यान रहे कि करीब 30 गाड़ियों के काफिले के साथ मंडल के घर पहुंची सीबीआई को मंडल एक कमरे में बंद मिले. वो तो जब दरवाजा तोड़ने को कहा गया, तब वे बाहर आए. इससे पहले वे सीबीआई के समन से बचने के लिए बार-बार अस्पताल में भर्ती होते रहे. आखिर, डॉक्टरों के पैनल ने थककर कह ही दिया कि उन्हें ऐसी कोई बीमारी नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में एडमिट रखा जाए. और यहीं से उनके बच निकलने की बहानेबाजी का अंत हुआ.
सीबीआई द्वारा पश्चिम बंगाल के मवेशी तस्करी घोटाले में अनुब्रत मंडल की गिरफ़्तारी ने ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं
पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी केस को लेकर सीबीआई एक्टिव है. जांच एजेंसी के अनुसार, उसने कोलकाता और बीरभूम जिले में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी के दौरान लगभग 17 लाख रुपए, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव जैसे सामान बरामद किए. वहीं कहा ये भी जा रहा है कि स्कैम की जांच में जुटी सीबीआई ने कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ लॉकर की चाबियां भी बरामद की हैं.
#UPDATE | CBI arrests TMC Birbhum district president Anubrata Mondal in connection with cattle smuggling case. He has now been taken for a medical examination. #WestBengal https://t.co/Z6qExW0MOk
— ANI (@ANI) August 11, 2022
मामले में अपनी एफआईआर में, सीबीआई ने कहा कि कुछ कस्टम ऑफिसर्स की मदद से मवेशियों को कम कीमत पर नीलाम किया गया. बाद में व्यापारियों ने उन्हें बहुत ही कम कीमत पर खरीदा और उन्हें बांग्लादेश में बेचने की अनुमति दी गई. एफआईआर में ये भी कहा गया है कि बिक्री से प्राप्त आय का एक बड़ा हिस्सा कथित तौर पर कुछ टीएमसी नेताओं और सरकारी अधिकारियों के पास गया.
पश्चिम बंगाल मवेशी तस्करी केस में आखिर मंडल का कैसे आया नाम?
2020 में सीबीआई द्वारा मामले के मद्देनजर एफआईआर दर्ज की गयी थी. मवेशी तस्करी घोटाला मामले में मंडल का नाम तब आया जब' जांच एजेंसी ने मंडल के बॉडी गार्ड सहगल हुसैन को गिरफ्तार किया. सीबीआई के अनुसार, 2015 और 2017 के बीच सीमा सुरक्षा बल द्वारा 20,000 से अधिक मवेशी जब्त किए गए थे और जब मामले की जांच हुई और अलग अलग स्थानों पर छापेमारी हुई तो स्कैम का एक सिरा अनुब्रत मंडल के पास मिला.
एक पूरी प्लानिंग और नेटवर्क के तहत बंगाल में मवेशी तस्करी को दिया गया अंजाम!
मई 2022 में मामले की जांच कर रही ईडी को उस वक़्त बड़ी कामयाबी मिली. जब मवेशी तस्करी स्कैम के तहत एनामुल हक़ नाम के मवेशी तस्कर को गिरफ्तार किया गया. एनामुल को नवंबर 2020 में सीबीआई द्वारा भी गिरफ्तार किया गया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बेल पर रिहा किया था. एनामुल हक को भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी के सरगना के रूप में जाना जाता है. अधिकारियों के अनुसार, वह अपने कारोबार को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों, राजनेताओं के अलावा स्थानीय ग्रामीणों को भी मुंह बंद रखने के पैसे देता था.
तस्करी का ये नेटवर्क कितना मजबूत था इसे बीएसएफ के बर्खास्त कमांडेंट सतीश कुमार की गिरफ़्तारी से भी समझा जा सकता है. सतीश कुमार को कथित तौर पर आरोपी मोहम्मद एनामुल हक़ से उसकी पत्नी और उसके ससुर के खातों में 12.8 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे. सतीश के विषय में जो जानकारी आई है उसके मुताबिक उसने कथित तौर पर अचल संपत्ति और म्यूचुअल फंड खरीदने के लिए रिश्वत के पैसे का इस्तेमाल किया. आरोप है कि बीएसएफ की 36 बटालियन के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशी तस्करी को अंजाम देने में आरोपियों की मदद की थी.
स्कैम की जांच में जुटे प्रवर्तन निदेशालय ने अनुमान लगाया है कि मवेशी तस्करी में आरोपियों ने करीब 25 करोड़ रुपये कमाए थे. इस मामले में अब तक 18.5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है. मामले में तृणमूल युथ कांग्रेस के युवा नेता विनय मिश्रा का भी नाम आ रहा है जो इस बात की पुष्टि कर देता है कि जैसे जैसे इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी ऐसे तमाम सफेदपोश होंगे जिनके चेहरे से नकाब उतरेगा और वो अनुब्रत मंडल की तरह बेनकाब होंगे.
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