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Updated: 08 सितम्बर, 2016 05:25 PM
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आप के लीडर अरविंद केजरीवाल दिन भर मुसीबतों से घिरे रहे. सुबह सुबह महिलाओं ने उनका जो 'जतरा' खराब किया - उसके बाद तो वो सड़क और सोशल मीडिया से लेकर टीवी तक, हर तरफ निशाने पर ही रहे.

मुसीबत नंबर 1

घर से निकलें उससे पहले से ही मुसीबतें केजरीवाल का इंतजार करती रहीं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे तो केजरीवाल को बीजेपी की महिला कार्यकर्ताओं ने घेर लिया - और जब लुधियाना पहुंचे तो अकाली दल और कांग्रेस के कार्यकर्ता 'केजरीवाल गो बैक' के नारे लगाने लगे. उन्हें काले झंडे भी दिखाये गये. लेकिन केजरीवाल इन सब से बेपरवाह रहे, बोला भी, "अब रोज दो-चार फर्जी सीडी बाहर आएंगी. हम पर कीचड़ उछाली जाएगी. लेकिन पंजाब की जनता इस पर यकीन नहीं करेगी. जब तक हम सुखबीर बादल और उनके साथियों को जेल न भेज दें, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे."

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वैसे सफर के दौरान भी केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर अपने परंपरागत हमले जारी रखे.

इस बीच, आम आदमी पार्टी की ओर से फेसबुक पोस्ट में कहा गया, "पंजाब चुनाव नज़दीक आते आते आम आदमी पार्टी के खिलाफ स्टिंग, सीडी, चरित्रहनन, झूठे भ्रष्टाचार के आरोप और मनगढ़ंत मामलों में गिरफ्तारियों की बाढ़ आ गयी है."

और केजरीवाल ने भी पंजाब में एलान कर दिया कि जब तक मिशन पूरा नहीं हो जाता - "यहीं खूंटा गाड़ के बैठूंगा."

मुसीबत नंबर 2

काले झंडे और विरोध प्रदर्शनों से केजरीवाल थोड़े उबरे भर होंगे कि तभी दिल्ली हाई कोर्ट ने जोर का झटका दे दिया. हाई कोर्ट ने केजरीवाल के 'स्पेशल 21' को पूरी तरह खारिज कर दिया.

कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 239AA के तहत बगैर उपराज्यपाल की मंजूरी के संसदीय सचिवों की नियुक्ति असंवैधानिक है. इसके साथ ही केजरीवाल सरकार के मार्च 2015 वो नोटिफिकेशन भी रद्द हो गया जिसके तहत 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति हुई थी.

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पंजाब को दिल्ली बना देंगे...

इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने इन नियुक्तिों पर अब तक हुए सरकारी खर्च की रिकवरी के फैसले का अधिकार भी उपराज्यपाल के विवेक पर छोड़ दिया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इससे संबंधित बिल पहले ही लौटा दिया था, जिस पर टीम केजरीवाल ने ये कह कर हमला बोला था कि मोदी सरकार न खुद काम करती है न उन्हें काम करने दे रही है.

इस मामले में केजरीवाल सरकार को अभी चुनाव आयोग को भी जवाब देना है. आयोग ने दिल्ली सरकार से पूछा है -

1. क्या संसदीय सचिवों को गाड़ी या ड्राइवर दिया जा रहा है?

2. क्या ट्रांसपोर्टेशन के लिए कोई रोजाना भत्ता दिया गया?

3. क्या यात्रा खर्चे के लिए भत्ता या रिम्‍बर्समेंट दिए जा रहे हैं?

4. कैंप ऑफिस और टेलीफोन सुविधा की जानकारी दीजिए?

मुसीबत नंबर 3

नवजोत सिंह सिद्धू ने तो पहले से ही संकेत दे रखा था कि आप से अपने रिश्ते की रिपोर्ट वो प्रेस कांफ्रेंस करके देंगे.

ऐसे में जबकि खुद केजरीवाल भी पंजाब में ही थे, सिद्धू ने प्रेस कांफ्रेंस में उन पर तीखा हमला बोला. सिद्धू ने केजरीवाल के लिए नाम बड़े दर्शन छोटे मुहावरे का इस्तेमाल किया. सिद्धू ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को जी-हुजूरी करने वाले लोग ही पसंद हैं क्योंकि वो चाहते हैं कि हर कोई उनकी हां में हां मिलाता रहे.

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हालांकि, केजरीवाल ने इससे पहले सिद्धू को लेकर ट्विटर पर कहा था कि उनसे मुलाकात हुई है और उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है. केजरीवाल ने सिद्धू को क्रिकेट लीजंड बताते हुए कहा था कि वो पार्टी ज्वाइन करें न करें उनका सम्मान करते रहेंगे.

मुसीबत नंबर 4

केजरीवाल के पुराने साथी और अब स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने एक ट्वीट में कहा था कि आप के जिन तीन नेताओं को लेकर विवाद हुआ उन्हें कभी केजरीवाल ने 'हीरा' बताया गया था.

इसके बाद तो ट्वीटर पर 'केजरी के हीरे' ट्रेंड करने लगा. कई लोगों ने तो यहां तक कहा कि जो पार्टी करप्शन खत्म करने आई थी उसके नेता मोलेस्टेशन में लग गये.

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन सारी मुसीबतों का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ दिया है, पार्टी के फेसबुक पेज पर लिखा गया है- "भाजपा ने जिस तरह युद्ध स्तर पर पूरी प्रशासनिक, कानूनी और आर्थिक ताकत आम आदमी पार्टी को पंजाब में उखाड़ने में लगा दी है, इसमें कोई दोराय नहीं कि, जनता दिल्ली चुनाव का ऐतिहासिक परिणाम फिर एक बार फिर दोहराने वाली है."

क्या ऐसा होगा? या और बड़ी मुसीबतें केजरीवाल का इंतजार कर रही हैं?

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