Elections 2019 मतगणना: जानिए कैसे होगी EVM और VVPAT की गणना? कब तक आएगा पूरा रिजल्ट
Exit poll 2019 Results ने तो BJP और NDA को विजेता और Narendra Modi को अगला प्रधानमंत्री तो मान ही लिया है, लेकिन EVM और VVPAT के कारण लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित होने में काफी समय लग जाएगा.
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Lok Sabha Election Results 2019 अब बस एक ही दिन दूर हैं. Election Commission की तरफ से वोटों की गिनती (counting votes for 542 seats) 23 मई 2019 को सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगी. वैसे तो उम्मीद लगाई जा रही थी कि 23 मई को दोपहर तक ही नतीजे साफ हो जाएंगे, लेकिन इस बार एक नए नियम के कारण नतीजे आने में 5-6 घंटों से भी ज्यादा की देरी हो सकती है. कारण ये है कि इस बार EVM के साथ-साथ VVPAT मशीनों का आंकलन भी किया जाएगा. हर संसद क्षेत्र से इस प्रोसेस में 4 घंटे अधिक लगने की उम्मीद लगाई जा रही है. हर संसद क्षेत्र में पहले एक पोलिंग स्टेशन में VVPAT और EVM की तुलना होनी थी, लेकिन बाद में कोर्ट के आदेशों के मुताबिक ये एक नहीं पांच पोलिंग बूथ हो गया.
Exit poll 2019 Results ने तो BJP और NDA को विजेता और Narendra Modi को अगला प्रधानमंत्री तो मान ही लिया है, लेकिन सभी विपक्षी पार्टियां और नेता जैसे Rahul Gandhi (राहुल गांधी) , Priyanka Gandhi (प्रियंका गांधी), Mayawati (मायावती), Mamta Banerjee (ममता बनर्जी), Akhilesh Yadav (अखिलेश यादव), Shashi Tharoor (शशि थरूर), Arvind Kejriwal (अरविंद केजरीवाल), Yogendra Yadav (योगेंद्र यादव) और अन्य कई नेता इस बारे में सवाल उठा रहे हैं कि एग्जिट पोल 2019 का रिजल्ट गलत है और साथ ही EVM Hacking को लेकर भी आरोप लगाने लगे हैं.
EVM और VVPAT मशीनों की गणना के कारण इन चुनावों के नतीजों के आने में समय लगेगा.
524 सीटों का नतीजा ये बताएगा कि आखिर अगला Prime Minister of India कौन बनेगा. इन चुनावों में एक बार EVM की गिनती खत्म हो जाएगी तो फिर VVPAT पर्चियों की गिनती शुरू होगी और ये आसान बात नहीं है. ध्यान रहे कि इस बार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया गया था और इसीलिए वहां पर भी चुनाव के नतीजे देर रात तक आते रहे थे.
क्यों EVM and VVPAT Counting में समय लग जाएगा?
लोकसभा चुनाव 2019 में नए नियम और VVPAT काउंटिंग के कारण समय लगेगा ही. दरअसल, 90 करोड़ वोटर जिनमें 8.3 करोड़ पहली बार वोट देने वाले वोटर हैं जिनके लिए भारत में 10 लाख 35 हज़ार पोलिंग बूथ हैं और पोलिंग बूथ कुछ ऐसे डिजाइन किए जाते हैं कि किसी भी वोटर को अपने घर से दो किलोमीटर से ज्यादा न जाना पड़े वोट डालने के लिए. यही कारण है कि 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों को इलेक्शन ड्यूटी पर लगाया गया है और 40 लाख EVM लाई गई हैं और 17.4 लाख VVPAT मशीनों का इस्तेमाल किया गया है.
अब इनमें 542 constituencies (संसद क्षेत्र) हैं. मतलब 900000000/ 542 यानी औसत हर संसद क्षेत्र के 16.5 लाख वोटर. 40 लाख ईवीएम तो 4000000/542 यानी 7380 ईवीएम प्रति संसद क्षेत्र. इतनी ही VVPAT मशीनें. इसमें से 5 पोलिंग बूथ की ईवीएम मशीनें और VVPAT का मिलान. जिसमें ज्यादा और कम कैसे भी वोटर हो सकते हैं. इसमें समय लग ही जाएगा. अगर आसान गणित भी करें तो क्योंकि हर संसद क्षेत्र से 5 पोलिंग बूथ चुनने हैं इसलिए 10.40 लाख पोलिंग स्टेशन में से 20,600 यानी इतने पोलिंग बूथ की गिनतीतो होगी ही होगी. EVM और VVPAT की गणना तो चुनाव आयोग को करनी ही है. ये आंकड़े भले ही आधिकारिक न हों और आसान गणित का कमाल हों, लेकिन एक अनुमान तो ये दे ही देते हैं कि आखिर कितनी अतिरिक्त मेहनत इन लोकसभा चुनावों में करनी होगी.
हर काउंटिंग हॉल में एक अलग से VVPAT बूथ भी बनाया गया है. और वोटों की गिनती 5 राउंड में होगी. दिल्ली में 70 assembly constituencies हैं और इसलिए यहां 350 VVPAT की गिनती होगी.
भले ही चुनाव नतीजों में देरी हो भी जाए, लेकिन शुरुआती रुझान तो आने शुरू हो ही जाएंगे. www.eci.gov.in में भी ये लगातार अपडेट होते रहेंगे. LIVE UPDATES ON LOK SABHA ELECTION RESULTS 2019 हर न्यूज चैनल और न्यूज वेबसाइट में देखने को मिलेंगे. Watch Live at India Today, Aaj Tak, ABP News, NDTV, Zee News, CNN, Times Now TV आदि इनमें अहम होंगे जो पल-पल की खबर देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने ये तय कर दिया है कि 5 पोलिंग बूथ का चयन बिना सोचे समझे किया जाएगा.
इन चुनावों में कई बातें नई हुई हैं जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल. वोटर लिस्ट में से दो-तिहाई लोग 35 साल से कम उम्र के थे. 43 करोड़ भारतीय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और इंटरनेट पर एक्टिव रहते हैं. 30 करोड़ फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं, 20 करोड़ वॉट्सएप पर लगातार मैसेज भेजते हैं और 3 करोड़ ट्विटर पर एक्टिव हैं. इन्हीं आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया और युवा वोटरों को लुभाने की तकनीक बनाई थी. खास तौर पर BJP IT Cell ने इस काम को निभाया.
2014 के लोकसभा चुनावों में Narendra Modi and Amit Shah की जोड़ी ने कुछ ऐसा कमाल दिखाया था कि BJP ने 543 में से 282 सीटें जीत ली थीं और UPA का 10 साल का राज तोड़ दिया था.
अब हर तरह से मोदी सरकार की वापसी की उम्मीद लगाई जा रही है. विपक्षी पार्टियों के ईवीएम को लेकर लगाए गए आरोपों के बीच इस बार के चुनावों में चुनाव आयोग द्वारा हिंसा की आशंका भी जताई जा रही है और इसलिए सुरक्षा की तैयारियां भी की जा रही हैं. नतीजे चाहें जो भी हों, लेकिन इतना तो तय है कि विपक्ष ईवीएम हैकिंग के आरोपों को और भी ज्यादा मुखर होकर बोलेगा.
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