बिहार में ये जंगल राज की शुरुआत नहीं तो क्या है?
बिहार में बनी जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) की नई महागठबंधन सरकार में सबसे ज्यादा दागी मंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी से ही आते हैं. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के खिलाफ 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. तो, कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण का मामला दर्ज है.
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बिहार में महागठबंधन की नई सरकार बनने के बाद जेडीयू और आरजेडी के बीच मंत्रालय का बंटवारा हो गया है. जिसके बाद से बिहार में सियासी बवंडर खड़ा हो गया है. दरअसल, जेडीयू नेता नीतीश कुमार के पास बिहार के मुख्यमंत्री का पद है. तो, जाहिर सी बात है कि नीतीश कुमार को समर्थन देने वाली आरजेडी को सबसे ज्यादा मंत्री पद मिलने ही थे. लेकिन, अंतरात्मा जागने की बात करने वाले नीतीश कुमार की इसी बिहार कैबिनेट में शामिल होने वाले 33 विधायकों में से 72 फीसदी दागी हैं. वहीं, जब इस मामले पर नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया, तो उनका कहना था कि 'उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. पता करके बताऊंगा.' जबकि, शायद ही कोई मंत्री बिना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा के शपथ ले सका होगा.
खैर, भाजपा ने इसे बिहार में जंगल राज की शुरुआत बताया है. भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 'यह बिहार में लालू राज की शुरुआत है. ट्रेलर दिखना शुरू हो गया है.' वैसे, जिस आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव खुद चारा घोटाले में सजायाफ्ता हों. उस आरजेडी के कोटे से बने मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले न दर्ज हों. तो, क्या ही पता चलेगा कि बिहार में जेडीयू के साथ आरजेडी का शासनकाल शुरू हो गया है. आरजेडी के दागी नेताओं को देखते हुए सवाल उठना लाजिमी है कि बिहार में ये जंगल राज की शुरुआत नहीं तो क्या है?
RJD सुप्रीमो लालू यादव चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं. और, बिहार के डिप्टी सीएम व आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर 11 आपराधिक मुकाबले दर्ज हैं.
जेडीयू-आरजेडी मंत्रिमंडल में कितने दागी?
बिहार में बनी जेडीयू-आरजेडी की महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव समेत 33 विधायकों के पास मंत्रिपद है. और, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार कैबिनेट में शामिल 33 में से 23 यानी 72 फीसदी मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कितनों पर दर्ज हैं गंभीर आपराधिक मामले?
इन 72 फीसदी दागी मंत्रियों में से 17 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. गंभीर आपराधिक मामलों में आरजेडी के मंत्री सबसे आगे हैं. आरजेडी के 11 मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, जेडीयू के 2, कांग्रेस के 1, हम के 1 और निर्दलीय विधायक पर भी गंभीर आपराधिक मामला दर्ज है. गंभीर आपराधिक मामलों में मर्डर, मारपीट, रेप, किडनैपिंग के केस आते हैं.
कौन हैं आरजेडी के दागी?
- बिहार की नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें से एक आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या से जुड़ा भी एक मामला है. बिहार कैबिनेट के सभी मंत्रियों में से सबसे ज्यादा आपराधिक मामले तेजस्वी यादव पर ही दर्ज हैं. इतना ही नहीं, तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव पर भी 5 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
- नीतीश सरकार में कानून मंत्री बनाए गए आरजेडी नेता और एमएलसी कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी हुआ था. हालांकि, इस मामले में कार्तिकेय सिंह को अंतरिम जमानत मिल गई थी. कार्तिकेय सिंह को बाहुबली नेता अनंत सिंह का करीबी माना जाता है. कार्तिकेय को मास्टर साहब भी कहा जाता है. क्योंकि, राजनीति में आने से पहले वह छात्रों को पढ़ाते थे.
- बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री बनाए गए सुरेंद्र यादव पर आईपीसी धारा 307 यानी हत्या की कोशिश का मामला दर्ज है. इसी तरह मंत्री बनाए गए ललित यादव, रामानंद यादव जैसे मंत्रियों पर भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं. बिहार के नए कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप है. शिक्षा मंत्री बनाए गए आरजेडी विधायक चंद्रशेखर को दिल्ली एयरपोर्ट पर कारतूसों के साथ पकड़ा गया था.
- जेडीयू यानी नीतीश कुमार की पार्टी के कोटे से मंत्री बनने वाले विधायकों पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं. मंत्री जमा खान पर हत्या की कोशिश, हिंसा को भड़काने और आर्म्स एक्ट जैसे मामले दर्ज हैं. मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में साजिश रचने का आरोप है. वहीं, मंत्री बने मदन सहनी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं.
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