लखीमपुर गैंगरेप-हत्याकांड: परिजन, पुलिस, नेता और एजेंडाबाज पत्रकारों के अलग-अलग दावे
लखीमपुर रेप-हत्याकांड (Lakhimpur Kheri Rape Murder Case) में नाबालिग दलित लड़कियों के परिजनों का कहना है कि अपहरण कर रेप के बाद हत्या कर दी गई. वहीं, पुलिस की थ्योरी बताती है कि लड़कियां खुद आरोपियों के साथ गईं. इस मामले में नेताओं से लेकर पत्रकारों तक ने अलग-अलग दावे किए हैं.
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Lakhimpur Kheri Rape Murder Case: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दो नाबालिग दलित लड़कियों का अपहरण कर रेप के बाद हत्या कर दी गई. आरोपियों ने लड़कियों की हत्या के बाद शवों को एक खेत में पेड़ पर लटका दिया था. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों जुनैद, सुहैल, हफीजुर, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना के बाद सभी विपक्षी दलों ने कानून व्यवस्था को लेकर सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पुलिस ने शवों का पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. लेकिन, लखीमपुर रेप-हत्याकांड में परिजन, पुलिस, नेता और एजेंडाबाज पत्रकारों तक के अलग-अलग दावे सामने आ रहे हैं. आइए जानते हैं किसने क्या दावा किया है...
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस का दावा- लड़कियां खुद गईं
वहीं, पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा है कि नाबालिग लड़कियां खुद ही आरोपियों के साथ गई थीं. उनका अपहरण नहीं किया गया था. पीड़ित परिवार के घर के पड़ोस में रहने वाले छोटू गौतम ने ही आरोपियों जुनैद और सुहैल से लड़कियों की दोस्ती करवाई थी. बाइक पर ये आरोपी ही एक अन्य के साथ लड़कियों को बहला-फुसलाकर ले गए थे. अभी जांच प्रारंभिक स्तर पर है. और, पोस्टमार्टम के बाद अन्य आरोपियों पर भी उचित कार्रवाई की जाएगी. पोस्टमार्टम बिना अनुमति के कराए जाने के आरोप गलत हैं. परिजनों के सामने ही पोस्टमार्टम हुआ है. लड़कियों ने जब आरोपियों से शादी करने की बात कही, तो उन्होंने उनकी हत्या कर दी गई.
Lakhimpur kheri update: Six suspects have been arrested in the gangrape-murder of two minor dalit sisters found hanging from a tree. Post mortem in the presence of victim's family is underway, says SP Sanjiv Suman. pic.twitter.com/EcBjWffGZA
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) September 15, 2022
परिजनों ने किया अपहरण के बाद रेप और हत्या का दावा
मृतक लड़कियों की मां का दावा है कि दोनों बच्चियां घर के बाहर बैठी हुई थीं. इस दौरान वह किसी काम से घर के अंदर गई. तभी बाइक पर सवार होकर आए तीन लड़कों वहां पहुंचे. और, जबरन लड़कियों को घसीटकर बाइक पर बैठा लिया. इस दौरान उन्हें रोकने की कोशिश में धक्का-मुक्की भी हुई. लेकिन, वो लड़कियों को लेकर भाग गए. उसके बाद रात को गांव के ही एक खेत में लड़कियों के शव पेड़ से लटकते हुए मिले. मां का कहना है कि ये लड़के पास के ही गांव के थे. और, घर के आस-पास पहले भी कई बार देखे गए थे. पीड़ित पिता का कहना है कि शादी का मामला नहीं था. यह गलत है.
Lakhimpur: While @zoo_bear & his ilk won’t dare name accused with lips sealed & hatred for Lord Hanuman, the father of two slain Dalit minors tells @TheNewIndian_in the brave mom, who kept pleading with 3 of 5 Muslim men behind gangrape, will identify thempic.twitter.com/EF9FZaoJI3
— Rohan Dua (@rohanduaT02) September 15, 2022
विपक्षी दलों का दावा- हाथरस कांड की पुनरावृत्ति
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि दलित लड़कियों के पिता ने बिना सहमति के पंचनामा और पोस्टमार्टम करने का आरोप लगाया है. अखिलेश यादव ने इस घटना को हाथरस हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति करार दिया. वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि लखीमपुर में पीड़ित परिवार ने लड़कियों के दिनदहाड़े अपहरण का आरोप लगाया है. कानून व्यवस्था चरमरा गई है. और, यूपी में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध बढ़ते जा रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि लखीमपुर रेप-हत्याकांड सूबे में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा के मामले में सरकार के दावों की पोल खोलती है. हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं.
निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में 2 दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है। pic.twitter.com/gFmea4bAUc
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 14, 2022
एजेंडाबाज पत्रकारों के निशाने पर पुलिस
लखीमपुर रेप-हत्याकांड मामले में एजेंडाबाज पत्रकारों ने पहले योगी सरकार को घेरा. और, इसके बाद पुलिस को एक खलनायक की भूमिका में पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि, आरोपियों के मुस्लिम समुदाय से होने की जानकारी सामने आने के बाद इन एजेंडाबाज पत्रकारों के ट्वीट सिर्फ पुलिस को ही निशाने पर लेने के लिए किए जाने लगे.
Imagine discovering both your daughters hung from a tree and then imagine being shouted at by a cop on what you should say, how you should mourn and how you should protest. #Lakhimpur pic.twitter.com/OM2YEggTdZ
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 15, 2022
इन तमाम एजेंडाबाज पत्रकारों ने दावा किया कि पुलिस ने पीड़ित परिवार के साथ ठीक ढंग से बात नहीं की. पीड़ित परिवार समेत स्थानीय लोगों को धमकाया गया. ये अलग बात है कि मौके पर पहुंचे एसपी संजीव सुमन वहां परिजनों और अन्य लोगों को भड़का रहे अराजक तत्वों को शांत करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें समझाने की कोशिश के दौरान लिए गए वीडियो वायरल किए जा रहे हैं.
दो जवान बेटियों की हत्या से विचलित माँ से एसपी साहब किस तल्ख़ी से बात कर रहे हैं ? चेतावनी के साथ- साथ तेवर दिखा रहे हैं ...क्या यही तरीक़ा है पीड़ित परिवार से बात करने का एसपी साहब ? https://t.co/U1NFNR45VT
— Ajit Anjum (@ajitanjum) September 15, 2022
भाजपा ने विपक्ष और एजेंडाबाजों को कर दिया शांत
लखीमपुर रेप-हत्याकांड के आरोपियों की पहचान हो जाने के बाद योगी सरकार के मंत्रियों से लेकर भाजपा के नेता अब विपक्षी पार्टियों पर ही सवाल खड़े करने लगे हैं. भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि आरोपियों का नाम सामने आने के बाद एक सन्नाटा पसर जाएगा. वैसे, देखा जाए, तो विपक्षी पार्टियों ने लखीमपुर रेप-हत्याकांड में केवल ट्वीट कर ही अपने दायित्वों की इतिश्री कर ली है. जबकि, ऐसे ही हाथरस और उन्नाव जैसे मामलों में विपक्ष ने पूरे सूबे में जोरदार प्रदर्शन किया था.
लखीमपुर में दलित बेटियों के साथ अपराध करने वाले पापियों का नाम सामने आने के बाद अब एक सन्नाटा पसर जाएगा https://t.co/bG8X0b67By
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) September 15, 2022
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