आखिर इजराइल ने कैसे चुराए ईरान के 'बादल' और पहाड़ों की 'बर्फ'?
क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी ने बादल और बर्फ चुरा ली? ये सवाल सुनने में जितना अजीब है, इसका जवाब उतना ही हैरान करने वाला है. सोचने वाली बात है कि आखिर उड़ते बादलों का भी भला कोई रुख मोड़ सकता है क्या?
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आपने चोरी की तो कई घटनाओं के बारे में सुना होगा. किसी का पैसा चोरी हो जाता है, तो किसी की गाड़ी. लेकिन क्या आपने कभी ये सुना है कि किसी ने बादल और बर्फ चुरा ली? ये सवाल सुनने में जितना अजीब है, इसका जवाब उतना ही हैरान करने वाला है. सोचने वाली बात है कि आखिर उड़ते बादलों का भी भला कोई रुख मोड़ सकता है क्या? दरअसल, दो देशों के बीच इसी बात को लेकर तू-तू, मैं-मैं हो रही है. तो चलिए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला.
ईरान ने लगाया इजराइल पर आरोप
ईरान के ब्रिगेडियर जनरल घोलम रेजा जलाली ने यह आरोप लगाया है कि इजराइल उनके बादल और बर्फ चुरा रहा है. यह बात उन्होंने तेहरान में एग्रीकल्चर पर हो रहे एक कॉन्फ्रेंस में कही. उन्होंने यह भी कहा है कि ईरान के साइंटिफिक सेंटर ने यह बात कनफर्म की है कि देश में सूखे के हालात के लिए इजराइल ही जिम्मेदार है, जिसकी वजह से बारिश नहीं हो रही है. उनके अनुसार इजराइल और एक अन्य पड़ोसी देश मिलकर बादलों को ईरान आने से रोक रहे हैं. यह भी देखा गया है कि अफगानिस्तान से लेकर मेडिटेरानियन समुद्र तक 7,200 फुट से ऊपर ही ऊंचाई पर हर जगह बर्फ है, लेकिन ईरान में नहीं है.
तो फिर इसका सच क्या है?
जहां एक ओर ईरान ने इजराइल पर निशाना साधा है, वहीं दूसरी ओर देश के मौसम विभाग ने उनकी ही बात को काट दिया है. ईरान के मौसम विभाग के प्रमुख अहद वाजिफ ने कहा है ईरान ने एक लंबा सूखे का दौर झेला है जो ग्लोबल ट्रेंड का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि जलाली ने जिन दस्तावेजों के आधार पर बादल और बर्फ चोरी होने की बात कही है, उसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है, लेकिन ये मुमकिन नहीं है कि कोई देश किसी दूसरे देश का बादल और बर्फ चुरा सके. इस तरह की बातों से न सिर्फ हमें दिक्कत का हल नहीं मिलेगा, बल्कि हल ढूंढ़ने में यह एक बड़ी बाधा भी बन जाएगा.
वहीं दूसरी ओर इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहु ने कहा है कि जिस तरह की सूखे की दिक्कत ईरान झेल रहा है, वैसा ही इजराइल भी झेल चुका है. इसी को देखते हुए इजराइल के पीएम ने ईरान की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हुए पानी मुहैया कराने की बात कही है. अब अगर बात की जाए बादल और बर्फ चुराने की तो किसी भी तकनीक से मुमकिन नहीं है. बर्फ चुराने के लिए तो दूसरे देश को ईरान में घुसना पड़ेगा, जबकि ऐसा नहीं हुआ. वहीं दूसरी ओर, उड़ते बादल की दिशा बदल देने जैसी तकनीक अभी तक तो इजात नहीं हुई है. जनरल जलाली किसी बड़ी गलतफहमी का शिकार हुए लगते हैं.
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