भारत-विरोधी मुद्दे पर लड़ा जा रहा है कश्मीर में चुनाव
जिस तरह भारत की राजनीति में पाकिस्तान के खिलाफ बोलना किसी भी पार्टी की देशभक्ति को दिखाता है, उसी तरह जम्मू-कश्मीर की सियासत में भारत को दुश्मन मुल्क बताया जाता है. महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला तो जहर उगलते हैं.
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लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था और अब भाजपा ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. तमाम वादों के बीच इसमें जम्मू-कश्मीर को लेकर भी एक अहम वादा किया गया है, जिसकी कोशिश तो सालों से हो रही है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही. ये वादा है जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का. जैसे ही भाजपा ने धारा 370 को हटाने की कोशिश करने का वादा किया, वैसे ही कश्मीर के नेताओं ने अपना विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया.
भले ही पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती हों या नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला हों, दोनों ही भाजपा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. महबूबा के ट्वीट से तो साफ हो रहा है कि वह कश्मीर को भारत का हिस्सा मानती ही नहीं हैं, वहीं फारूक अब्दुल्ला का वीडियो भी भारत और मोदी सरकार के खिलाफ उनकी नफरत बयां कर रहा है. जिस तरह भारत की राजनीति में पाकिस्तान के खिलाफ बोलना किसी भी पार्टी की देशभक्ति को दिखाता है, उसी तरह जम्मू-कश्मीर की सियासत में भारत को दुश्मन मुल्क बताया जाता है.
महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला आए दिन भारत और मोदी सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं.
महबूबा मुफ्ती ने तो जहर ही उगल दिया !
महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट किया है. बल्कि यूं कहें कि एक तीर से दो निशाने साधे हैं. पहला निशाना है भाजपा के घोषणा पत्र का धारा 370 हटाने की कोशिश का वादा. वहीं दूसरा निशाना है दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई वो जनहित याचिका, जिसमें महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला पर लोकसभा चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. महबूबा मुफ्ती ने इस याचिका के ट्वीट पर जवाब देते हुए कहा है- 'कोर्ट में समय बर्बाद क्यों करना. भाजपा द्वारा धारा 370 को हटाने का इंतजार करिए. इसके जरिए हम अपने आप ही चुनाव से बाहर हो जाएंगे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान लागू नहीं होगा. ना समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिंदुस्तान वालों. तुम्हारी दास्तां तक भी ना होगी दास्तां में.'
Why waste time in court. Wait for BJP to scrap Article 370. It will automatically debar us from fighting elections since Indian constitution won’t be applicable to J&K anymore. Na samjho gay tou mit jaouge aye Hindustan walo. Tumhari dastaan tak bhi na hogi dastaano main. https://t.co/3mvp2lndv2
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 8, 2019
फारूक अब्दुल्ला की नफरत भी देख लीजिए
जम्मू-कश्मीर भले ही भारत का हिस्सा है, लेकिन वहां के नेता भारत को अपना नहीं मानते. वहां के लोगों के गुमराह करने से भी नहीं चूकते. भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की कोशिश का वादा क्या किया, फारूक अब्दुल्ला का नफरती वीडियो इंटरनेट पर वायरल होने लगा. वीडियो में उन्होंने कहा है- 'ये क्या उसके मिटाना चाहते हैं, समझते हैं कि... बाहर से लाएंगे, बसाएंगे, हमारा नंबर कम कर देंगे. हम क्या सोते रहेंगे? हम इसका मुकाबला करेंगे, इंशाअल्लाह. हम इसके खिलाफ खड़े हो जाएंगे. 370 को कहते हो कि खत्म करो. अरे करोगे तो अल्लाह किधर रहेगा. अल्लाह की कसम कहता हूं मेरे ख्याल से अल्लाह को यही मंजूर होगा कि हम इनसे आजाद हो जाएं. करें... हम भी देखते हैं, हम भी देखते हैं. मैं भी देखता हूं कि फिर कौन इनका झंडा खड़ा करने के लिए तैयार होगा. मैं भी देखता हूं, आप भी देखना. इसलिए वो चीजें मत करो, जिससे तुम हमारे दिलों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हो.'
#WATCH F Abdullah: Bahar se laenge, basaenge,hum sote rahenge?Hum iska muqabala karenge,370 ko kaise khatam karoge?Allah ki kasam kehta hun,Allah ko yahi manzoor hoga,hum inse azad ho jayen.Karen hum bhi dekhte hain.Dekhta hun phir kon inka jhanda khada karne ke liye taiyar hoga. pic.twitter.com/hrxoh9ECOY
— ANI (@ANI) April 8, 2019
जैसा भारत के लिए पाकिस्तान, वैसे कश्मीरी नेताओं के लिए हिंदुस्तान
पूरे साल भले ही पाकिस्तान के खिलाफ भारत के नेता बोलें या ना बोलें, लेकिन चुनाव के दौरान जरूर बोलते हैं. मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही लगातार पाकिस्तान के खिलाफ आवाज बुलंद रखी और कई मौकों पर उसे मुंह तोड़ जवाब भी दिया. इन सबसे जहां एक ओर भाजपा की देशभक्ति दिखाई देती है, वहीं दूसरी ओर जनता के दिलों में उनकी देशभक्त छवि और मजूबत होती है. जिस तरह भारत में पाकिस्तान के खिलाफ बोलकर जनता का वोट खींचा जाता है, ठीक उसी तरह जम्मू-कश्मीर में भी होता है, लेकिन पाकिस्तान नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के खिलाफ. वैसे तो जम्मू-कश्मीर भारत का ही हिस्सा है, लेकिन वहां के नेता ये नहीं मानते. उन्हें तो यूं लगता है कि भारत ने कश्मीर को गुलाम बनाया हुआ है, इसलिए वह भारत से आजादी चाहते हैं. वहां के नेता भारत के खिलाफ जितना अधिक बोलते हैं, लोगों के वोट उन्हें उतने ही अधिक मिलते हैं.
मोदी के खिलाफ एक हुए महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला!
अगले ही साल जम्मू-कश्मीर में 12वीं विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति की दोनों अहम विपक्षी पार्टियां खिलाफ नहीं, बल्कि साथ खड़ी दिख रही हैं. महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला एक दूसरे पर कोई आक्षेप नहीं लगा रहे, कोई न तो एक दूसरे को नीचा दिखा रहा है, ना खुद को दूसरे से अच्छा बता रहा है. हां, दोनों मिलकर भारत और मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं.
इन दिनों जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा हुआ है और इसी के चलते इस बात पर भी चर्चा हो रही थी कि इस बार 6 साल का चुनावी टर्म पूरा होने से पहले ही 2019 लोकसभा चुनावों के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव भी करा दिए जाएं. खैर, ऐसा नहीं हो सका. अगर हो जाता तो भी दोनों पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ बोलतीं या नहीं बोलतीं, लेकिन भारत को अपना दुश्मन बताना बेशक नहीं चूकतीं. खैर, अगर भाजपा इस बार के लोकसभा चुनाव जीत जाती है तो भी धारा 370 को हटाना उसके लिए आसान नहीं होगा. वैसे भी, चुनावी फायदा लेने के लिए 2016 में पीडीपी के साथ गठबंधन करते हुए खुद भाजपा ने ही यूटर्न लिया था, जो धारा 370 हटाने की कोशिश को वादे को एक सियासी दाव बना देता है.
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