बधाई हो कर्नाटक! आपको 78 लोगों के प्रति जवाबदेह CM मिला है
कर्नाटक के मुख्यमंत्री का ताजा बयान सुनकर ये कहना गलत नहीं है कि राज्य की जनता के साथ बड़ा धोखा घुआ है और भविष्य में भी उन्हें अपने सीएम के कारण निराश ही होना पड़ेगा.
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कर्नाटक में चुनाव हुए ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. चुनाव बाद राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर पशोपेश की स्थिति बनी हुई थी. तमाम तरह के सियासी ड्रामे के बाद, जेडीएस सुप्रीमो एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ ली. कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद कर्नाटक का नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. कह सकते हैं कि भले ही राज्य को कुमारस्वामी के रूप में अपना नया मुख्यमंत्री मिल गया हो मगर राज्य के लिए अच्छे दिन आना अब भी एक टेढ़ी खीर है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक बड़ा ही बेतुका बयान दिया है.
मीडिया से हुई बातचीत में सीएम कुमारस्वामी खासा नाराज दिखे और उन्होंने स्वीकारा है कि चुनाव के दौरान जेडीएस ने लोगों से पूर्ण जनादेश मांगा था, जो उसे नहीं मिला. इस वजह से आज जेडीएस कांग्रेस पर निर्भर है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ये भी माना है कि वो आज जो कुछ भी हैं उसकी वजह कांग्रेस है और राज्य के साढ़े छह करोड़ लोगों का उनपर कोई दबाव नहीं है.
कह सकते हैं कि कुमारस्वामी के इस बयान के बाद कर्नाटक के लोग अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं
पीएम मोदी और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले कुमारस्वामी ने एक बार फिर बड़ी ही प्रमुखता से इस बात को दोहराया कि किसान और कृषि ऋण माफी उनकी पहली प्राथमिकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी के बल पर उन्होंने चुनाव लड़ा था और अपने भाषणों में उन्होंने कृषि ऋण माफी का अपने लोगों से वादा भी किया था.
I am at mercy of Congress. I am responsible for development of state,that is different. I have to do my job as CM, I have to take permission from Congress leaders, without their permission I can't do anything, they have given me support: Karnataka CM on his earlier statement pic.twitter.com/gFWjDF3Sm0
— ANI (@ANI) May 28, 2018
कुमारस्वामी का मत है कि यदि वो अपनी बात पूरी करने में विफल होते हैं तो इस्तीफा दे देंगे. मगर इन सब से पहले उन्हें समय दिया जाए अभी उनकी सरकार को सिर्फ एक हफ्ता हुआ है और अभी उनके मंत्री मंडल की भी घोषणा नहीं हुई है. इसके अलावा कुमारस्वामी ने आत्महत्या कर रहे किसानों को भी संयम बरतने को कहा और उनसे अनुरोध किया कि चीजें सही करने के लिए वो सरकार को थोड़ा वक़्त दे.
कहाँ न कहीं कुमारस्वामी भी जानते हैं कि वो ज्यादा दिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे
हालांकि बाद में कुमारस्वामी ने अपने बयान पर सफाई दे दी. कुमारस्वामी ने कहा कि चूंकि उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, जिसका मतलब है कि मतदाताओं ने उन्हें और उनकी पार्टी को खारिज कर दिया है. ऐसे में वो कहां से राज्य के 6.5 करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री हो गए. इसके अलावा कुमारस्वामी ने राज्य के किसान नेताओं पर भी निशाना साधा. कुमारस्वामी ने कहा मैंने उन किसान नेताओं के बयानों को भी सुना और यह भी कि उन्होंने मुझे कितना समर्थन दिया.
भले ही कृषि ऋण माफी को लेकर कुमारस्वामी ने अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया हो मगर जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है वो कई मायनों में निंदनीय है. कहा जा सकता है कि कुमारस्वामी का ये बयान जहां एक तरफ लोकतंत्र और संविधान के मुंह पर करारा तमाचा है तो वहीं दूसरी तरफ ये राज्य की उस 6.5 का भी अपमान है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुमारस्वामी को अपना मुख्यमंत्री देखती है.
अंत में हमारे लिए ये कहना कहीं से भी गलत न होगा कि जो कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का रुख है उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि कर्नाटक की जनता ने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं बल्कि कुल्हाड़ी पर पैर मारा है और कुछ जख्म उसे मिल चुके हैं कुछ मिलने बाक़ी हैं.
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