दिल्ली में AAP की केजरीवाल सरकार इतनी भी निकम्मी तो नहीं लगती!
14 फरवरी 2015 को अरविंद केजरीवाल के कुर्सी संभालने के बाद से तीन साल में तीन बातें नजर आती हैं - एक, केजरीवाल खेमे से लोकपाल शब्द गायब हो जाना, मोदी पर हमले से परहेज और तीन, बिजली पानी के वादे पूरे करने के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अहम सुधार.
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चलिए एकबारगी मान लेते हैं कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार अपने वादों पर पूरी तरह खरी नहीं उतरी है. मान लेते हैं कि तीन साल बीत चुके हैं अब तक वो दिल्ली के उप राज्यपाल और केंद्र की मोदी सरकार से उलझी रही, लेकिन क्या काम के नाम पर इस दौरान उसने कुछ भी नहीं किया? ये भी लेते हैं कि तीन साल में आप के कई विधायकों पर संगीन आरोप लगे, वे जेल भेजे गये और संसदीय सचिव बनाये गये 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होने के बाद मामला दिल्ली हाई कोर्ट में है, लेकिन क्या इन सबके आगे केजरीवाल सरकार की जो भी उपलब्धियां उन्हें इसी बिनाह पर खारिज किया जा सकता है?
कामयाबी और साजिशें...
शाहरुख खान की फिल्म 'ओम् शांति ओम्' का एक डायलॉग है - 'किसी चीज़ को अगर दिल से चाहो तो सारी कायनात तुम्हें उससे मिलाने की कोशिश में जुट जाती है.' ये बात मूल रूप से पुर्तगाली लेख पाओलो कोएलो की किताब अल्केमिस्ट का है जिससे प्रेरित डायलॉग फिल्म में शामिल किया गया है. अब दिल्ली के मुख्यमंत्री को चाहे शाहरुख या कोएलो जिसने में भी प्रेरित किया हो, केजरीवाल ने भी एक संदेश तैयार किया है - 'जब आप सचाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं.'
कैसा रहेगा अगला दो साल?
ये लाइन केजरीवाल के एक वीडियो संदेश का हिस्सा है जो सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रमोशन कैंपेन के लिए तैयार किया गया है. अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति दर्ज कर दी और ये अप्रूव नहीं हो सका.
वैसे पूरा वीडियो मैसेज है - "पिछले तीन सालों में दिल्ली में भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है... अब एक-एक पैसा जनता के विकास पर खर्च हो रहा है... बाधाएं बहुत आईं, पर आपके हक के लिए हम हर कठिनाई से लड़े... ईश्वर ने हर कदम पर साथ दिया... जब आप सचाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं तो ब्रह्मांड की सारी दृश्य और अदृश्य शक्तियां आपकी मदद करती हैं."
3 साल में ये 5 वादे इतने कम भी नहीं
1. 400 यूनिट तक बिजली आधे दाम पर देने का वादा तो केजरीवाल सरकार ने आते ही पूरा कर दिया था. सीएडी ऑडिट का मामला फिलहाल कोर्ट में है.
2. बिजली की ही तरह हर महीने प्रत्येक घर के लिए 20 हजार लीटर मुफ्त पानी का वादा भी सरकार ने निभाया और उस पर अब भी कायम है.
3. दिल्ली में 164 मोहल्ला क्लिनिक चालू हैं और 786 अभी बनने की राह पर हैं. ठीक है वादा 1000 मोहल्ला क्लिनिक था लेकिन अब तक जो हुआ वो बहुत बुरा तो नहीं ही कहा जाएगा. अस्पतालों में नये बेड जोड़े गये हैं, नये अस्पतालों का निर्माण चल रहा है और प्रयोग के तौर पर अस्पतालों में डॉक्टरों की जगह मैनेजर नियुक्त किये जा रहे हैं.
4. निजी स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने वाला बिल केजरीवाल सरकार विधानसभा में तो लाई लेकिन केंद्र की मंजूरी नहीं मिली. फिर भी डीडीए की जमीन पर बने स्कूलों के मामले केजरीवाल सरकार की ही बात मानी गयी. हाई कोर्ट के आदेश पर वसूली गई फीस वापस करनी पड़ी. उच्च शिक्षा गारंटी स्कूल के तहत 10 लाख एजुकेशन लोन देने का प्रस्ताव था - ये स्कीम चालू है. इसमें लोन की गारंटी सरकार ही लेती है.
5. लास्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को जोड़ने का वादा था - काम शुरू हो चुका है. डीटीसी और क्लस्टर बसों में मेट्रो कार्ड के इस्तेमाल का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है.
कितना बदल गये केजरीवाल
बाकी बातें अपनी जगह लेकिन इन तीन साल में केजरीवाल काफी बदल गये हैं. वो भ्रष्टाचार का नाम तो कभी कभार लेते हैं, लेकिन जन लोकपाल या लोकपाल विरले ही उनके मुहं से सुनाई देता है. केजरीवाल ने नयी तरह की राजनीति के वादे किये थे लेकिन अब उन पर भी वही सारे इल्जाम लगने लगे हैं जो बाकी पार्टियों के नेताओं पर लगते हैं. राज्य सभा चुनाव में तो उन पर पैसे वालों को संसद में भेजने का आरोप लगा. आप के बागी कपिल मिश्रा तो उन पर रिश्वत में भारी रकम लेने तक के आरोप लगा चुके हैं, लेकिन उसे उन्हें पर्दे के पीछे से सपोर्ट करने वाले कुमार विश्वास ने ही नकार दिया. यहां तक कि आप से निकाल दिये गये योगेंद्र यादव ने भी कह दिया कि केजरीवाल को लेकर ऐसी बातों पर उनके लिए यकीन करना मुश्किल है.
तीन साल केजरीवाल!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले अक्सर ही केजरीवाल के निशाने पर होते थे. जब मुख्यमंत्री कार्यालय में छानबीन करने सीबीआई पहुंची हुई थी तो ट्विटर में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए 'कायर' और 'मनोरोगी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केजरीवाल ने वीडियो मैसेज जारी कर सबूत भी मांग डाले. अब केजरीवाल को वैसे ही तमाम मसलों पर खामोश देखा जाता है. बीच में तो केजरीवाल की चुप्पी पर सवाल भी उठने लगे थे. केजरीवाल में ये बदलाव खासतौर पर एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार के बाद महसूस किया गया. ये वही पार्टी रही जिसे 2015 के विधानसभा चुनावों में 70 में से 67 सीटें हासिल हुई थीं.
ताज्जुब तो इस बात पर है कि साल भर होने को हैं और केजरीवाल के ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी को टैग नहीं किया गया. ऐसा आखिरी बार केजरीवाल ने 9 मार्च, 2017 को किया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में 124 बार और 2017 में 33 बार केजरीवाल ने अपने ट्वीट में मोदी का जिक्र किया था.
...और दो साल केजरीवाल
केजरीवाल सरकार को लेकर दैनिक भास्कर ने एक ऑनलाइन सर्वे कराया है. सर्वे में ये जानने की कोशिश रही कि आप सरकार दिल्ली के लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर पायी या नहीं? सर्वे में 50.9% लोगों ने वादों पर खरे उतरने के मामले में निराशा जताई है. ये सर्वे 8 से 13 फरवरी के बीच हुआ है जिसमें दिल्ली के करीब एक हजार लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वे की खास बात है 34.8 फीसदी युवाओं की हिस्सेदारी.हाल ही में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ओर से कराये गये 'इंडिया कांफ्रेंस - 2018' में दावा किया कि दिल्ली के 95 फीसदी लोगों को अंतर्राष्ट्री स्तर की सुविधाएं सरकार मुहैया करा रही है. आप सरकार के तीन साल पूरे होने पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का ट्वीट है -
विज्ञापान की सरकार है @ArvindKejriwal की .... भ्रम पैदा करने की मास्टरी है @AamAadmiParty की !!#3SaalDelhiBehaal https://t.co/s6ylpssz3R
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) February 12, 2018
सरकार की तीसरी सालगिरह का जश्न मना रहे मुख्यमंत्री केजरीवाल का दावा है कि दिल्ली में जो काम 70 में नहीं हुए, उनकी सरकार ने तीन साल में कर दिखाये. केजरीवाल ने कहा, "70 सालों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में 10 हजार बेड थे. इस साल के अंत तक तीन हजार बेड और अगले साल तक 2,500 बेड तैयार हो जाएंगे. कुल बेड क्षमता में 30 प्रतिशत इजाफा हुआ है. हम चार साल में पिछले 70 साल के मुकाबले 50 फीसदी बेड बढ़ा देंगे."
अब तक इस तरह के बयान अक्सर प्रधानमंत्री मोदी या उनके साथी बीजेपी नेताओं की ओर से आते रहे हैं. जाहिर है केजरीवाल के निशाने पर भी पहले का कांग्रेस शासन है, लिहाजा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का ट्वीट भी मौजूं हो जाता है.
After three years of AAP Govt.
1) No CCTVS or Marshals in DTC /cluster buses
2)No women in AAP cabinet
3)DUSIB completed only 29% i.e. 384 toilets, targeted 1314
4)Cong flagship scheme GRC(Gender Resource Centres) for women empowerment &181 made nonfunctional pic.twitter.com/jp0CGRgB3Q
— Ajay Maken (@ajaymaken) February 13, 2018
लगे हाथ केजरीवाल एक गाना भी लॉन्च कर रहे हैं जिसका थीम वही है जो 2015 चुनाव में आम आदमी पार्टी का स्लोगन रहा का स्लोगन रहा '5 साल केजरीवाल'. गाने के बोल लिखे हैं आप नेता दिलीप पांडेय ने जबकि सिंगर और और संगीत दिया है विशाल डडलानी ने - वैसे इसमें बचे दो साल का विशेष तौर पर जिक्र है.
"पूरी बहुमत देकर देखी, आम आदमी की ताकत देखी
काफी कुछ बदला - और बदलेंगे दिल्ली का हाल
अभी हुआ तीन साल केजरीवाल, अब होगा शानदार 5 साल केजरीवाल
मांगे दिल्ली दिल से... मोहल्ला क्लिनिक फिर से
पानी बिल मुफ्त, बिजली आधा
दिल्ली से निभाया केजरीवाल ने वादा."
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