राहुल की तारीफ कुलकर्णी की कम, आडवाणी के 'मन की बात' ज्यादा लगती है
लालकृष्ण आडवाणी के प्रति राहुल गांधी के व्यवहार को नजीर बना कर पेश करते हुए सुधींद्र कुलकर्णी ने उसमें हिंदू संस्कृति और संस्कार को पिरोने की कोशिश की है. ऐसा लगता है जैसे कुलकर्णी अपनी नहीं, आडवाणी के 'मन की बात' कर रहे हों.
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शिवसेना और सुधींद्र कुलकर्णी एक दूसरे को भले न पसंद करते हों लेकिन उनकी एक पसंद कॉमन जरूर है - कांग्रेस के नये अध्यक्ष राहुल गांधी. शिवसेना और कुलकर्णी दोनों को ही राहुल गांधी में संभावना दिखती है और वे उन्हें भविष्य का प्रधानमंत्री बता रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी की किताब के लोकार्पण समारोह से पहले शिवसैनिकों ने कुलकर्णी के चेहरे पर स्याही पोतकर विरोध जताया था. जब इसको लेकर शिवसेना की आलोचना हुई तो 'सामना' में कुलकर्णी की तुलना आतंकियों से कर दी गयी.
शिवसेना ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले राहुल में भविष्य देखने की बात की थी, तो सुधींद्र कुलकर्णी ने उनके अध्यक्ष बनने पर ट्वीट कर तारीफ की है. सुधींद्र कुलकर्णी बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी के लंबे समय तक सहयोगी रहे हैं. सोचने वाली बात ये है कि कुलकर्णी के ट्वीट को किस रूप में देखा जाना चाहिये? कहीं इसमें आडवाणी के 'मन की बात' छिपी हुई तो नहीं है?
राहुल के हिंदू संस्कार और...
13 दिसंबर को संसद हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देने कई बड़े नेता पहुंचे थे. गुजरात में एक दूसरे पर अटैक और काउंटर अटैक के बाद कई नेताओं की ये पहली मुलाकात रही. खास बात ये रही कि मौके की तस्वीर वो बनी जैसे वाकये कल्पना से परे लगते हैं. तस्वीर में बीजेपी के मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी खातिर कुछ पल के लिए मार्गदर्शक के रूप में राहुल गांधी नजर आये. आडवाणी के काफी अरसे तक सहयोगी रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने ट्विटर पर इस वाकये की तस्वीर शेयर की - साथ में, कुछ नसीहतें भी. निशाने पर बीजेपी नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहे.
Hindu samskaar & sanskruti teach us: "Show respect to elders"Here, young #Congress president shows respect to #BJP's Pradhan Margdarshak ...while India's Pradhan Sevak looks away.#MargdarshakMandal has not met even once in 3.5 yrs. Shows how much BJP respects its Margdarshaks pic.twitter.com/E2HI8ZwtTL
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) December 14, 2017
कुलकर्णी ने आडवाणी के प्रति राहुल के मदद के हाथ और भाव को हिंदू संस्कारों और संस्कृति से जोड़ कर देखा. गुजरात में राहुल के हिंदूत्व के प्रति आस्था और कांग्रेस के सॉफ्ट हिंदुत्व स्टैंड खासे चर्चा में रहे. जब राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला तो सुधींद्र कुलकर्णी ने फिर से ट्विटर पर उनकी तारीफ में कसीदे पढ़े. कुलकर्णी की राय में भारत को राहुल गांधी जैसे नेता की जरूरत है और वो देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे.
A new leader is born. A leader India needs.A leader with a new- truly Gandhian- philosophy of politics.Politics of idealism, of love, of service, of inclusion, of dialogue.Today I'm even more convinced:#CongressPresidentRahulGandhi will, and should, become India's next PM. 1 pic.twitter.com/pLF4tELoLX
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) December 16, 2017
कुलकर्णी ने यही ट्वीट हिंदी के अलावा दूसरी भाषाओं में भी किया. अलावा इसके, कुलकर्णी ने सोनिया गांधी की भी तारीफ की और उन्हें साहसी महिला बताया. कुलकर्णी ने कहा कि सोनिया का भाषण लाखों लोगों के दिल को छू गया. अपने आखिरी अध्यक्षीय उद्बोधन में सोनिया गांधी ने बड़ा ही मर्मस्पर्शी भाषण दिया और खुद भी भावुक हो गयी थीं.
2. #SoniaGandhi, a Woman of Courage. One who overcame impossible odds to lead the #Congress for 19 long years. Her speech today touched millions of hearts.
Its speaks to the greatness of Indian culture and Indian democracy that Indian people accepted her as their own. #Salute pic.twitter.com/1Bcr5rGEPs
— Sudheendra Kulkarni (@SudheenKulkarni) December 16, 2017
गुजरात चुनावों के संदर्भ में भी कुलकर्णी ने एक आर्टिकल में राहुल गांधी के बारे में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी भले ही गुजरात का चुनाव जीत जायें लेकिन राहुल ने लोगों का दिल जीत लिया है.
एक मार्गदर्शक के 'मन की बात'
समझने की जरूरत ये है कि कुलकर्णी की बातों को किस नजरिये से देखा जाना चाहिये. कुलकर्णी काफी समय तक आडवाणी के सहयोगी जरूर रहे लेकिन विचारधारा के स्तर पर शायद कहीं अलग नजर आये. आपको याद होगा जिन्ना पर जिस भाषण के बाद आडवाणी बीजेपी में हाशिये पर चले गये उसे लिखा कुलकर्णी ने ही था.
2005 में आडवाणी बीजेपी के अध्यक्ष थे. पाकिस्तान के दौरे पर आडवाणी 4 जून को जिन्ना की मजार पर गये और अपने भाषण में मोहम्मद अली जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष बताया. जैसे ही ये बात बीजेपी मुख्यालय पहुंची - पलक झपकते ही संघ मुख्यालय भी पहुंचा दी गयी.
6 जून को जब आडवाणी दिल्ली पहुंचे तो एयरपोर्ट पर ही ‘जिन्ना समर्थक वापस जाओ’ के नारों से उनका स्वागत हुआ. अगले ही दिन आडवाणी ने अपने करीबी और तत्कालीन उपाध्यक्ष एम. वैंकेया नायडू (मौजूदा उपराष्ट्रपति) को संबोधित करते हुए इस्तीफा दे दिया. बीजेपी नेताओं की एक टीम ने कुछ देर तक इस्तीफा वापस लेने की रस्मअदायगी भी की, लेकिन संघ तब तक सक्रिय हो चुका था. संघ के हस्तक्षेप से राजनाथ सिंह को नया अध्यक्ष बना दिया गया.
किसके 'मन की बात'...
एक वाकये को गवाह बना कर कुलकर्णी ने बड़े करीने से उसमें हिंदू संस्कृति और संस्कार को पिरोने की कोशिश की है. वैसे तो ऐसी बातों के कोई दूरगामी नतीजे फिलहाल नहीं नजर आते, लेकिन ये तो माना जा सकता है कि कुलकर्णी ने बहाने से ही सही मौका और दस्तूर देखते हुए आडवाणी के 'मन की बात' तो कर ही दी है.
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