रिकॉर्ड तोड़ती गर्मी का गुस्सा जापानी ही शांत कर सकते थे
इन दिनों जापान में भीषण गर्मी हो रही है, पिछले करीब 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पारा 42 डिग्री तक पहुंच चुका है. वहां गर्मी से निपटने के लिए सिर्फ बारिश ही एकमात्र सहारा नहीं है, बल्कि सरकार भी जनता के लिए बहुत सारे उपाय कर रही है.
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गर्मी का मौसम है. धूप और उमस ने लोगों को बेहाल किया हुआ है. अब अगर कोई कहे कि सरकार इससे निपटने के लिए कुछ नहीं कर रही, जनता को राहत नहीं दे रही... तो यकीनन लोग उसे मोदी विरोधी और पागल ही कहेंगे. लेकिन अगर एक नजर जापान की सरकार पर डाल ली तो समझ आएगा कि गर्मी से लोगों को निजात दिलाने के लिए भी सरकार बहुत कुछ कर सकती है. इन दिनों जापान में भीषण गर्मी हो रही है. पारा 42 डिग्री तक पहुंच चुका है. हो सकता है कि भारत में लोगों को 42 डिग्री बहुत अधिक ना लगे, क्योंकि यहां तो विदर्भ जैसे इलाकों में पारा 47 डिग्री तक चढ़ जाता है. जापान में गर्मी से निपटने के लिए सिर्फ बारिश ही एकमात्र सहारा नहीं है, बल्कि सरकार भी जनता के लिए बहुत सारे उपाय कर रही है.
जापान में पारा 42 फीसदी के करीब जा पहुंचा है, जिससे लोग बेहाल हो गए हैं.
सरकार कर रही ऐसे उपाय
भीषण गर्मी की वजह से जापान में करीब 77 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले की गंभीरता को समझते हुए सरकार जनता को राहत देने की कई कोशिशें कर रही है. इसके तहत चौराहों पर जगह-जगह बर्फ की सिल्लियां तक रखी जा रही हैं. लोगों को ठंडक मुहैया कराने के लिए जगह-जगह ऐसे शेड बने हैं, जिनसे ठंडी हवा निकल रही है जो लोगों को गर्मी से राहत दिलाने का काम कर रही है. सड़क के किनारे लगे पेड़ों की फेंसिंग में भी ऐसी व्यवस्था की गई है कि उनसे लगातार ठंडी हवा निकले और लोगों को ठंडक का एहसास हो सके. यहां तक कि कंस्ट्रक्शन साइट पर भी पंखे आदि की व्यवस्था की जा रही है.
कंस्ट्रक्शन साइट पर गर्मी से निजात दिलाने के लिए पंखों की व्यवस्था की गई है.
तकनीकी कंपनियों ने भी कसी कमर
जब कभी गर्मी लगती है तो हमारे मन में अक्सर ये ख्याल आता है कि काश कुछ ऐसा होता कि अंदर से ही हवा लगती रहती. आपकी इस ख्वाहिश को पूरा करने का जिम्मा जापान की कई कंपनियां उठा रही हैं, जो लोगों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए हवादार जैकेट भी दे रही हैं, जिसमें छोटे पंखे लगे हुए हैं. इतना ही नहीं, हाथ में लेकर घूमने वाले छोटे पंखे भी कंपनी बना रही है. साथ ही कुछ बड़ी मशीनें भी बनाई गई हैं, जो ठंडी हवा फेंकें और लोगों को गर्मी से राहत दिलाने में मददगार साबित हों.
भारत में तो बिजली भी नहीं रहती 24 घंटे
जहां एक ओर जापान में सरकार जनता के लिए इतना कुछ कर रही है, वहीं दूसरी ओर भारत में तो 24 घंटे बिजली भी नहीं रहती है. ऐसे में भारत सरकार से जनता क्या उम्मीद कर सकती है. यहां तो अगर 24 घंटे बिजली ही मिल जाए तो गनीमत है, गर्मी से राहत देने के उपाय तो बहुत दूर की बात है. जापान की सरकार अपनी जनता के लिए कितना सोचती है और उनके लिए क्या-क्या करती है इसका एक नमूना तो इस गर्मी में देखने को मिल ही चुका है और भी ऐसे कई उदाहरण हैं.
सिर्फ एक लड़की के लिए ट्रेन
ये घटना है जापान के नॉर्थ आइलैंड होकाइदो के एक छोटे से गांव कामी शिराताकी की. इस गांव की आबादी बेहद कम है, जिसके चलते यहां से ट्रेन में बहुत ही कम लोग चढ़ते हैं. इसकी वजह से रेलवे को नुकसान हो रहा था. 2013 के करीब सरकार ने यह फैसला किया कि अब इस गांव में ट्रेन नहीं रोकी जाएगी, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि इस गांव से एक बच्ची ट्रेन पकड़कर पढ़ने जाती है तो उन्होंने ट्रेन नहीं रोकने का फैसला टाल दिया. सरकार ने तय किया था कि जब तक बच्ची हाईस्कूल की परीक्षा पास नहीं कर लेती, तब तक सिर्फ उस एक लड़की की वजह से इस स्टेशन पर ट्रेन रुकती रहेगी. ट्रेन सिर्फ एक ही चक्कर लगाती थी, सुबह बच्ची को स्कूल ले जाने के समय पर और शाम को बच्ची को स्कूल से वापस लाने के समय.
जापान के टोक्यो में दो साल बाद 2020 में ओलंपिक गेम्स होने हैं. इसे लेकर भी आयोजकों में चिंता हो रही है कि आखिर उस समय गर्मी से निपटने के लिए क्या किया जाएगा. इसे लेकर अभी से ठंडी हवा फेंकने वाले पंखों जैसे उपकरणों पर विचार किया जाना शुरू हो गया है. ओलंपिक इंस्पेक्शन टीम के प्रमुख जॉन कोट्स इन ने कहा है कि यह बात सही है कि गर्मी से निपटने की तैयारियां करनी होंगी, लेकिन जापान अकेला ऐसा देश नहीं है जहां ओलंपिक में गर्मी होगी. जुलाई-अगस्त में आयोजन होने की वजह से ऐसा होना लाजमी है. जापान की सरकार पारा 42 डिग्री पहुंचने पर ही जितना सोच रही है, उतना तो भारत की सरकार 47 डिग्री पहुंचने पर भी नहीं सोचती है.
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