भारत और नरेंद्र मोदी को क्यों धमका रहा है ISIS
ISIS के अनुसार मोदी हथियारों की पूजा करते हैं और अपने लोगों को भविष्य में मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार कर रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि अपने मेनिफेस्टो में ISIS ने मोदी को भारत का राष्ट्रपति बताया है.
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इराक और सीरिया के लाखों लोगों को बेघर और बर्बाद करने के बाद ISIS को अब भारत के मुस्लिमों की चिंता सताने लगी है. चिंता ऐसी कि उसने अपने हाल में जारी किए अपने एक मेनिफेस्टो में नरेंद्र मोदी तक का जिक्र किया और उन्हें 'हिंदु राष्ट्रवादी'कहा. अब जरा आगे सुनिए...ISIS के अनुसार मोदी हथियारों की पूजा करते हैं और अपने लोगों को भविष्य में मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध के लिए तैयार कर रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि अपने मेनिफेस्टो में ISIS ने मोदी को भारत का राष्ट्रपति बताया है. इस बात का जिक्र इसलिए क्योंकि यह इसका परिचय है कि ISIS में बैठे उन 'विद्वानों' को भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिवेश की कितनी समझ है.
भारत को धमकी
यह पहली बार है जब ISIS ने सीधे-सीधे भारत पर निशाना साधा है. ISIS ने कहा कि भारत में एक ऐसा राजनीतिक गुट है जो मुस्लिमों के खिलाफ जंग छेड़ सकता है. और इसलिए उसने भारत सहित सभी गैर-मुस्लिम देशों में रह रहे मुसलमानों को आगाह किया है कि वे या तो मुस्लिम देशों का रूख कर लें या फिर उस देश के बहुसंख्यकों की मर्जी सहने के लिए तैयार रहें. ISIS के मुताबिक भारत में ऐसे हिंदुओं का बोलबाला बढ़ रहा है जो भविष्य में बीफ खाने वाले मुस्लिमों की हत्या कर देंगे. जाहिर तौर पर ISIS इस बात के जरिए दादरी कांड की ओर इशारा करना चाहता है.
ये और बात है कि इराक और सीरिया में मुसलमानों के हालात क्या हैं , ये किसी से छिपा नहीं है. दरअसल, भारत ने कभी भी ISIS को लेकर बहुत आक्रामक रवैया नहीं अपनाया. ऐसी खबरें भी आती रही हैं कि भारतीय युवकों को भटकाने में ISIS को कभी कोई खास सफलता नहीं मिल सकी. भारत से कुछ युवकों के ISIS में शामिल होने की बात सामने आई. लेकिन साथ ही यह खबर भी आईं कि ISIS इसे लेकर बहुत उत्साहित नहीं है क्योंकि यह संख्या बहुत कम है. इसलिए, संभवत: उसने अब एक दूसरा रास्ता अख्तियार किया है.
ISIS की नई रणनीति
ISIS साफ कर चुका है कि पेरिस में जिस तर्ज पर अटैक हुआ, वही रणनीति दूसरे देशों में भी अपनाई जाएगी. मतलब मारो, भागो और फिर छिप जाओ. उसे लगता है कि हमलों से उस देश और शहर के कामकाज पर असर पड़ेगा और पैसे का भारी नुकसान होगा. जैसा फ्रांस और बेल्जियम में हुआ. ऐसे हमलों से पश्चिमी और अन्य गैरइस्लामिक देश मुसलमानों के खिलाफ गोलबंद होंगे. इससे इन देशों में रह रहे तमाम दूसरे मुसलमान भी हथियार उठाने के लिए मजबूर होंगे और फिर इस्लाम के लिए आखिरी जंग होगी. ISIS की ये मनोहर कहानियों वाली फिलॉस्पी नई नहीं है. वह पहले भी हूर और जन्नत मिलने जैसे ख्वाब बेचता रहा है. जिहाद, धार्मिक कट्टरवाद की बात करने वाला हर संगठन ऐसी ही बातें करता है. इसलिए ISIS की धमकी भले ही चौंकाने वाली नहीं हो लेकिन सुरक्षा अधिकारियों को सावधान करने के लिए काफी है.
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