जानिए, कौन बनेगा यूपी में बीजेपी का मुख्यमंत्री और क्यों...
बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर इन्ही नेताओं में से कोई एक बैठने वाला है.
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चुनावी नतीजों मे बीजेपी की बल्ले बल्ले के बाद अब बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं. अब तक के नतीजों में आई सीटों की बरसात के बाद बीजेपी के भीतर संभावित चेहरों पर दांव लगने शुरू हो गए हैं.
ये हैं वो नाम जिनमें से कोई एक लखनऊ के पंचम तल पर बैठेगा.
केशव मौर्य
- प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और फूलपुर से सांसद हैं, पिछड़ी जाति मौर्य से आते हैं जिसकी तादात गैर यादव जातियों में सबसे अधिक है, संघ के सबसे करीब के नेताओं में हैं, विश्व हिन्दू परिषद् के तेज तर्रार नेताओं मे शुमार रहे हैं.
- ये अच्छा बोलते हैं, 206 विधानसभा में कैम्पेन किया है.
- उत्तर प्रदेश मे सबसे ज्यादा सभाएं 155 सभाएं केशव मौर्य ने की हैं.
- अमित शाह और मोदी की खोज हैं और इन दोनों नेताओं से करीब माने जाते हैं.
- इनके उपर कई मुकदमे हैं, जिसमें से कुछ क्रिमिनल केसेस हैं, लेकिन मौर्य इसे राजनीति बताते हैं.
- लेकिन, सबसे ताकतवर बात जो उनके पक्ष्ा में जाती है वह है मोदी का इशारा. प्रधानमंत्री इलाहाबाद की एक सभा में कह चुके हैं राज्य का नेतृत्व फूलपुर से आता है. जान लीजिए कि मौर्य ने यहीं से चुनाव लड़ा है.
राजनाथ सिंह
- माना जा रहा है अगर राजनाथ सिंह पार्टी का चेहरा बनाए जा सकते हैं. क्योंकि उनके नाम पर समर्थन जुटाया जा सकता है.
- राजनाथ पार्टी के भीतर साफ सुथरी छवि और देश मे मजबूत नेता नेता माने जाते हैं और उनके नाम पर कोई विरोध नहीं होगा, लेकिन बड़े ठाकुर नेता के तौर पर इनकी पहचान है.
- राजनाथ राष्ट्रीय राजनीति छोड़कर प्रदेश में नहीं आना चाहेंगे, दिल्ली मे नम्बर दो माने जाते हैं, लेकिन प्रदेश में आकर अपना कद कम करना नहीं चाहेंगे.
दिनेश शर्मा
- आरएसएस से जुड़े परिवार से आते हैं, ब्राह्मण जाति से आते हैं, लखनऊ के मेयर हैं, पार्टी के राजनीतिक उपाध्यक्ष हैं और गुजरात के पार्टी के प्रभारी हैं.
- पीएम मोदी के करीब माने जाते हैं, इनके ही बुलावे पर पीएम दशहरे मे रामलीला मे आए थे. संगठन का चेहरा हैं और पर्दे के पीछे रहे हैं.
- कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा, न तो विधायक न ही सांसद रहे, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं के करीब रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ
- पार्टी का फायर ब्रांड हिन्दूवादी चेहरा
- लगातार कई बार से गोरखपुर से सांसद, प्रचारक के नाते सबसे ज्यादा इनकी डिमांड रही है, पूर्वांचल का बड़ा चेहरा हैं और खुलकर मच से सांप्रदायिक भाषण भी देते हैं.
- लोकप्रिय हिंदू चेहरा, छात्र जीवन मे विद्यार्थी परिषद् में काम किया.
- पहले भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे हैं, इसबार इनका दावा मजबूत है क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्य नाथ ने जमकर प्रचार किया हैभड़काऊ भाषण के कई मुकदमे इनपर हैं.
संतोष गंगावार
- बरेली से सांसद हैं.
- विनम्र और पुराना चेहरा, संगठन के माहिर आदमी हैं, स्वच्छ छवि, लगातार पांच बार से सांसद, गंगवार कुर्मी जाति से है बाजपेयी से लेकर मोदी तक बीजेपी के सभी कैबिनेट में रहे हैं. पिछड़ी जाति में बीजेपी के बड़े चेहरे हैं.
- कल्याण सिंह के बाद बीजेपी का पिछड़ी जाति का बड़ा नाम है.
- मोदी से भी इनकी करीबी है और बतौर मंत्री मोदी के नौ रत्न मंत्रियों में शुमार रहे हैं.
- इनकी पहचान केशव मौर्य की तरह हिंदूवादी नेता की नहीं है, ना ही प्रदेश में कभी ये मुख्यमंत्री की होड़ मे रहे हैं, लेकिन ये डार्क हॉर्स साबित हो सकते हैं.
मनोज सिन्हा
- मनोज सिन्हा पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से आते हैं और भूमिहर जाति से ताल्लुक रखते हैं.
- रेल राज्यमंत्री मंत्री के तौर पर प्रधानमंत्री की प्रशंसा पाते रहे हैं.
- बीएचयू के स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष रहे हैं.
- काफी सुलभ और सहज नेता माने जाते हैं.
- बड़े नेताओं की पसंद भी हैं.
- सामाजिक समीकरण इनके पक्ष में नहीं हैं और संगठन मे इनकी क्षमता कम मानी जाती है.
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